“पं बृजेश कुमार नायक” एक भारतीय हिदी कवि हैं। हिंदी विषय के साथ एम ए की उपाधि धारण करने वाले कवि पं बृजेश नायक की अब तक पाॅंच कृतियाॅं,जागा हिंदुस्तान चाहिए,क्रौंच सु ऋषि आलोक,पं बृजेश कुमार की चुनिंदा रचनाएं,नायक जी के मुक्तक और नायक जी की कुंडलिकाएं प्रकाशित हैं और अमेज़न पर उपलब्ध हैं। भारत गौरव मानद सम्मान, विद्यावाचस्पति और विद्यासागर सारस्वत सम्मानों सहित अब तक 17 से अधिक सम्मानों से अलंकृत कवि पं बृजेश कुमार नायक “आर्ट ऑफ लिविंग” के संस्थापक और विश्व प्रसिद्ध योगी सद्गुरु श्री श्री रविशंकर के शिष्य हैं।हाईस्कूल प्रमाण पत्र के अनुसारआपका जन्म 08 मई 1961 को ग्राम कैथेरी,तहसील उरई,जिला जालौन,उ प्र, भारतवर्ष के मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में श्री रामस्वरूप और स्वर्गीय श्री मती मूर्ति देवी के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में हुआ था।आपके दो पुत्र पवन कुमार नायक,कमांडर इण्डियन नेवी और रवि प्रकाश नायक हैं।कवि पं बृजेश कुमार नायक का पाणिग्रहण संस्कार सुभाष नगर,कोंच, जिला जालौन,उ प्र, के निवासी स्वर्गीय श्री सरजू प्रसाद दीक्षित, लोकतंत्र रक्षक सैनानी और श्रीमती राममूर्ति की इकलौती पुत्री/संतान शिवकुमारी के साथ,उक्त सरजू प्रसाद दीक्षित लोकतंत्र रक्षक सैनानी की जन्मभूमि ग्राम कनासी,तहसील कोंच,ज़िला-जालौन,उत्तर प्रदेश से हुआ था।आपका बाल्यकाल जन्मभूमि ग्राम कैथेरी, पोस्ट बड़ागांव (उरई ),जिला जालौन, उ प्र में बीता,विवाह के बाद ससुराल सुभाष नगर,कोंच,जिला जालौन,उ प्र के निवासी बने, बाद में ज्येष्ठ पुत्र पवन कुमार नायक ,कमांडर इन्डियन नेवी के विला D75,सनफ्रान अशोक सिटी झाॅंसी को साहित्य साधना-स्थली बनाया।कुछ समय बाद आपने झाॅंसी,उ प्र,के मौजा मेरी में स्थित विला G122,सनफ्रान अशोक वैली”झाॅंसी, मुस्तरा रेलवे स्टेशन के पास,को क्रय किया।पजेशन मिलने के बाद,उक्त विला G122, सनफ्रान अशोक वैली, झाॅंसी,उ प्र,मुस्तरा रेलवे स्टेशन के पास,को कवि-धाम के रूप में उपयोग करना प्रारम्भ किया।
संपर्क सूत्र
G 122,
सनफ्रान अशोक वैली, झाॅंसी
“मुस्तरा रेलवे स्टेशन के पास”
झाॅंसी,उ प्र, भारतवर्ष,
पिनकोड -284128
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