झर-झर बरसे नयन हमारे ज्यूँ झर-झर बदरा बरसे रे
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
भाव में,भाषा में थोड़ा सा चयन कर लें
एक छोटी सी रचना आपसी जेष्ठ श्रेष्ठ बंधुओं के सम्मुख
देव विनायक वंदना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
इश्क की वो इक निशानी दे गया
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
कोरोना का रोना! / MUSAFIR BAITHA
कभी कभी भाग दौड इतना हो जाता है की बिस्तर पे गिरने के बाद कु
नेता बनाम नेताजी(व्यंग्य)
वीर वैभव श्रृंगार हिमालय🏔️☁️🌄🌥️
गौतम बुद्ध रूप में इंसान ।
दम है तो गलत का विरोध करो अंधभक्तो
*जितनी जिसकी सोच संकुचित, वह उतना मेधावी है (मुक्तक)*
शायद ये सांसे सिसक रही है
राम काव्य मन्दिर बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...