महिला की हर जगह दिख रही,

महिला की हर जगह दिख रही,
है समान भागीदारी ।
जिसकी शक्ति का लोहा
मान चुकी है दुनिया सारी।
क्यों कहता नारी पीछे है।
नही कहो अबला बेचारी।
कंधा मिलाकर चल पडी है ।
प्रगतिशील है आज की नारी।
आधी दुनिया जिसके बल पर।
जिससे बनती सृष्टि हमारी।
ममता की मूरति है कामिनी,
भामिनी दारा आदि नामधारी।
एक नहीं दो दो मात्राएं।
नर से भारी नारी ।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र