शादी वो पिंजरा है जहा पंख कतरने की जरूरत नहीं होती
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
बिखर गए ख़्वाब, ज़िंदगी बेमोल लूट गई,
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
अद्भुत प्रयास
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
बचपन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
प्यार..... करना, जताना और निभाना... तीनो अलग अलग बाते है.. प
कभी कहा न किसी से तिरे फ़साने को
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा