ईद का चाँद …….
ईद का चाँद …….
चाँद दिखे न दिखे इस बार तुम जरूर आ जाना,
क्योकि तुम ही हो मेरे ईद का चाँद …………………..!
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तुम आ गये तो चाँद ने खुद-ब-खुद निकल आना,
बिन तुम्हारे क्या ईद और क्या चाँद ……. …………..!!
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डी. के. निवातियाँ _____+++