उड़ान
हौसलों ने आसमान
छुआ हो या ना छुआ,
पर सब्जियों ने
जरूर छू लिया।
दिल ऊडान भरे
चाहे ना भरे पर,
महंगाई ने ऊडान
जरूर भर ली है।
दो जून की रोटी
गरीब को कहाँ नसीब
पर अमीरों की महफिल
जरूर सजी हैं।
हौसलों ने आसमान
छुआ हो या ना छुआ,
पर सब्जियों ने
जरूर छू लिया।
दिल ऊडान भरे
चाहे ना भरे पर,
महंगाई ने ऊडान
जरूर भर ली है।
दो जून की रोटी
गरीब को कहाँ नसीब
पर अमीरों की महफिल
जरूर सजी हैं।