Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
4 Jul 2024 · 1 min read

जैसी बदनामी तूने मेरी की

जैसी बदनामी तूने मेरी की, मत करना और किसी की।
मत करना तू बर्बादी ऐसी, जिंदगी में और किसी की।।
जैसी बदनामी तूने मेरी की—————————-।।

मुझपे इल्जाम तुमने, यह क्यों लगाया।
क्यों पहले दिल मुझसे, तुमने लगाया।।
मत करना तू ऐसी बुराई, भूलकर भी और किसी की।
जैसी बदनामी तूने मेरी की———————–।।

जैसे मुझपे विश्वास तुमने, किया नहीं अभी तक।
जैसे मुझपे सितम तुमने, किये हैं अभी तक।।
मत करना ऐसी बेख्याली, भूलकर भी और किसी की।
जैसी बदनामी तूने मेरी की————————।।

अभी क्या देखी है तुमने, दुनिया की हकीकत।
इसकी बेवफाई- मोहब्बत, इसकी बगावत।।
मत करना तू ऐसी खिलाफत, जिंदगी में और किसी की।
जैसी बदनामी तूने मेरी की—————————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Loading...