Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

शब्दों की रखवाली है

गीत
शब्द हमारे मन का चित्रण
शब्दों की हरियाली है
जब भी शब्द झरे अधरों से
शब्दों की रखवाली है ।।

शब्द सुमन अर्पण यह जन का
अभिलाषा उद्बोधन का
भाव शून्य जब जगत् खड़ा हो
तेरे मेरे मर्दन का
जब भी शब्द मरे कमरों में
शब्दों की बिकवाली है…..

शब्द लहर है, मन का सागर
नदिया सा उच्छवास है
भीगी-भीगी पलकें कहतीं
यही अपना विश्वास है
जब भी शब्द सजे कजरों में
शब्दों की दीवाली है…

मर्यादा का दर्पण देखा
बदला-बदला मुखमंडल
एक निशानी इतिहासों की
उड़ता-उड़ता यह आंचल
जब भी शब्द घिरे खतरों से
शब्द-शब्द मां काली है।।

सूर्यकांत

Language: Hindi
Tag: गीत
89 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विश्वकप-2023
विश्वकप-2023
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
संगीत
संगीत
Vedha Singh
बदनाम से
बदनाम से
विजय कुमार नामदेव
"एक नज़र"
Dr. Kishan tandon kranti
आंसुओं के समंदर
आंसुओं के समंदर
अरशद रसूल बदायूंनी
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
Neeraj Agarwal
जिम्मेदारियाॅं
जिम्मेदारियाॅं
Paras Nath Jha
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
दोहे- दास
दोहे- दास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
⚘️महाशिवरात्रि मेरे लेख🌿
⚘️महाशिवरात्रि मेरे लेख🌿
Ms.Ankit Halke jha
आप प्रारब्ध वश आपको रावण और बाली जैसे पिता और बड़े भाई मिले
आप प्रारब्ध वश आपको रावण और बाली जैसे पिता और बड़े भाई मिले
Sanjay ' शून्य'
बेटी को मत मारो 🙏
बेटी को मत मारो 🙏
Samar babu
हिन्दी
हिन्दी
manjula chauhan
लक्ष्य
लक्ष्य
लक्ष्मी सिंह
शिक्षक हूँ  शिक्षक ही रहूँगा
शिक्षक हूँ शिक्षक ही रहूँगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2697.*पूर्णिका*
2697.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कविता माँ काली का गद्यानुवाद
कविता माँ काली का गद्यानुवाद
दुष्यन्त 'बाबा'
गजल
गजल
Punam Pande
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पिता एक सूरज
पिता एक सूरज
डॉ. शिव लहरी
रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत
रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत
कवि रमेशराज
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बैठा हूँ उस राह पर जो मेरी मंजिल नहीं
बैठा हूँ उस राह पर जो मेरी मंजिल नहीं
Pushpraj Anant
कुछ लोग रिश्ते में व्यवसायी होते हैं,
कुछ लोग रिश्ते में व्यवसायी होते हैं,
Vindhya Prakash Mishra
बच्चे आज कल depression तनाव anxiety के शिकार मेहनत competiti
बच्चे आज कल depression तनाव anxiety के शिकार मेहनत competiti
पूर्वार्थ
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
Sunil Suman
प्रेम पथ का एक रोड़ा✍️✍️
प्रेम पथ का एक रोड़ा✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गौण हुईं अनुभूतियाँ,
गौण हुईं अनुभूतियाँ,
sushil sarna
*भीड़ से बचकर रहो, एकांत के वासी बनो ( मुक्तक )*
*भीड़ से बचकर रहो, एकांत के वासी बनो ( मुक्तक )*
Ravi Prakash
जय श्री कृष्णा राधे राधे
जय श्री कृष्णा राधे राधे
Shashi kala vyas
Loading...