Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2021 · 1 min read

रावण हारा (बाल कविता)

रावण हारा (बाल कविता)
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
सोने की लंका के मालिक
बलशाली को मारा ,
महा – घमंडी रावण रण में
रामचंद्र से हारा ।

मेघनाथ को लक्ष्मण जी ने
रण में धूल चटाई ,
कुंभकरण भी हुआ पराजित
हारी सभी लड़ाई ।

जड़ में था अपराध यही
रावण ने सिया चुराई,
हे जटायु ! तुम धन्य
युद्ध में तुम ने जान गँवाई ।

धन्य – धन्य हनुमान !
सिया का तुमने पता लगाया ,
धन्य – धन्य नल नील !
सेतु सागर पर खूब बनाया ।
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

517 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
विजय द्वार (कविता)
विजय द्वार (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Exhibition
Exhibition
Bikram Kumar
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
कली से खिल कर जब गुलाब हुआ
नेताम आर सी
फिर से आयेंगे
फिर से आयेंगे
प्रेमदास वसु सुरेखा
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
कवि रमेशराज
घड़ी घड़ी ये घड़ी
घड़ी घड़ी ये घड़ी
Satish Srijan
सम पर रहना
सम पर रहना
Punam Pande
*सौलत पब्लिक लाइब्रेरी: एक अध्ययन*
*सौलत पब्लिक लाइब्रेरी: एक अध्ययन*
Ravi Prakash
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
संवेदनहीन प्राणियों के लिए अपनी सफाई में कुछ कहने को होता है
Shweta Soni
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हाथों ने पैरों से पूछा
हाथों ने पैरों से पूछा
Shubham Pandey (S P)
निभाना नही आया
निभाना नही आया
Anil chobisa
बूथ लेवल अधिकारी(बीएलओ)
बूथ लेवल अधिकारी(बीएलओ)
gurudeenverma198
सत्य की खोज
सत्य की खोज
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हमारा फ़र्ज
हमारा फ़र्ज
Rajni kapoor
अपने कार्यों में अगर आप बार बार असफल नहीं हो रहे हैं तो इसका
अपने कार्यों में अगर आप बार बार असफल नहीं हो रहे हैं तो इसका
Paras Nath Jha
"In the tranquil embrace of the night,
Manisha Manjari
ना जाने क्यों ?
ना जाने क्यों ?
Ramswaroop Dinkar
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
कसरत करते जाओ
कसरत करते जाओ
Harish Chandra Pande
__________सुविचार_____________
__________सुविचार_____________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
"असलियत"
Dr. Kishan tandon kranti
■ आज का चिंतन
■ आज का चिंतन
*प्रणय प्रभात*
3213.*पूर्णिका*
3213.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है
ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है
अनिल कुमार
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ'
Bodhisatva kastooriya
हे भगवान तुम इन औरतों को  ना जाने किस मिट्टी का बनाया है,
हे भगवान तुम इन औरतों को ना जाने किस मिट्टी का बनाया है,
Dr. Man Mohan Krishna
Loading...