Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2022 · 2 min read

ऋषि पंचमी कब है? पूजा करने की विधि एवं मुहूर्त जाने।

ऋषि पंचमी 1सितम्बर 2022 गुरुवार को पड़ रहा है। यह व्रत गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद पड़ता हैं. भाद्रपद माह की पंचमी तिथि के दिन सनातन हिंदू धर्म में सप्तऋषियों की पूजा करने की परम्परा है।

इस ऋषि पंचमी की व्रत कथा स्वयं ब्रह्माजी द्वारा सृताश्व को बताई गई थी, ऋषि पंचमी की कथा के अनुसार इस दिन जो भी सुहागिन व्रत रखती हैं, उनके समस्त पाप दूर हो जाते हैं।

हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार एक स्त्री को अपने मासिक धर्म की अवधि के दौरान घर तथा रसोई से जुड़े कई नियमों का पालन करना होता हैं,

इसकी अनदेखी करने पर उस स्त्री के परिवार में दरिद्रता एवं कलह का वातावरण स्थापित हो जाता है इसी भूल का प्रायश्चित किए जाने के उद्देश्य से ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता हैं।
भाद्र शुक्ल पंचमी को ऋषि पंचमी कहते हैं. व्रत को स्त्री मनुष्य जीवन में किए गए पापों की निवृति के लिए करते हैं. ऋषि पंचमी का व्रत रखने वाली महिलाएं किसी नदी या जलाशय में स्नान कर आंगन में बेदी बनावें.

जिसके बाद गोबर से लीपकर मिट्टी या तांबे जल भरा कलश रखकर अष्टदल कमल बनावें, और अरुंधती सहित सप्तऋषियों का पूजन कर आचार्य को दक्षिणा देकर तथा ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।

यह व्रत भाद्रपद की शुक्ल पंचमी को किया जाता हैं।

ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त –

ऋषि पंचमी पूजा गुरुवार 01 सितंबर 2022

पंचमी पूजा समय :

ऋषि पंचमी 2022
गुरुवार, 01 सितंबर 2022
ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त: सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:58 बजे तक
पंचमी तिथि प्रारंभ: 31 अगस्त 2022 दोपहर 01:58 बजे
पंचमी तिथि समाप्त: 01 सितंबर 2022 दोपहर 12:58 बजे

ऋषि पंचमी की पूजा & उद्यापन विधि:-

सातों ऋषियों की मूर्तियां स्थापित करें।
देवी अंरुधती को स्थापित करें।
पंचामृत से स्नान करवाएं।
चंदन लेप, धूप, ज्योति आदि अपर्ण करें।
तत्पश्चात श्रद्धापूर्वक ऋषि पंचमी व्रत कथा सुनें।

Language: Hindi
1 Like · 710 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मैंने जलते चूल्हे भी देखे हैं,
मैंने जलते चूल्हे भी देखे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3978.💐 *पूर्णिका* 💐
3978.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जमाना गुज़र गया
जमाना गुज़र गया
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
...
...
*प्रणय*
मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
gurudeenverma198
व्यवस्था परिवर्तन
व्यवस्था परिवर्तन
Nafa Singh kadhian
नई शिक्षा
नई शिक्षा
अंजनीत निज्जर
"शुभकामना और बधाई"
DrLakshman Jha Parimal
ये ना पूछो
ये ना पूछो
Nitu Sah
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
Anand Kumar
कुमार ललिता छंद (वार्णिक) 121 112 2 7
कुमार ललिता छंद (वार्णिक) 121 112 2 7
Godambari Negi
"की टूटे हुए कांच की तरह चकना चूर हो गया वो
पूर्वार्थ
"कोई गुजर गया शायद"
Shakuntla Agarwal
आज रात
आज रात
Kshma Urmila
- लोग भूतकाल नही वर्तमान देखते है -
- लोग भूतकाल नही वर्तमान देखते है -
bharat gehlot
तमाशा
तमाशा
D.N. Jha
मेरे अल्फाज़
मेरे अल्फाज़
Dr fauzia Naseem shad
........,?
........,?
शेखर सिंह
Baat faqat itni si hai ki...
Baat faqat itni si hai ki...
HEBA
कर लो कभी तो ख्बाबों का मुआयना,
कर लो कभी तो ख्बाबों का मुआयना,
Sunil Maheshwari
शंखनाद
शंखनाद
Rambali Mishra
इशारा
इशारा
प्रकाश कुमार "बाग़ी"
अतिथि
अतिथि
लक्ष्मी सिंह
जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य
Buddha Prakash
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
Anil Mishra Prahari
डमरू घनाक्षरी
डमरू घनाक्षरी
seema sharma
जो दर्द किसी को दे, व्योहार बदल देंगे।
जो दर्द किसी को दे, व्योहार बदल देंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
"गाय"
Dr. Kishan tandon kranti
*अंतस द्वंद*
*अंतस द्वंद*
Shashank Mishra
*भैया घोड़ा बहन सवार (बाल कविता)*
*भैया घोड़ा बहन सवार (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Loading...