प्रेम जीवन धन गया।
बुढ़ापा अनुभव से सीखा,हॅंसा ज्ञानी बन गया।
नहीं सीखा,भ्रमित हो, माया में निश्चय सन गया।
सीख लेते वही जन नायक बनें “नायक बृजेश”
जो न सॅंभले, दुख में डूबे, प्रेम जीवन धन गया।
पं बृजेश कुमार नायक
बुढ़ापा अनुभव से सीखा,हॅंसा ज्ञानी बन गया।
नहीं सीखा,भ्रमित हो, माया में निश्चय सन गया।
सीख लेते वही जन नायक बनें “नायक बृजेश”
जो न सॅंभले, दुख में डूबे, प्रेम जीवन धन गया।
पं बृजेश कुमार नायक