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16 Feb 2024 · 1 min read

“हाल ए ओश”

हमसे ज्यादा हमें जानने पर,
जिस जिस पे हमें गुरूर हुआ।

एक पल में वो हमसे अजनबी,
दूजे पल ही हमसे दूर हुआ।

अश्कों से भी ऐसी अनबन,
ख़ुद पे हँसने को दिल मजबूर हुआ।

ठोकर, तमाशे, तमाची ताने,
सह -सह के चकनाचूर हुआ।

ओसमणी साहू ‘ओश’ रायपुर (छत्तीसगढ़)

1 Like · 51 Views
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