"पं बृजेश कुमार नायक की चुनिंदा रचनाएं" काव्य संग्रह के रूप में, कविवर "पं बृजेश कुमार नायक" ने राष्ट्र-प्रेम, हास्य, माता एवं पिता, गरीबी,ईश्वरीय श्रृंगार से युक्त प्रेम और सौंदर्य...
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“पं बृजेश कुमार नायक की चुनिंदा रचनाएं” काव्य संग्रह के रूप में, कविवर “पं बृजेश कुमार नायक” ने राष्ट्र-प्रेम, हास्य, माता एवं पिता, गरीबी,ईश्वरीय श्रृंगार से युक्त प्रेम और सौंदर्य के अनूठे मिश्रण सहित कई अन्य विषयों पर लिखी गई श्रेष्ठ रचनाओं को इस कृति में स्थान प्रदान किया है। देखिए “श्री कृष्ण उवाच” के रूप में इस कृति (“पं बृजेश कुमार नायक की चुनिंदा रचनाएं” काव्य संग्रह के द्वितीय संस्करण) की, प्रेम और प्राकृतिक सौंदर्य के मिश्रण से युक्त “श्रंगार रस” की एक सुंदर-मनभावन रचना/गीत की कुछ पंक्तियाॅं…..
श्री कृष्ण उवाच…..
दोहा
वर्षा सद्प्रीत का, सुंदर भाव विधान।
क्षण-क्षण मिलन -समान है,कर लो अनुसंधान।
प्रकृति प्रेम सुखधाम है, त्याग दीजिए शोक।
ज्ञान ग्रहण कर के बनो, आप प्रीति -आलोक।
गीत
प्यार देकर प्रकृति मुस्करा -सी रही।
गीत गाकर दिलों को लुभा-सी रही।
देख लो बाग की मोहनी हर झलक।
दिल सुगंधी हवा से घिरा अब तलक।
गुण-सुधा में मुहब्बत नहाॅं-सी रही।
प्यार देकर प्रकृति……
👉 कृति की श्रेष्ठता के आधार पर रचनाकार को प्राप्त सम्मान👇
1✓ “भारत गौरव सम्मान” 2024 द्वारा बिक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, बिहार
👉संस्करण
1✓प्रथम संस्करण 2018, ISBN:978-81-937022-7-7
2✓द्वितीय संस्करण 2021, ISBN :978-81-952348-1-3
यह कृति (“पं बृजेश कुमार नायक की चुनिंदा रचनाएं” कृति का द्वितीय संस्करण) अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध हैं।
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