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30 May 2024 · 1 min read

आज रात

आज रात

आज रात
चांद पर खड़े होकर
कोई डाल रहा है डग्गी
झिलमिल सितारों पर …

आज रात
कोई समेंट रहा है
सारी रोशनी
अपनी झोली में …

आज रात
कोई डाल रहा है विघ्न
नन्हे सितारों की
कबड्डी पर …

आज रात
खाली हो गया
सारा आसमां
रात ढ़लने से पहले ही …

आज रात
किसी लुटेरे ने
कर लिया अपना कब्जा
सारी रोशनी पर …

सोचती हूँ
क्या जवाब दुंगी
सुबह के राजा सूर्य को
इस काली रात की
मैं ही हूँ एक मात्र गवाह
दिन की अदालत में ….

– क्षमा ऊर्मिला

Language: Hindi
103 Views
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