Posts Tag: कहानी 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 32 Next Soni Gupta 3 Jul 2021 · 4 min read सच्चा प्यार कहते हैं सच्चे प्यार में बड़ी ताकत होती है I ये कहानी शुरू होती है I कॉलेज से जहाँ आज रीमा का पहला दिन है I आज कॉलेज में नए... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 458 Share Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या) 3 Jul 2021 · 2 min read मुंबई सपनों की नगरी निकिता छोटे शहर कानपुर की रहने वाली साधरण सी लड़की थी।उस का सपना था कि वो अपने दम पर कुछ कर के दिखाए और उस का ये सपना उसे मुंबई... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 10 5 956 Share Rajendra Gupta 3 Jul 2021 · 3 min read चूहों का सरपंच 18• चूहों का सरपंच कलिकाल में चूहों की हालत भी दिन पर दिन दयनीय होती जा रही थी ।खाने के लाले पड़ रहे थे ।जिन अनाजों पर उन्हें सर्वाधिक भरोसा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 12 534 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jul 2021 · 6 min read बड़का भइया बड़का भइया (समाजिक कुरीति) (भोजपुरी कहानी) ——————————————– अपना बेटवा के हतास मुर्झाईल, चेहरा देख के केतना ब्याकुल रहले फुलेना तिवारी। फुलेना तिवारी अनाम गाँव के एगो बहुते गरीब किसान हऊये... Bhojpuri · कहानी 2 1 527 Share Minal Aggarwal 3 Jul 2021 · 4 min read डर पर विजय कोरोना काल में मां के आकस्मिक निधन ने जैसे मुझे झकझोर के रख दिया था। यह समय चुनौतीपूर्ण था और उसपर यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन मृत्यु पर तो किसी का... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 254 Share Minal Aggarwal 3 Jul 2021 · 3 min read अंडा मैं बचपन से ही बहुत शरारती थी। घर में टिक कर नहीं बैठती थी। मौका पाते ही आंख बचाकर अड़ोस पड़ोस में खेलने के लिए भाग जाती थी। उस शाम... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 5 650 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 3 Jul 2021 · 11 min read सोनू उर्फ सोना सोनू उर्फ सोना रामू के पिता कानपुर के एक छोटे से गाँव में रहते थे।एक डेढ़ बीघा खेती के सहारे पूरा परिवार पल रहा था। परिवार में माँ-बाप पत्नी व... Hindi · कहानी 1 633 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 3 Jul 2021 · 3 min read मुस्कान लौट आई - कहानी मुस्कान लौट आई - कहानी गाँव के मुहाने पर एक ओर बुधिया का मकान | मकान में बुधिया की पत्नी, उसकी प्यारी सी बेटी गौरी , माता एवं पिता कुल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 34 92 2k Share Ruchika Rai 3 Jul 2021 · 2 min read सुखद एहसास रोज की तरह सीमा आज भी रोजमर्रा के काम जल्दी जल्दी निबटाते जा रही थी,और घड़ी की तरफ भी उसका ध्यान था।कही आज फिर उसे ऑफिस के लिए देर न... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 396 Share Ruchika Rai 3 Jul 2021 · 2 min read परिवार परिवार के नाम पर एक बूढ़ी काकी थी उसके साथ।जो उसकी फिक्र किया करती थीं।काम पर से आने के इंतजार में टकटकी लगाए रहती,उसके पर्स में टिफिन का बोतल और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 338 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Jul 2021 · 6 min read आज़ादी! "बेटी है तो बेटी की तरह रहें, पढ़-लिख ली तो क्या अपनी मर्जी की करेगी? बेटियों को हमेशा पर्दे में रहना चाहिए, वो बेटा थोड़े ही न है जो बंदिश... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 522 Share Rohit yadav 2 Jul 2021 · 6 min read ठोकरे ही मनुष्य को जीना सिखाती है क्या जीवन का आधार सफलता है , क्या सफल इंसान ही इस माया रूपी संसार मे सबसे बड़ा है , और हैं भी तो लोग उसे देवतुल्य मानते हैं व।... Hindi · कहानी 938 Share अनिल अहिरवार"अबीर" 2 Jul 2021 · 3 min read "आखिरी खत" हर रोज क़ी तरह आज फिर मैं रीडिंग रूम के लिए तैयार हो रहा था. बैग में किताबे रखते हुए सोच रहा था ! आज क्या पढू ......? पहले तो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 3 593 Share Shashi kala vyas 2 Jul 2021 · 3 min read *"मोलभाव"* *"मोलभाव"* सुमन बारिश के मौसम में भींगते हुए सब्जी ले रही थी एक हाथ में छतरी दूसरे हाथ में थैला व पर्स रखी हुई थी।सब्जी लेकर लौटते समय ताजे भुट्टे... Hindi · कहानी 3 3 393 Share राजेश रघुवंशी 2 Jul 2021 · 3 min read आजादी आखिर वह निर्णय मीरा ने ले ही लिया,जिसे वह जीवन भर टालने का प्रयास करती आ रही थी।विजय के साथ बिताये हुए कई वर्षों का वैवाहिक जीवन आज पूरी तरह... Hindi · कहानी 312 Share Ram Krishan Rastogi 2 Jul 2021 · 5 min read भगवान के दर्शन - एक सच्ची दर्द भरी कहानी देश में लॉक डाउन व कोरोना काल चल रहा था | सभी लोग अपने अपने घरो में बंद थे | सारी सडके सुनसान पड़ी थी | केवल पुलिस वाले ही... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 28 25 2k Share Surabhi bharati 2 Jul 2021 · 2 min read गज्जूली-भाग 1 (खुदा गवाह ) मध्य प्रदेश का एक जिला छिंदवाड़ा जहाँ एक 11 साल का लडका रहता था उसको सब प्यार से गज्जू बुलाते थे l उसके घर के पास ही 5 साल की... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 5 824 Share Kumar Kalhans 2 Jul 2021 · 10 min read चप्पल बुआ। चप्पल बुआ ! कितना अजीब नाम है। है ना ? पर इसमें बड़ी बात क्या है। ये पूरी दुनिया ही अजीबोगरीब चीज़ो से भरी पड़ी है। अजीब लोग , अजीब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 10 654 Share गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार 2 Jul 2021 · 3 min read -- वो पक्षी कहाँ चले गए ? -- " जब करीब मैं खुद , एक छोटी सी उम्र से गुजर रहा था, मन नटखट, परन्तु जिज्ञासा से भरा हुआ, कुछ न कुछ सोच में हमेशा डूबा हुआ सा,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 28 48 1k Share Rohit yadav 2 Jul 2021 · 6 min read किसानों की कोई नही सुनता "भारत.... मेरे सम्मान का सबसे महान शब्द जहाँ कही भी प्रयोग किया जाए बाकी सभी शब्द अर्थहीन हो जाते हैं , भारत के अर्थ किसी दुष्यंत से सम्बंधित नही वरन... Hindi · कहानी 270 Share Rohit yadav 2 Jul 2021 · 12 min read बलात्कार कब तक, क्या समाज आज भी उसी रूढ़िवादी में है बात आज से 5 से 6 महीने की पहले की ,जब हम मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बंगाल और नार्थ ईस्ट के कुछ इलाकों में घूम रहे थे , और नजर सिलीगुड़ी में... Hindi · कहानी 513 Share राजेश 'ललित' 2 Jul 2021 · 4 min read 'निकम्मा' निकम्मा -------------------------- राधेश्याम सरकारी नौकरी से रिटायर हो कर तकिये पर सिर रख कर छत को निहारते हुये सोच रहा था कि चलो सारी ज़िम्मेदारियों से मुक्त होकर अब कुछ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 13 14 1k Share Taposh Kumar Ghosh 2 Jul 2021 · 5 min read "मैं और ईश" "मैं और ईश" (अविश्वासनिय, परन्तु सत्य ) कन्या कुमारी के अलग-अलग स्थानों के दर्शन के बाद, रेल द्वारा दूसरे स्थान रवाना हुआ औऱ भोर 3 बजे उस शहर पहुँचा l... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 5 462 Share Nagendra Nath Mahto 2 Jul 2021 · 3 min read क्रुरवर काश! मैं भी इंसान होता तो ये जानवर,पशु-पक्षी,जलचर जैसे उपनाम मुझे नहीं मिलते।मैं भी मानव जाति के कोई सुन्दर नाम से सुशोभित हो रहा होता।मेरी भी जिन्दगी आम इंसानों जैसी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 329 Share Rajesh vyas 2 Jul 2021 · 3 min read **दुख भरे दिन** -- कहानी ****दुख भरे दिन*** अरे बहू रुकमणी,हम बर्बाद हो गए,मेरा बेटा मेरा बेटा____ श्या__म ! हाथ में एक पत्र थामे जगन ने जब रोते हुए स्वर में बहू को आवाज लगाई... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 5 363 Share Soni Gupta 2 Jul 2021 · 4 min read शुक्ला जी और शुक्लाइन जी की लड़ाई शुक्ला जी जोर से चिल्लाते हैं ,अरे सुनती हो ! जरा इधर तो आना शुक्ला जी का चिल्लाना जैसे घर में कोई भूकंप आ गया हो ,आगे से जवाब आता... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 330 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 2 Jul 2021 · 9 min read परिवर्तन दीपांकर और माधवी को अभी एक सप्ताह ही हुआ था इस सोसाईटी में आये हुए। मुम्बई जैसे महानगर में दोनों का आगमन ऐसा था मानो स्वर्ग नगरी में आ गए... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 8 471 Share Laxminarayan Upadhyay 2 Jul 2021 · 2 min read सिगरेट से भविष्य फुली हुई सांसो से अपनी बात को पुरी करने की कोशिश करते हुये उसने जबरदस्ती दम खीँचा और बोला भाईजी एक सिगरेट दइयो…….! दुबला-पतला शरीर और भय रहित ललक से... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 318 Share Minal Aggarwal 2 Jul 2021 · 4 min read हमारी सहाय आंटी सहाय आंटी हमारे पड़ोस में रहती थी। हम बच्चों के लिए तो वह आंटी क्या बल्कि हमारी दादी और नानी समान ही थी। दिखने में बेहद खूबसूरत और रोबीली। ठसके... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 723 Share Anjana Savi 2 Jul 2021 · 16 min read बोल रे कठपुतली बोल रे कठपुतली घर लौटा बाली तो घर में सन्नाटा पसरा है, किसी आशंका ने दस्तक तो दी लेकिन तुरंत झटक भी दिया, ऐसा कुछ तो हुआ नहीं, फिर बात... Hindi · कहानी 528 Share राकेश श्रीवास्तव 2 Jul 2021 · 2 min read प्रेम का वायरस प्रतीक एवं साक्षी लम्बे समय से लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे थे, परंतु विगत कुछ दिनों से इन दोनों में अनबन चल रही थी। बात इतनी बिगड़ गई कि दोनों ने... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 5 352 Share राकेश श्रीवास्तव 2 Jul 2021 · 4 min read आत्मीयता मेरे एक परम मित्र अशोक जी का तबादला मेरे शहर में हो गया। एक दिन मैं सपरिवार बिना उनको सूचना दिए, उनका कुशलक्षेम पूछने उनके निवास स्थान पर पहुँचा। अभी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 4 597 Share Mamta Rani 2 Jul 2021 · 4 min read आरती आरती आरती बहुत खुश थी,आज कॉलेज में उसका पहला दिन था। उसका सपना था एक अच्छे से कॉलेज से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करे और फिर अच्छी सी जॉब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 7 637 Share yashwant viran 2 Jul 2021 · 17 min read उसके बाद..! अगर चाहो..! तुम निगाहों में मेरी उसका सुरूर देख सकते हो.. तुम अदाओं में मेरी उसका गुरूर देख सकते हो.. #©वीरान The voice of ❤.. @कहानी :- उसके बाद...! उम्र... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 4 521 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 2 Jul 2021 · 5 min read अब्दुल्ला की शहादत अब्दुल्ला को नींद नहीं आ रही थी, शिविर में आज फिर एक बड़े मौलाना के बयान सुनकर आया था। वही रटी रटाई बातें, अल्लाह की राह में मर भी गए... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 11 534 Share सोनू हंस 2 Jul 2021 · 23 min read कुसुमकली आज कुसुम को क्वारंटाइन हुए तेरह दिन बीत गए थे! अपने संपूर्ण परिश्रमी जीवन की अंतिम थकान के उसके माथे पर छलक आए श्रम-बिंदु और पूरे जीवन भर हृदय की... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 587 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Jul 2021 · 7 min read "लड़की हुई है" "लड़की हुई है" ^^^^^^^^^^^^^ """"""""""”""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" मेरे एक घनिष्ट मित्र रवि जो एक निजी कंपनी में काम करता था। रवि की आय ज्यादा नही थी, किसी प्रकार अपने परिवार का भरण-पोषण... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 12 15 2k Share goutam shaw 2 Jul 2021 · 2 min read टाइटैनिक ,महामारी और विवेक बात कुछ वर्ष पहले की है ,विवेक का १२ वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया था और वह अच्छे नंबरो से उत्तीर्ण हो गया था । विवेक खुशी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 7 478 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 1 Jul 2021 · 6 min read प्रेम आस्था डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक // अरुण अतृप्त प्रेम आस्था प्रेम एक ऐसा विषय है जिसकी गहराई से तारतम्य बिठाना इतना सरल है की मुझसा एक अबोध... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 636 Share आर एस आघात 1 Jul 2021 · 6 min read अधूरे सपने.... अधूरे सपने मौसम बदल रहा है, समय बीत चुका है, दिन भी लगभग वहीं हैं शायद तारीख़ में हेर-फेर लग रहा है, सही तारीख़ का पता नहीं लेक़िन यक़ीन है... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 3 401 Share Diwakar Ray 1 Jul 2021 · 15 min read गर्व की अनुभूति गर्व की अनुभूति ************** बरसात का दिन। आकाश में भूरे-मटमैले बादल आराम से घूम-फिर रहे हैं। हल्की फुहारों से प्रकृति आनंदित हो रही है।अकाल की आशंकाओं के बीच की झींसी-बुनी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 4 697 Share Soni Gupta 1 Jul 2021 · 4 min read पहली नजर में प्यार बचपन जब जवानी की दहलीज पर कदम रखती है ,तब दुनिया बड़ी ही खुबसूरत और अलग ही नजर आती है , नंदिनी फर्स्ट इयर की छात्रा बनारस में रहती है... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 440 Share आकाश महेशपुरी 1 Jul 2021 · 3 min read पाप की कमाई 'बहुत दिनों बाद हमारी याद कैसे आ गयी मित्र! मैं तो समझता था तुम मुझे भूल ही गये। आओ बैठो।' सागर को अपने दरवाजे पर आया देखकर दलबीर सिंह खुश... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 3 1k Share Nishi Singh 1 Jul 2021 · 5 min read काली डायरी काली डायरी रश्मि का पूरा परिवार पहली कतार में बैठा था। स्टेज से जब रश्मि ने नीचे देखा तो पिताजी के चेहरे की मुस्कान बता रही थी कि वह बहुत... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 809 Share शेख़ जाफ़र खान 1 Jul 2021 · 3 min read घर आंगन घर आंगन ०००००० तबादला होने के बाद रामबाबू नये नगर में रहने लगे । परिवार में में दो बेटियां एक बेटा था । पत्नी सरिता व्यवहार - कुशल और धर्मपारायण... Hindi · कहानी 4 6 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jul 2021 · 4 min read बाल परित्यक्ता कौमार्यावस्था के बारह बसन्त बीतते ही उसका विवाह परेश के साथ हो गया था , पर जुम्मे-जुम्मे उसने सात बसंत ही देखे थे कि पति ने परस्त्री के प्रेम-जाल में... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 79 9 542 Share Ahtesham Ahmad 1 Jul 2021 · 3 min read ख़ून इंसानियत का ख़ून इंसानियत का कोरोना का क़हर प्रतिदिन बढ़ रहा था। इधर लॉकडॉन की अवधि भी बढ़ती जा रही थी। न्यूज़ चैनलों पर कोरोना की संवेदनशील डरावनी खबरें हर दिन लगातार... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 382 Share Shankar N aanjna 1 Jul 2021 · 2 min read गधे की बारात एक जंगल में एक गधा रहता उसके परिवार में सबसे बड़ा लड़का ,जो अट्ठारह वर्ष का हो चुका था उसे विवाह करने की सूझी सो उनके परिवार से विवाह तय... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 377 Share Shankar N aanjna 1 Jul 2021 · 3 min read ननद और भाभी ननद और भाभी का रिश्ता कच्ची डोर सा होता है ज़रा सा भी झटका लगा एक पल में ही टूटकर बिखर जाता है। और कहीं पर देखो तो ननद भाभी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 2k Share Taposh Kumar Ghosh 1 Jul 2021 · 5 min read सूर्यदेव के किरिट-वर्ण का आशीष ??????? सूर्यदेव के किरिट-वर्ण का आशीष ?? 1971 मई माह में, मेरे निवास पर एक निमंत्रण पत्र मद्रास (अब चेन्नई ) के सैनिक प्रतीक्ष्ण स्कुल से आया. जहाँ मेरा कनिष्ट... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 10 650 Share Previous Page 32 Next