*जादू – टोना : वैज्ञानिक समीकरण*
डॉ अरुण कुमार शास्त्री – पूर्व निदेशक – आयुष – दिल्ली
कारीगरी हाँथ की या कोई चमत्कार ।
जादू – टोना कर के देखो तुम भी मेरे यार ।
ज्ञान है विज्ञान है या ये मात्र मज़ाक है ।
जादू – टोना कर के देखो तुम भी मेरे यार ।
एक रुपये से पैदा करना सैंकड़ों रुपये ।
रस्सी को परिवर्तित करना सर्प में विनय ।
खेल है बच्चों का या बड़ों का कमाल है ।
कारीगरी हाँथ की या कोई चमत्कार ।
खाली पीली टोप से निकाला गया जब कबूतर ।
तालियों की गड़गड़ाहट से झनझनाया वातावरण ।
लोग करने लगे वाह – वाह क्या कमाल है ।
लड़की को उड़ाया , हवा में , फिर गायब कर दिया ।
वाह रे बंगाली जादूगर तूने धमाल कर दिया ।
बीच से काट कर शरीर के दो हिस्से कर दिये ।
दूसरे ही पल जब घबराए लोग पुनः जोड़ दिये ।
साबुत लड़की फिर आई उड़ती हुई आसमान से ।
लोग तालियां बजा – बजा के पागल से हो गए ।
सच नाम का तो कोई अस्तित्व ही न रहा ।
ज्ञान है विज्ञान है या ये मात्र मज़ाक है ।
कारीगरी हाँथ की या फिर कोई चमत्कार है ।