Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2024 · 1 min read

विजय द्वार (कविता)

विजय द्वार

उठ जाग-ए- पथिक
जब जागे तभी सवेरा हो
अब सोचने में देर ना कर
मार्ग तेरे इंतजार में है
मिलों का सफर है तो क्या
दिल में इक आस तो है माना पथरीला मार्ग है तो क्या
टेढ़े-मेढ़े रास्ते हैं तो क्या
मुश्किलें होंगी कदम कदम पर तो क्या जिंदगी में पड़े तुझे जूझना तो क्या
मंजिले दूर है तो क्या
कांटो भरा सफर है तो क्या
रखने हैं कदम संभाल संभाल कर तो क्या तपिश में भी तुझे जीना पड़े तो क्या प्यास में भी तुझे रहना पड़ी तो क्या
कंकर से भरने पड़ी झोली तो क्या
खून का पसीना करना पड़े तो क्या
कांटों पर तुझे चलना पड़े तो क्या
सामने तेरे विजय द्वार तो है

Language: Hindi
5 Likes · 3 Comments · 55 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
VEDANTA PATEL
উত্তর দাও পাহাড়
উত্তর দাও পাহাড়
Arghyadeep Chakraborty
रक्षा के पावन बंधन का, अमर प्रेम त्यौहार
रक्षा के पावन बंधन का, अमर प्रेम त्यौहार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
क्रोधावेग और प्रेमातिरेक पर सुभाषित / MUSAFIR BAITHA
क्रोधावेग और प्रेमातिरेक पर सुभाषित / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Sahityapedia
Sahityapedia
भरत कुमार सोलंकी
"ढिठाई"
Dr. Kishan tandon kranti
श्रम दिवस
श्रम दिवस
SATPAL CHAUHAN
जंगल में सर्दी
जंगल में सर्दी
Kanchan Khanna
भजन- सपने में श्याम मेरे आया है
भजन- सपने में श्याम मेरे आया है
अरविंद भारद्वाज
नर नारी संवाद
नर नारी संवाद
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
चंदा मामा और चंद्रयान
चंदा मामा और चंद्रयान
Ram Krishan Rastogi
आशा की किरण
आशा की किरण
Nanki Patre
राष्ट्रशांति
राष्ट्रशांति
Neeraj Agarwal
माली अकेला क्या करे ?,
माली अकेला क्या करे ?,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*
*"अवध में राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
किसी मे
किसी मे
Dr fauzia Naseem shad
अनचाहे अपराध व प्रायश्चित
अनचाहे अपराध व प्रायश्चित
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गृहणी का बुद्ध
गृहणी का बुद्ध
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
अर्ज किया है
अर्ज किया है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
अधूरा प्रेम
अधूरा प्रेम
Mangilal 713
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2630.पूर्णिका
2630.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कँवल कहिए
कँवल कहिए
Dr. Sunita Singh
चूहा भी इसलिए मरता है
चूहा भी इसलिए मरता है
शेखर सिंह
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
Paras Nath Jha
क्या बोलूं
क्या बोलूं
Dr.Priya Soni Khare
* बाँझ न समझो उस अबला को *
* बाँझ न समझो उस अबला को *
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मांँ
मांँ
Diwakar Mahto
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
Loading...