Posts “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 223 authors · 531 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 Dr. Kishan Karigar 17 Apr 2022 · 1 min read पिता घर परिवार की जिम्मेदारीयों को निभाता रहता हर घर में वो जो है पिता. बच्चो बीबियों की खुशियों के ख़ातिर अपना हर ग़म छुपा लेता है पिता. जी तोड़ मेहनतक़शी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 12 774 Share Rajesh vyas 17 Apr 2022 · 1 min read पापा मेरे भी यारों ___घनाक्षरी परमपिता है वह सबका ही रखवाला। हम तुम जिनको कहते भगवान हैं।। धरा पर जन्म दिया पाला पोसा गोद में भी। पापा मेरे भी यारों इतने ही महान हैं।। मुझे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · घनाक्षरी 6 10 229 Share Phoolchandra Rajak 17 Apr 2022 · 1 min read पिता। जगत में कोई न पिता समान। पिता है चलता फिरता भगवान। बच्चों को रखें ध्यान, सब करें कल्याण। आज सब करो पिता का सम्मान। जगत में पिता है, सबसे महान।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 5 333 Share Manu Vashistha 17 Apr 2022 · 1 min read हाइकु__ पिता पिता____ 1_💕 जनक सुता पाए राम से वर खुश हैं पिता! 2_💕 सुनहुं तात! जग पसारे हाथ पुरी का भात 3_💕 नभ में रवि हम बच्चों के लिए पिता की... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · हाइकु 6 9 366 Share हरवंश हृदय 17 Apr 2022 · 1 min read पिता महज एक व्यक्ति नहीं है संतति के सिर पर साये सा, माँ के माथे की बिंदिया है पिता महज एक व्यक्ति नहीं है, कायनात है, पूरी दुनिया है जिसकी चमक सहज ही अम्मा की आंखों... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 41 94 1k Share Dr. Pratibha Mahi 17 Apr 2022 · 1 min read पापा को मैं पास में पाऊँ जो भी कहना चाहते पापा बिन बोले कह जाते पापा उनके प्यार का अन्त न कोई उनके जैसा संत न कोई रिश्ता है एहसास का भाई अटल अज़ब विश्वास का... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 12 15 731 Share n_upadhye 17 Apr 2022 · 1 min read पिता अब बुढाने लगे है फलक पे जो देखो ढलकते रवि को नजर मे ले आना पिता की छवि को बहोत दिन हुए है तुम्हे घर को आये तुम्हे काम के सौ बहाने लगे हैं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 9 5 426 Share Godambari Negi Pundir 17 Apr 2022 · 1 min read 'पिता' पिता नहीं तो हम नहीं, उनसे मिला शरीर। सुख चुन-चुन संतान दे, सहे स्वयं वो पीर। सहे स्वयं वो पीर, प्रसन्नता से भार सहे। हर ले दुख संतान, बोल न... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कुण्डलिया 5 14 218 Share Dr. Pratibha Mahi 17 Apr 2022 · 1 min read पिता तुम हमारे लाये जमी पर दिखाए नज़ारे जहाँ से हो प्यारे पिता तुम हमारे वो बचपन हमारा बड़ा ही सलौना जो माँगा था हमने वो पाया खिलौना सुनाई थी लोरी और काँधे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 12 18 532 Share bhagirathprasad59 17 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता माता का श्रृंगार है, सुहाग है उनकी संतानें कुल का चिराग है। हो चाहे अभाव, न महसूस होने दे खुद पी ले आंसू , न किसी को रोने दे।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 5 143 Share नंदन पंडित 17 Apr 2022 · 1 min read घर को बाँधे रखे रहे मरते-मरते जिम्मेदारी काँधे रखे रहे जैसे-तैसे बप्पा घर को बाँधे रखे रहे उछला-कूदा समय नहीं पर पकड़ फिसलने दी पाँव तले रहकर भी पगड़ी नहीं उछलने दी उदरों का भी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · गीत 9 13 491 Share नूरफातिमा खातून नूरी 17 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता जिन्दगी में हर पल सुकून पाया है मां हरियाली है तो पिता घना साया है। पिता के कन्धे पर बैठ जग घूम लिया, देखा हमे ज़मीं पर तो उठा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 9 195 Share Buddha Prakash 17 Apr 2022 · 1 min read पिता हे पिता ! तुम हो महान , अस्तित्व मेरा तुमने किया प्रदान , इस भवसागर में होते हो मेरे साथ , सुख देने के लिए करते हर संभव प्रयास ,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता · प्रकाश की कविताएं 22 22 1k Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा वो अंतिम क्षण बात सिर्फ ये नही कि मुझ से भुलाया क्यो नही जा रहा है पापा वो अंतिम क्षण जब तुम जा रहे थे दूर इतनी दूर जहां हम दोनों एक साथ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 3 157 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा हमेशा कहते थे पापा हमेशा कहते थे... अब उठा ले लेखनी शब्दों को रूप दे कागज और कलम के मिलन को सौप दे अब शब्दो से अपने काव्य में प्राण भर दे तेरा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 5 154 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा जवाब दो पापा क्या आप मेरी एक बात का जवाब देंगे क्या वो भी आपको कभी दहेज देंगे क्या जुर्म हैं आपका कि मैं बेटी हूँ क्या उनको हक हैं बेटा बेचने... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 119 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 2 min read अतीत के पन्नो में पापा शीर्षक:अतीत के पन्नो में पापा आज भी अतीत के पन्ने पलटती हूँ तो... मेरे पापा मुझे आज भी बहुत याद आते हैं। मेरे लिए धरती पर मेरे भगवान हुआ करते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 4 205 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक पापा तुम श्रद्धेय हो मेरे उऋण नहीं मैं हो सकती हूँ, बोलो कैसे हो सकती हूँ? आप मुझे धरती पर लाए अनगिन हैं उपकार आपके। सोचती हूं हर दम बस मैं करूँ समर्पित जीवन फिर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 147 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:पिता मैं गुमसुम सी देखती रहती कि…. आप अकेले ही सब परेशानी झलते रहे आपने कभी साझा करना चाहा ही नही अपने कष्टों को,परेशानी को आप सदैव ही छुपाते रहे कि... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 137 Share Dr.sima 16 Apr 2022 · 1 min read पिता दादा - दादी की लाड़ले मेरे पिता बड़े सौभाग्यशाली जिनके होते है पिता बेफिक्र दुनिया में जिनके होते हैं पिता। दुनियां में लाने वाले माध्यम, घर, पुरखों की भूमि की... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 13 26 407 Share Keshi Gupta 16 Apr 2022 · 1 min read पिता क्या कहे पिता के बारे में कैसे व्यक्तित्व को बयां करें साया पिता का हो जिस पर वह इत्तराता है किस्मत पर रक्षा कवच होता है पिता परिवार का ढोता... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 11 11 846 Share DR.MDHU TRIVEDI 16 Apr 2022 · 1 min read पिता अभिव्यक्ति है पिता सृष्टि निर्माण की अभिव्यक्ति है । मेरा जीवन अवलम्बन मेरी शक्ति है ।। पिता मेरे सखा सहेली मेरे मित्र है । जो जीवन मेरा संभाले वो चित्र है ।।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 9 8 570 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 16 Apr 2022 · 1 min read पिता मेरे / :: पिता मेरे :: ---------------- क्या सही है ? क्या गलत है ? जानते थे पिता मेरे । दे रही थी एक पैनी दृष्टि हम पर रोज पहरा । मुस्कुराहट... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · गीत 36 74 1k Share rubichetanshukla 781 16 Apr 2022 · 1 min read मेरे पिता पिता हैं तो मुझे सारा आसमान अपना लगता है। दुनिया की हर चीज, हर सामान अपना लगता है। जन्म मां ने दिया हमको पिता ने जीना सिखाया है। गलत और... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 8 12 833 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 16 Apr 2022 · 1 min read "मेरे पिता" पर्वत से अटल, नदिया की तरह निश्चल , होते हैं, पिता! कुछ भी ना, कह कर, सब कुछ कहते हैं ,पिता ! डांट फटकार में भी, अद्भुत प्रेम, छुपाते हैं,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 17 262 Share Manisha Manjari 16 Apr 2022 · 1 min read पिता आँखों में कुछ स्वप्न सजाए, चल पड़ा वो नई राहों में, ख्वाहिश थी एक कली खिले और महके उसके आँगन में। हवाओं ने चुगली कर डाली, कह डाला ईश्वर के... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 15 14 625 Share Kuldeep mishra (KD) 16 Apr 2022 · 1 min read ऐसे थे पापा मेरे ! त्याग ,बलिदान ,संघर्ष की प्रतिमूर्ति आदरणीय पिता जी ,जिन्होंने में घोर अंधकार में भी हमें अंधकार का कभी भी आभास तक नहीं होने दिया ,खुद दीपक बनकर अपनी रोशनी से... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 11 19 628 Share Ram Krishan Rastogi 16 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता बाहर कड़ी धूप में जलता है। तब कही घर में चूल्हा जलता है।। पिता एक उम्मीद है एक आस है। परिवार की हिम्मत व विश्वाश है।। पिता बाहर से... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 40 75 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 16 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता से अस्तित्व हमारा जो हमको सलोना संसार देता है । कर पालन - पोषण हमारा हमको नूतन आकार भी देता है ।। जिम्मेदारियों के बोझ लदा पिता अपने परिवार... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 8 9 684 Share Parmod Kumar 16 Apr 2022 · 1 min read पिता ..............,....पिता................... पिता एक कल्प वृक्ष है बच्चों के लिए जिसके होते होती हैं पूरी सभी जिद आशा आकांक्षा मिलती है सीख स्नेह संरक्षण संबल मार्गदर्शन जीवनपथ पर जो है बडा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 6 172 Share shivendra.kaushik011 16 Apr 2022 · 1 min read पिता *शीर्षक :-पिता*👏 *पिता* वो शक्स जो चुपचाप, सब सह जाता है। मन के भावों को किसी से कह नहीं पाता है।। बच्चो का पेट भरकर जो,भूखा ही सो जाता है।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 4 194 Share Previous Page 11