ऋषि पंचमी कब है? पूजा करने की विधि एवं मुहूर्त जाने।
ऋषि पंचमी 1सितम्बर 2022 गुरुवार को पड़ रहा है। यह व्रत गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद पड़ता हैं. भाद्रपद माह की पंचमी तिथि के दिन सनातन हिंदू धर्म में सप्तऋषियों की पूजा करने की परम्परा है।
इस ऋषि पंचमी की व्रत कथा स्वयं ब्रह्माजी द्वारा सृताश्व को बताई गई थी, ऋषि पंचमी की कथा के अनुसार इस दिन जो भी सुहागिन व्रत रखती हैं, उनके समस्त पाप दूर हो जाते हैं।
हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार एक स्त्री को अपने मासिक धर्म की अवधि के दौरान घर तथा रसोई से जुड़े कई नियमों का पालन करना होता हैं,
इसकी अनदेखी करने पर उस स्त्री के परिवार में दरिद्रता एवं कलह का वातावरण स्थापित हो जाता है इसी भूल का प्रायश्चित किए जाने के उद्देश्य से ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता हैं।
भाद्र शुक्ल पंचमी को ऋषि पंचमी कहते हैं. व्रत को स्त्री मनुष्य जीवन में किए गए पापों की निवृति के लिए करते हैं. ऋषि पंचमी का व्रत रखने वाली महिलाएं किसी नदी या जलाशय में स्नान कर आंगन में बेदी बनावें.
जिसके बाद गोबर से लीपकर मिट्टी या तांबे जल भरा कलश रखकर अष्टदल कमल बनावें, और अरुंधती सहित सप्तऋषियों का पूजन कर आचार्य को दक्षिणा देकर तथा ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।
यह व्रत भाद्रपद की शुक्ल पंचमी को किया जाता हैं।
ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त –
ऋषि पंचमी पूजा गुरुवार 01 सितंबर 2022
पंचमी पूजा समय :
ऋषि पंचमी 2022
गुरुवार, 01 सितंबर 2022
ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त: सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:58 बजे तक
पंचमी तिथि प्रारंभ: 31 अगस्त 2022 दोपहर 01:58 बजे
पंचमी तिथि समाप्त: 01 सितंबर 2022 दोपहर 12:58 बजे
ऋषि पंचमी की पूजा & उद्यापन विधि:-
सातों ऋषियों की मूर्तियां स्थापित करें।
देवी अंरुधती को स्थापित करें।
पंचामृत से स्नान करवाएं।
चंदन लेप, धूप, ज्योति आदि अपर्ण करें।
तत्पश्चात श्रद्धापूर्वक ऋषि पंचमी व्रत कथा सुनें।