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17 Apr 2022 · 1 min read

पिता

पिता
जिन्दगी में हर पल सुकून पाया है
मां हरियाली है तो पिता घना साया है।

पिता के कन्धे पर बैठ जग घूम लिया,
देखा हमे ज़मीं पर तो उठा के चूम लिया।

हमारे परवरिश के लिए क्या-क्या करता है
दुनिया की हर मुश्किल से अकेले लड़ता है।

हमारे लिए खुद की खुशियां कुर्बान करता है
हमारे भविष्य के लिए पाई-पाई जोड़ता है।

मरते दम तक हमारी सलामती मनाता है,
लाख दुःख हो पर कभी भी ना बताता है।

नूर फातिमा खातून “नूरी”( शिक्षिका)
जिला-कुशीनगर
उत्तर प्रदेश

5 Likes · 9 Comments · 170 Views
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