तुम हो मेरे लिए जिंदगी की तरह
तुम हो मेरे लिए जिंदगी की तरह।
छोड़ कर जाओ न हर किसी की तरह।
छोड़ करके जमाना भरोसा किया।
मोड़ लेना न रुख अजनबी की तरह।
मिल गई हर खुशी और रब की रजा।
जिसने कि बंदगी, बंदगी की तरह।
प्यास दौलत की ऐसी है मिटती नहीं।
प्यासी है जिंदगी इक नदी की तरह।
छोड़कर तुम मुझे दूर जब से गए।
वोह गली अब कहां, है गली की तरह।
फूल हो तुम हमारी मैं भंवरा तेरा।
मुझको लगती हो कच्ची कली की तरह।
रसमलाई हो लड्डू हो छेना हो तुम।
मुझको लगती हो तुम रस भरी की तरह।
“सगीर” उसके जैसा है कोई नहीं।
कौन होता जहां में किसी की तरह।