#दोहा और सोरठा छंदों की परिभाषाएँ एंव ‘खेती और किसान’ विषय के उदाहरण
सोरठा और दोहा छंद की परिभाषा एवं ‘खेती और किसान’ विषय के उदाहरण-
दोहा छंद-दोहा एक अर्द्ध सममात्रिक छंद है।इसमें चार चरण होते हैं।इसके विषम चरणों(प्रथम एवं तृतीय) में तेरह-तेरह मात्राएँ और सम चरणों(द्वितीय एवं चत्तुर्थ) में ग्यारह-ग्यारह मात्राएँ होती हैं।सम चरणों का तुकांत लघु मात्रा से होना अनिवार्य है।
सोरठा छंद-सोरठा एक अर्द्ध सममात्रिक छंद है।यह दोहा छंद का उल्टा होता है यानि इसके विषम चरणों(प्रथम एवं तृतीय) में ग्यारह-ग्यारह मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय एवं चत्तुर्थ) में तेरह-तेरह मात्राएँ होती हैं।इसके समचरणों में तुकांत नहीं होता;विषम चरणों में लघु मात्रा से तुकांत होना चाहिए।
दोहा और सौरठा छंद के उदाहरण-
#सोरठा छंद
दाता अन्न किसान,मज़बूरी में ना रहे।
सरकारी हो मान,ख़ुशहाली आँगन बढ़े।।
#दोहा छंद
मज़बूरी में ना रहे,दाता अन्न किसान।
ख़ुशहाली आँगन बढ़े,सरकारी हो मान।।
#सोरठा छंद
ओले सूखा बाढ़,रिपु-सी सर्दी पौष की।
भादो ज्येष्ठ अषाढ़,सहता गर्मी मार भी।।
#दोहा छंद
रिपु-सी सर्दी पौष की,ओले सूखा बाढ़।
सहता गर्मी मार भी,भादो ज्येष्ठ अषाढ़।।
#सोरठा छंद
सरकारी है फ़र्ज़,नीति नियम हित में करे।
समझ कृषक का मर्ज़,सुविधाओं की मौज़ दे।।
#दोहा छंद
नीति नियम हित में करे,सरकारी है फ़र्ज़।।
सुविधाओं की मौज़ दे,समझ कृषक का मर्ज़।।
#सोरठा छंद
उच्च कर्म कृषि कांत,करो कृषक का मान सब।
श्रमफल करता शांत,हर उदर जली आग भी।।
#दोहा छंद
करो कृषक का मान सब,उच्च कर्म कृषि कांत।
हर उदर जली आग भी,श्रमफल करता शांत।।
#सोरठा छंद
सोचो रोटी देख,श्रम क़ीमत का ज्ञान हो।
न्याय लिखो अभिलेख,रहकर खेतों बीच में।।
#दोहा छंद
श्रम क़ीमत का ज्ञान हो,सोचो रोटी देख।
रहकर खेतों बीच में,न्याय लिखो अभिलेख।।
#आर.एस.’प्रीतम’