Posts Tag: गीतिका 511 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Nitesh Shah 14 May 2024 · 1 min read कोरोना कोरोना ने खोली आँखें, जगा दी प्रेम की आशा, सलामी देते है उनको, जिन्होंने की बड़ी सेवा, डॉक्टर हो या नर्से हो, करू शत शत नमन उनको, बचा की रूह... Hindi · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 66 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read शिक्षक अज्ञान अँधेरा दूर करे जो, ज्ञानांजन बढाता है, गुरु का दर्ज़ा इस जग में, सबसे ऊँचा होता है, गुरु बिन ज्ञान नहीं संभव, वह ही राह दिखाता है, इसीलिये इस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 51 Share surenderpal vaidya 13 May 2024 · 1 min read बताती जा रही आंखें गीतिका ~~ कहो गंभीरता से अब नहीं पड़ना ठिठोली में। बताती जा रही आंखें सभी बातें अबोली में। समय मुश्किल कभी जब सामने आता हमारे है। रखो आंखे खुली पड़ना... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · विधाता छंद 1 61 Share surenderpal vaidya 13 May 2024 · 1 min read सत्य की जय गीतिका ~~ पूर्ण विश्व ने देखा, शांत किया विस्मय। संघर्षों का फल है, हुई सत्य की जय। राम लला का सुंदर, रूप प्रतिष्ठित है। बना भव्य नैसर्गिक, मन्दिर आभामय। मर्यादा... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सुखदा छंद 1 83 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 May 2024 · 1 min read खड़ा रेत पर नदी मुहाने... खड़ा रेत पर नदी मुहाने। गाता कोई गीत सुहाने। आह न भरता हर गम सहता, सुनता है अग - जग के ताने। धता बताकर पगला सबको, गाए खुश-खुश नेह-तराने। क्या... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 2 79 Share डी. के. निवातिया 13 May 2024 · 2 min read माँ आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है दिन दिनांक - रविवार, १२ मई, २०२४ विषय : मातृ दिवस विशेषांक विद्या : कविता शीर्षक : "माँ" आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है *** यशोदा-कौशल्या से ज़्यादा लाड... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · गीतिका 63 Share डी. के. निवातिया 13 May 2024 · 1 min read वोट करो भई वोट करो दिन दिनांक : सोमवार, १३ मई २०२४ विद्या : कविता विषय : मतदान शीर्षक: वोट करो भई वोट करो, *** वोट करो भई वोट करो, तारीख अपनी नोट करो, लोकतंत्र... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · गीतिका 81 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 May 2024 · 1 min read हम सुख़न गाते रहेंगे... तुम बुलाओ मत बुलाओ, हम मगर आते रहेंगे। सुख यही तो है हमारा, हम सुख़न गाते रहेंगे। अब न हम भी चुप रहेंगे, बात हर खुलकर कहेंगे। हर कमी हम... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 2 94 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read प्रकृति संरक्षण (मनहरण घनाक्षरी) - हैं जीव-जंतु गीत में, आराम नर्म शीत में, मनु धरा के बीच में, प्यार होना चाहिए। काट-छाँट छोड़ कर, जिंदगी से होड़ कर, दम्भ सारे तोड़ कर , क्वार... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 39 Share Akash Agam 12 May 2024 · 1 min read तेजस्वी जुल्फें तुम्हें भूलना चाहता हूंँ ताकि याद रख सकूंँ ज़िंदगी भर के लिए तुम्हारी बात नहीं करता ताकि गा सकूंँ तुम्हें गीत में ढाल कर तुम्हें निहारता नहीं क्योंकि मन की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · गीत · गीतिका 2 69 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 May 2024 · 1 min read सज्ज अगर न आज होगा.... सज्ज अगर न आज होगा। किस तरह फिर काज होगा ? फिर घिरेगी रात काली, फिर तमस का राज होगा। सामना कर मुश्किलों का, सच ! सभी को नाज होगा।... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 82 Share surenderpal vaidya 10 May 2024 · 1 min read मौसम गीतिका ~~ शुरू कर दिये मौसम ने भी, तेवर खूब दिखाने अब ग्रीष्म ऋतु सब शीतल जल के, देखो हुए दिवाने अब कल तक जो बातें करते थे, साथ दो... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · लावणी छंद 1 88 Share surenderpal vaidya 8 May 2024 · 1 min read जरूरी बहुत गीतिका ~~ जरूरी बहुत तिश्नगी को बुझाना। इसी हेतु है व्यस्त सारा जमाना। मुहब्बत इसी को कहा है सभी ने। सभी चाहते लुत्फ इसका उठाना। मिलन की उठी प्यास तीखी... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · प्यास · भुजंग प्रयात छंद 2 101 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read क्या यही संसार होगा... चरम पर व्यभिचार होगा? बढ़ रहा अँधियार होगा ? सात्विकता क्षीण होगी, तमस का विस्तार होगा ? गालियों से बात होगी, अस्मिता पर वार होगा ? ध्वस्त होंगीं सभ्यताएँ, मूल्य... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 109 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read बादलों पर घर बनाया है किसी ने... बादलों पर घर बनाया है किसी ने। चाँद को फिर घर बुलाया है किसी ने। भावना के द्वार जो गुमसुम खड़ा था, गीत वो फिर गुनगुनाया है किसी ने। आँधियों... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 85 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read आज जब वाद सब सुलझने लगे... आज जब वाद सब सुलझने लगे। बेवजह आप क्यों उलझने लगे ? शाख भी फिर लचक टूटने लगी, फूल भी जो खिले मुरझने लगे। था हमें भी कभी शौक ये... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 84 Share Akash Agam 7 May 2024 · 1 min read राम के प्रति प्रिये! तुम्हारे प्यार से रौशन हुआ हरेक पंथ मधुवन का छोड़ न देना साथ कि मुझको अंधेरों से डर लगता है! झूठ कपट छल अहंकार से त्रस्त रहा हर मोड़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत · गीतिका 2 58 Share Akash Agam 5 May 2024 · 1 min read अगर तुम कहो नेह से एकटक देख तुमको प्रिये मौन का गीत गा लूंँ अगर तुम कहो होंठ माथे पे रख कर के सांँसों से मैं रूह को रंँग लगा लूंँ अगर तुम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत · गीतिका 3 56 Share Akash Agam 5 May 2024 · 1 min read मैं तुम्हारी क्या लगती हूँ सपनों में मुस्काने वाली दिल में तड़प जगाने वाली माथे पर सावन की सांँसें कुछ ही दिनों में पाने वाली आज अचानक पूछ रही है मैं तुम्हारी क्या लगती हूंँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत · गीतिका 3 73 Share surenderpal vaidya 5 May 2024 · 1 min read * जिन्दगी में * ** गीतिका ** ~~ जिन्दगी में दर्द पीड़ा कष्ट सब सहते रहो। साथ हो संवेदनाएं बिन रुके बढ़ते रहो। लोग हैं अपने पराए हर तरह के जब यहां। बात मन... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · गीतिका छंद 1 1 92 Share surenderpal vaidya 5 May 2024 · 1 min read भोर समय में आज सभी को भोर समय में, हमें जगाना है। सभी के मन में न उठने का, एक बहाना है। फूल खिले हैं देख लीजिए, कलियां मुस्काई। साथ सभी को आगे... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · भोर · विष्णुपद छंद 3 102 Share धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर 2 May 2024 · 1 min read "हिंदी" मापनी:1222 1222 1222 1222 बड़ी मीठी लगे सबको हमारी शान है हिंदी ! अनेकों गुण भरे इसमें गुणों की खान है हिंदी !! मधुर धारा बहा देती अगर तुम भीगना... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 43 Share Neelam Sharma 2 May 2024 · 1 min read प्रद्त छन्द- वासन्ती (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गागागा गागाल, ललल गागागा गागा। (14 वर्ण) अंकावली- 222 221, 111 222 22. पिंगल सूत्र- मगण तगण नगण मगण गुरु गुरु। प्यारा कान्हा पास मुरलिया लागे प्यारी। भाये आठों याम सँवरिया लीला न्यारी।। कोरा कोरा व्योम बिजुरिया छाई मेघा। नीले नीले नैन गुजरिया भूली चेता।। हे री! कान्हा मीत प्रणय डोरी... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · प्रद्त छन्द- वासन्ती (मापनीयु 1 91 Share surenderpal vaidya 2 May 2024 · 1 min read जल बचाकर जल बचाकर स्वर्ग जीवन को बनाओ। जागरुक बन व्यर्थ मत इसको बहाओ। बोतलों में आज क्यों यह बिक रहा है। पाप है यह शीघ्र इससे मुक्ति पाओ। जल प्रदूषित हो... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · जल दिवस · सार्द्धमनोरम 2 2 96 Share surenderpal vaidya 1 May 2024 · 1 min read * बचाना चाहिए * ** गीतिका ** ~~ क्यों न दिल को कसमसाना चाहिए। बालपन को भी बचाना चाहिए। बोझ है भारी बहुत जब शीश पर। क्यों भला फिर मुस्कुराना चाहिए। आंख के आंसू... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · आनंद वर्धक छंद · गीतिका 2 104 Share surenderpal vaidya 25 Apr 2024 · 1 min read * संवेदनाएं * ** गीतिका ** ~~ हर समय जीवित रहें संवेदनाएं। स्नेह की शुभ भावना मन में जगाएं। भूख से कोई तड़पता न रहे अब। पास हो कुछ बांट कर सबको खिलाएं।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · संवेदनाएं · सार्द्धमनोरम छंद 3 85 Share rkchaudhary2012 25 Apr 2024 · 1 min read कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए। कुछ देर मुहब्बत का सफर रहने दीजिए। करते हो मुझे तुम भी प्यार मेरा जैसा ही जमाने को यह झूठी खबर रहने दीजिए।... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · रमाकान्त चौधरी 144 Share surenderpal vaidya 23 Apr 2024 · 1 min read * सामने बात आकर * ** गीतिका ** ~~ करो तुम कभी सामने बात आकर। रखो अब नहीं कुछ कहीं भी छुपाकर। न अच्छे लगे आज ये फासले जब। शपथ लो रखेंगे सभी को हटाकर।... Hindi · गीतिका · भुजंगप्रयात छंद 1 1 70 Share surenderpal vaidya 22 Apr 2024 · 1 min read * चाह भीगने की * ** गीतिका ** ~~ हैं मेघ खूब छाए, चारों तरफ गगन में। है चाह भीगने की, बस खूब आज मन में। बहती हुई हवाएं, लगती बहुत सुहानी। अनुभूतियां सुकोमल, होती... Hindi · गीतिका · दिग्पाल मृदुगति छंद 1 1 76 Share surenderpal vaidya 21 Apr 2024 · 1 min read * जब लक्ष्य पर * ** गीतिका ** ~~ जब लक्ष्य पर हमारी, रहती सदा नजर है। संशय नहीं जरा भी, कैसी कठिन डगर है। जो कह दिया करेंगे, हम पूर्ण हर शपथ को। अब... Hindi · गीतिका · दिग्पाल मृदुगति छंद 1 1 103 Share surenderpal vaidya 21 Apr 2024 · 1 min read * पावन धरा * ** गीतिका ** ~~ नमन पावन धरा को नित्य बारंबार करता हूं। इसी हित मैं हृदय से व्यक्त निज आभार करता हूं। यहां जन्मे यहां पर सांस लेकर जिन्दगी पाई।... Hindi · गीतिका · पावन धरा · विधाता छंद 1 1 92 Share surenderpal vaidya 18 Apr 2024 · 1 min read * याद है * ** गीतिका ** ~~ याद है अब हमें बात प्रिय आपकी। खूबसूरत मुलाकात प्रिय आपकी। अब भुलाए नहीं भूल पाती कभी। साथ में चान्दनी रात प्रिय आपकी। प्यार के गीत... Hindi · गीतिका · याद · वाचिक सृग्विणी छंद 1 1 102 Share करन ''केसरा'' 16 Apr 2024 · 2 min read भारत के राम भारत की खुशबू हैं राम जन जन की स्पंदन राम तुलसी नानक संत कबीर के शब्दों और भावों में राम। राम नहीं हैं जाति धर्म आडंबर में राम नहीं मिलते... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · मुक्तक 100 Share surenderpal vaidya 15 Apr 2024 · 1 min read * ज्योति जगानी है * ** गीतिका ** ~~ सबके मन में भक्ति भाव की, ज्योति जगानी है। और निराशा भरी तमस की, धूल हटानी है। नवरात्रि पर्व की शुभ वेला, मां का ध्यान धरें।... Hindi · गीतिका · नवरात्रि · विष्णुपद छंद 1 1 107 Share surenderpal vaidya 10 Apr 2024 · 1 min read * शक्ति स्वरूपा * ** गीतिका ** ~~ शक्ति स्वरूपा हर बाला है, दुर्गा की अवतार। कर में लिए त्रिशूल सामने, देवी ज्यों साकार। सघन केश हैं शीश सुसज्जित, नेत्र तीसरा भाल। कानों में... Hindi · गीतिका · नवरात्रि · सरसी छंद 1 1 114 Share surenderpal vaidya 10 Apr 2024 · 1 min read * शक्ति आराधना * ** गीतिका ** ~~ आ गया नवरात्रि का अवसर सुपावन। है सभी का भक्ति श्रद्धा से भरा मन। शक्ति की आराधना का है समय यह। हम करें दुर्गा शिवा का... Hindi · गीतिका · नवरात्रि · सार्द्धमनोरम छंद 1 1 93 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 9 Apr 2024 · 1 min read दो शे'र ( चाँद ) ज़मीं पर बैठ कर चाँद को तकते रहे । हम इश्क़ में..... यूँ ही हाथ मलते रहे ।। जिस राह पर थी दुश्वारियां और ग़म । हम आख़िर तक उसी... Hindi · गीतिका 1 169 Share surenderpal vaidya 7 Apr 2024 · 1 min read * मन कही * ** गीतिका ** ~~ छूट गई हैं जो भी बातें, कर लें आज। और सुरों में ले आएं अब, मन के साज। ऊंचें स्वर में जब हम करते, कभी न... Hindi · गीतिका · निश्चल छंद 2 1 153 Share surenderpal vaidya 6 Apr 2024 · 1 min read * थके पथिक को * ** गीतिका ** ~~ थके पथिक को जब थोड़ा सा, मिल जाए विश्राम। आगे बढ़ जाएगा फिर से, लेकर प्रभु का नाम। सभी दिशाओं में अविरल ये, रहते नित गतिमान।... Hindi · गीतिका · पथिक · सरसी छंद 2 101 Share surenderpal vaidya 3 Apr 2024 · 1 min read * लोकतंत्र महान है * ** गीतिका ** ~~ मन लिए आशा भरे अभियान करना चाहिए। और मिलकर लक्ष्य का संधान करना चाहिए। लोकतंत्र महान है मजबूत होता जा रहा। वोट के अधिकार का सम्मान... Hindi · गीतिका · गीतिका छंद · लोकतंत्र 1 1 95 Share surenderpal vaidya 2 Apr 2024 · 1 min read * साथ जब बढ़ना हमें है * ** गीतिका ** ~~ साथ जब बढ़ना हमें है, छोड़ दें अलगाव। और सब सहते रहे मिल, मन बदन पर घाव। शूल पांवों में चुभा है, राह पर वीरान। मिल... Hindi · गीतिका · रूपमाला छंद 1 1 85 Share surenderpal vaidya 2 Apr 2024 · 1 min read * भावना में * ** गीतिका ** ~~ भावना में जो सदा रमते रहे। सत्य से ही दूर वो रहते रहे। झूठ आकर्षक बहुत लगता कभी। आवरण मन पर सघन पड़ते रहे। सत्य में... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · आनन्दवर्धक छंद · गीतिका · सत्य 2 119 Share लक्ष्मी सिंह 31 Mar 2024 · 1 min read सत्य ईश्वर ही परम सत्य है,शाश्वत है अविनाशी है। निराकार ज्योति-बिन्दु है,परम शक्ति विश्वासी है।। सत्य आनंद,शुभ,पवित्र,सतत्-शांति का गागर है। उच्चतम-कल्याणकारी,सुखद स्नेह का सागर है।। सच पर धूल नहीं चढ़ती, सत्य... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका 3 1 164 Share shabina. Naaz 30 Mar 2024 · 1 min read वो तो है ही यहूद वो तो है ही यहूद उनका तो काम ही है सियासत करना...... मेरे अल्लाह तू क़िबला ये अव्वल की हिफाजत करना वो परेशा हाल है घर से है बेघर.... या... Hindi · Quote Writer · गीतिका · शेर 285 Share surenderpal vaidya 28 Mar 2024 · 1 min read * प्रीति का भाव * ** गीतिका ** ~~ ध्यान से शब्द हर एक बोलो। प्रीति का भाव रस खूब घोलो। आंख नम हैं सभी कुछ बताती। मत छुपाओ सभी राज खोलो। है थका सा... Hindi · गीतिका · छंद बाला 2 101 Share surenderpal vaidya 28 Mar 2024 · 1 min read * सत्य पथ पर * ** गीतिका ** ~~ बेकरारी में नहीं अब हाथ मलना चाहिए। जब जमाने में सभी को साथ चलना चाहिए। सत्य पथ पर कष्ट होंगे सब करेंगे हम सहन। अब स्वयं... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · गीतिका छंद 4 1 116 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Mar 2024 · 2 min read अकेले आए हम अकेले है जाना अकेले , बहकाते हैं ये दुनियाँ के मेले कुछ भी नहीं है सच्चा यहाँ , सारे ही रिश्ते हैं मिथ्या यहाँ बालू के ढेर पर... Hindi · गीत · गीतिका 3 268 Share surenderpal vaidya 26 Mar 2024 · 1 min read * नाम रुकने का नहीं * ** गीतिका ** ~~ ज्ञान की शुभ रौशनी की ओर बढ़ना है हमें अब। है तमस अज्ञान का हर वक्त हरना है हमें अब। नाम रुकने का नहीं लेना कभी... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · माधव मालती छंद 3 113 Share surenderpal vaidya 24 Mar 2024 · 1 min read * फागुन की मस्ती * ** गीतिका ** ~~ सभी दिशाओं में रंगों को, बिखरा जाती होली। फागुन की मस्ती को लेकर, जब भी आती होली। खूब बहाते हैं रंगों को, घोल घोल पानी में।... Hindi · गीतिका · छंद सार · फागुन · होली 1 1 93 Share डी. के. निवातिया 23 Mar 2024 · 1 min read खेलो रे होली, साथी खेलो रे - डी के निवातिया होली गीत *********** खेलो खेलो रे, खेलो खेलो रे, खेलो रे होली, साथी खेलो रे !! रंग लगाओ, सबको गले लगाओ, मौज मनाओ भाई गुंजिया खाओ, रंगो में रंगो के,... Hindi · कविता · गीत · गीतिका · होली गीत 96 Share Previous Page 3 Next