One day you will realized that happiness was never about fin
क्या मथुरा क्या काशी जब मन में हो उदासी ?
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
मैं सुर हूॅ॑ किसी गीत का पर साज तुम्ही हो
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
25-बढ़ रही है रोज़ महँगाई किसे आवाज़ दूँ
"पँछियोँ मेँ भी, अमिट है प्यार..!"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"कुछ पन्नों में तुम हो ये सच है फिर भी।
*कभी अच्छाई पाओगे, मिलेगी कुछ बुराई भी 【मुक्तक 】*
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......