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1 Jan 2024 · 1 min read

शुभ् कामना मंगलकामनाएं

ऋतुओं की पुनरावृत्ति का नाम नव-वर्ष

मन्नत मांगने की आदतें पालते नहीं,
हठ करना क्यों, व्यवहार शुद्धि ही सही
सहज कला स्वयं सृजन, पैदा करती है .
व्यर्थ के संकल्प विकल्प किस काम के,
.
लेकर उजाला तपती धूप सूर्ख लाल सूरज,
दिनभर का जो कसाला, रखता है अर्ज़ .
शीतल सी चांदनी, पूर्ण करती अपना फर्ज़,
खेलों कूदे हंसे नाचे, पहचान कर स्व मर्ज़ .।
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नहीं किसी का कोई कर्ज, याद रखें फर्ज़,
हो जाओ मर्ज प्रेम सी सुगंध फैली रहे..
हरे भरे उद्यान, समय पर होती रहे बरसात
जीवन अमर रहे, सनातन शाश्वत सौगात .।।
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