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18 Jan 2024 · 2 min read

*”अवध में राम आये हैं”*

“अवध में राम आये हैं”
सजा दो घर आँगन को ,प्रभु श्री राम आये हैं।
अवध में रामजन्म भूमि,
नव युग निर्माण कराये है।
लगा दो लाख पहरे तुम ,
त्याग तप बलिदान कर आये हैं।
सजा दो घर आँगन को, प्रभु श्री राम आये हैं……..
लहराए केसर तिरंगी ध्वजा,
चहुँ ओर राम ही राम छाये हैं।
बादल गरजे अमृत जल बरसे,धरती अंबर फूल बरसाये है।
भादो मास द्वितीया तिथि में शुभ मुहूर्त,
शुभारंभ द्वार मंगल दीपमालिका जलाये है।
सजा दो घर आँगन को अवध में राम आये हैं ……….! !
पावन भूमि पर धर्म संस्कृति में नया इतिहास ,
शिलान्यास बनाये हैं ।
रोशन हुआ सारा संसार ,जनमानस हर्षित हो ,चेहरों पर खुशियाँ लाये हैं।
गूंज उठा सारा जहान ,जयकारा श्री राम का लगाए हैं।
सजाओ घर आँगन को ,मेरे श्री राम आये हैं…….! ! !
अवध में रामलला विराजे ,सीता मैया संग लखन भी आये हैं।
रोम रोम में राम बसत है , मोहक छबि मन को लुभाये है ।
अवध की शोभा देखो आज ,रामजन्म भूमि सजाये हैं।
सजाओ अवधपूरी को आज प्रभु श्री राम आये हैं……! ! !
युगों युगों तक हॄदय में बसे , हर्षोल्लास दिलों में जगाए हैं।
कण कण में राम विराजे ,दो अक्षरों में राम जपे जब जीवन तर जाये है।
सजा लो घर द्वार को ,दीपों से अवध में राम विराजे है………! ! !
जलती रहे यूँ ही प्रेम की बाती ,अंतर्मन ज्योति जगाए हैं।
चरण रज पड़े अवध में ,जयघोष जयकारा राम की लगाए हैं।
सजा लो घर को गुलशन सा ,जगत में श्री राम ही राम छाये है……..! ! !
शशिकला व्यास📝
सियावर रामचन्द्र की जय
पवनसुत हनुमान की जय
🏮🎊🪔🏮🎊🪔🏮🎊🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔

3 Likes · 2 Comments · 141 Views
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