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Comments (74)

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15 Nov 2022 08:37 PM

Vaaahhh

19 Jun 2022 06:16 PM

Outstanding

आशीर्वाद

19 Jun 2022 06:15 PM

Mind blowing

आशीर्वाद

19 Jun 2022 06:15 PM

Gajab

19 Jun 2022 06:15 PM

Adbhut

18 Jun 2022 01:41 PM

Vaaahhhh

10 Jun 2022 11:39 AM

wah

धन्यवाद गुड़िया जी

वन्दनीय सृजन … भावपूर्ण … सुंदर कृति …आपका लेखन सराहनीय है । आदरणीय … उक्त शीर्षक पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें।
रचना पर पहुंच कर like & comment करें ।

धन्यवाद बंधु

31 May 2022 08:43 PM

सुंदर

30 May 2022 01:31 PM

बहुत ही खुबसूरत रचना।
कृपा मेरा गुरूर है पिता रचना पढकर कृतार्थ करें।

धन्यवाद बंधु

भाषा भाव भावना का शब्दकोश भरपूर मिला ।
कवि कुल से भाषा का सृजनात्मक सद्भाव मिला है ।।
गांव गली घर आँगन का अनुभव अनंत अपार मिला ।
रचनात्मक भूमि बुंदेली मे ईश्वर ही मनुहार मिला ।।
पंडित संजय रिछारिया
बेरखेड़ी सड़क

शुभाशीष प्रिय पुत्र संजय ।

10 May 2022 08:21 PM

वाह्ह्ह क्या गीत लिखा है जी,,, शानदार लाजवाब

धन्यवाद बंधु

5 May 2022 04:15 PM

बहुत खूब

धन्यवाद सर

4 May 2022 08:09 AM

बहुत ही सुन्दर रचना।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे

3 May 2022 10:08 PM

बहुत सुंदर रचना

धन्यवाद बहिन

पिता विषय पर आपकी अति सुंदर हेतु बहुत बहुत बधाई! मेरी रचना ‘कर्ज भरना पिता का न आसान है’ का अवलोकन भी अवश्य करें। यदि रचना अच्छी लगे तो आशीर्वाद स्वरूप लाइक व कमेंट भी दें।

धन्यवाद महेशपुरी जी

अति सुंदर रचना आपकी मान्यवर, कृपया मेरी रचना शीर्षक ” पिता – नीम की छाँव सा ” को नजर कर अपने विचार साझा करें , धन्यवाद आपका।

धन्यवाद आदरणीय

24 Apr 2022 08:24 PM

Excellent.

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