प्यार मोहब्बत चाहत
शीर्षक -प्यार मोहब्बत चाहत
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प्यार मोहब्बत चाहत……
हम आजकल कहां समझते हैं।
शब्दों का सच हम……
भाव और भावनाओं को न पहचानते हैं
छल फरेब स्वार्थ……
हम आधुनिक समय में रखते हैं।
संग साथ समय……
अपना मतलब के साथ रहते हैं।
रचना कविता कहानी…..
लेखक अपने सच समाज संदेश देते हैं।
प्यार मोहब्बत चाहत……
आधुनिक समय में साथ कौन निभाता है।
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नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र