Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Apr 2024 · 1 min read

जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य

स्वच्छ सुन्दर धवल सी दिखती मै,
कल कल करके उज्जवल सी बहती मै,
कूड़ा कचरा फेंख के मुझपर,
गन्दा जल प्रवाहित करके मुझमें,
दूषित कर खुद को चुनौती दिया है इंसान,
न्योता बीमारियों को दिया है,
गड्ढा खुद हि खोद रहा है इंसान,
जुड़ा है इन नदियों से ,झील और तालाबों के जल से,
मूर्खता फिर क्यो कर रहा इंसान,
पर्यावरण को ध्यान दो ज़रा,
इनसे जुड़ कर ही है जीवन तुम्हारा,
जल है तो कल है,
अन्यथा यूँ ही बिकेगा बाजारों में ,
होगी जंग जल के लिए ,
शुद्धता फिर लाओगे कैसे ?
खुद को बचाओगे कैसे ?
समय रहते जागरूकता लाओ,
मोल समझो और बच्चों को समझाओ,
जल प्रदूषण मुक्त जल श्रोत बनाओ,
प्रकृति का अनमोल धरोहर,
संरक्षरण करना अपना कर्तव्य बनाओ।

🙏 बुध्द प्रकाश ,
मौदहा हमीरपुर।

1 Like · 80 Views
Books from Buddha Prakash
View all

You may also like these posts

फिर आयी सेल
फिर आयी सेल
Chitra Bisht
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बहता काजल पलक से उठाने दे ज़रा ।
बहता काजल पलक से उठाने दे ज़रा ।
sushil sarna
"एक पुष्प का जीवन"
राकेश चौरसिया
था जाना एक दिन
था जाना एक दिन
अमित कुमार
- जिम्मेदारीया -
- जिम्मेदारीया -
bharat gehlot
चुनाव नजदीक आ रहे हैं तैसे तैसे
चुनाव नजदीक आ रहे हैं तैसे तैसे
Harinarayan Tanha
सफेद चादर
सफेद चादर
सोनू हंस
राम - दोहे - डी के निवातिया
राम - दोहे - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
" चाँद "
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
*थर्मस (बाल कविता)*
*थर्मस (बाल कविता)*
Ravi Prakash
आ
*प्रणय*
स्थापित भय अभिशाप
स्थापित भय अभिशाप
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
4210💐 *पूर्णिका* 💐
4210💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्यार का रिश्ता, जन्म का रिश्ता
प्यार का रिश्ता, जन्म का रिश्ता
Surinder blackpen
कुछ अर्जियां डाली हैं हमने गम खरीदने को,
कुछ अर्जियां डाली हैं हमने गम खरीदने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हिम्मत वो हुनर है , जो आपको कभी हारने नहीं देता।   नील रूहान
हिम्मत वो हुनर है , जो आपको कभी हारने नहीं देता। नील रूहान
Neelofar Khan
पुराना साल-नया वर्ष
पुराना साल-नया वर्ष
Arun Prasad
"समझा करो"
ओसमणी साहू 'ओश'
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
parvez khan
तन्हा ख़्याल
तन्हा ख़्याल
प्रकाश कुमार "बाग़ी"
लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है,
लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है,
Ravi Betulwala
आप ही बदल गए
आप ही बदल गए
Pratibha Pandey
सब ठीक है
सब ठीक है
पूर्वार्थ
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
ग़ज़ल (याद ने उसकी सताया देर तक)
ग़ज़ल (याद ने उसकी सताया देर तक)
डॉक्टर रागिनी
गंगा- सेवा के दस दिन (छठा दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (छठा दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
जो छूट गया तुम्हारा साथ जीवन के किसी मोड़ पर..
जो छूट गया तुम्हारा साथ जीवन के किसी मोड़ पर..
शोभा कुमारी
परम्परा को मत छोडो
परम्परा को मत छोडो
Dinesh Kumar Gangwar
Loading...