Posts Tag: कविता 56k posts List Grid Sunanda Chaudhary 26 Apr 2024 · 2 min read तेरी धरा मैं हूँ, किसी पर उतरने नहीं दूँगा झुकने नहीं देता सर, प्रेम में बेशक झुक जाऊँ, रुकने नहीं देता, थमने नहीं देता किसी पर, हवा में उड़ता बादल वो, मुझे भी ले चलता है अपनी डगर, कहती... Hindi · अभिव्यक्ति · कविता · कान्हा · प्रेम · सखा 1 7 Share भरत कुमार सोलंकी 26 Apr 2024 · 1 min read मानव जीवन की बन यह पहचान मानव जीवन की बन यह पहचान अधिकारों से बनी यह अनजान मौका मिला उसे पूर्ण सहभागिता का हाथ जोड़ने का मजबूर हुए अपनी ही प्रतियोगिता का चरम सीमा सुखी बन... Hindi · कविता 1 9 Share Dr Meenu Poonia 26 Apr 2024 · 1 min read " सब किमे बदलग्या " " सब किमे बदलग्या " न्यारा होग्या खाणा सैं न्यारा पहराण झोपड़ी की जगहां ईब फ्लैट बणग्या, टाबर होग्या ईब टेम तैं पहलीं बड्डडा म्हारा मां बापू आज मोम डैड... Rajasthani · कविता 1 12 Share Indu Singh 26 Apr 2024 · 1 min read गांव तो गांव होना चाहिए गांव तो गांव होना चाहिए नदियां, पोखर और तालाब होना चाहिए बुजुर्ग बरगद बाबा की सेवा होनी चाहिए हर डाल पर गिलहरियों का बसेरा होना चाहिए सभी परिंदों की भी... Hindi · कविता 1 12 Share Krishna Manshi 26 Apr 2024 · 1 min read संवेदना मनुष्यता की जान है। * *संवेदना मनुष्यता की जान है* संवेदनशील मनुष्य सजीवता का प्रतीक है। संवेदनविहीन मनुष्य निर्जीविता का प्रतीक है। मनुष्य की इंसानियत, सोच समझ, ही करती उसे, अन्य जीव से अलग... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 13 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 26 Apr 2024 · 1 min read दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना न जाने मुझे, ये क्या हो गया है? अंतस संवेदनहीन हो गया है? मेरा मानस जाने, कहां खो गया है? तुम्हें गर मिले, तुम मुझे भी मिलाना कहीं भी मिले,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 39 Share Neeraj Agarwal 26 Apr 2024 · 1 min read अपना मन शीर्षक -अपना मन ************ अपना मन सच तो हां यही हैं। जीवन में आज स्वार्थ बहुत हैं। शायद आज एहसास और एतबार नहीं हैं। अफसोस शब्दों के अर्थ नहीं हैं।... Hindi · कविता 14 Share Paras Nath Jha 26 Apr 2024 · 1 min read औचक निरीक्षण स्कूल के गेट पर लाल बत्ती वाली गाड़ी देखते ही शिक्षक क्लास की ओर भागे लग रहा था तो जैसे कि अभी अभी ही वो पिछली रात की गहरी नींद... Hindi · कविता 13 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 25 Apr 2024 · 1 min read संवेदना बोलती है 🙏 संवेदना बोल रही आंखों से🙏 🍀☘️🙏🍀☘️❤️🍀☘️ भरी रसीली लाल रंजीत सी सागर सी आंखे संवेदना की आस अरमान से निहार रही लम्हा लम्हा तनहा गुजार रही निज वेदना को खुद... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 24 Share Sushma Singh 25 Apr 2024 · 1 min read शीर्षक -तुम ही खेवनहार शीर्षक -तुम ही खेवनहार ---------------------- असहाय छोड़कर यूँ हमको, तुम मत जाओ भगवान। वापस आओ तुम्हें ना जाने देंगे, करो जगत का तुम कल्यान ! भारत मांँ की नैया के... Hindi · कविता 2 24 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Apr 2024 · 1 min read ज़िंदगी का दस्तूर सूरत ,दौलत , शौहरत , जब तक हैं उतना ही साथ है , वरना साथ का एहसास , बस कहने- सुनने की बात है , वक्त बदलते मरासिम भी बदल... Hindi · कविता · हक़ीक़त 11 Share Vivek Ahuja 25 Apr 2024 · 1 min read सुदामा कृष्ण के द्वार "सुदामा "कृष्ण" के द्वार" रोज-रोज खूब चल रही , जब पत्नी संग रार गरीब सुदामा पहुंच गए ,आज "कृष्ण" के द्वार द्वारपाल ने रोक लिया , देख सुदामा हाल फटे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · Best Poetry · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · Krishna · Radhakrishn · कविता 3 12 Share Dr. Vaishali Verma 25 Apr 2024 · 1 min read संवेदना(कलम की दुनिया) 🍀🍀पेन,पेंसिल🍀🍀 यूँ कहो एक कलम हूँ। है मेरी अपनी एक नयी दुनिया जिसने महान जन के कार्यों को शब्दों की कहानी की गति से गढ़ा वीरों जैसी महान बलदानी संवेदना... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 34 Share Anand Kumar 25 Apr 2024 · 1 min read मेरी कलम से… मेरी कलम से… आनन्द कुमार मेरे हालात पर, तुम्हारा कोई दोष नहीं, कम्बख्त मैं खुद ही, खुद का जिम्मेदार हूं, प्यार, दर्द सुकून में उलझा रहा हर पल, मैं हर... Hindi · Quote Writer · कविता 7 Share Dr. Vaishali Verma 25 Apr 2024 · 1 min read संवेदना(सहानुभूति) 🍀*न दिखाओ* *अपनी झूठी* *सहानुभूति सबसे*🍀 *जानते हैं* *इस मिथ्या जगत में* *कैसे मिठिया सहानुभूति*🍀 *देकर ठुकराते हैं लोग* *संवेदना में न* *खोकर न बनने*🍀 *दे इसे छलिया रोग* *छल... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 27 Share Shalini Mishra Tiwari 25 Apr 2024 · 1 min read मेरी संवेदनाएं कुछ जीवन का कोलाहल है, कुछ उलझे ताने - बाने हैं। कुछ पीड़ा की गहराई है, कुछ पतझड़ की अमराई है। कुछ सपनों के रेले हैं, कुछ हम भी पूरे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 4 14 Share Neeraj Agarwal 25 Apr 2024 · 1 min read संवेदना...2 शीर्षक - संवेदना ***** हमारे मन में संवेदना होती हैं। हमारे साथ तुम्हारी संवेदना रहतीं हैं। हम तुम संग एक संवेदना रखते हैं। इश्क और मोहब्बत में संवेदना होती है।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 19 Share Sunil Suman 25 Apr 2024 · 1 min read आखिर क्यों ? एक दिन बैठा हुआ था, मैं जाने किस सोच में ? चल पड़ा फिर पार पथ पर, जाने किसकी खोज में ? पर न था कुछ भी सिवाय, धुन्ध के... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 12 Share Shalini Mishra Tiwari 25 Apr 2024 · 1 min read संवेदना मन भरा भरा हो जाता है जब तुझको कोई समझ न पाता है हूँ इंसान की नस्ल मैं भी क्यूँ मशीनों में आँका जाता है नहीं बोलती कुछ तो क्या... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 4 12 Share Indu Singh 25 Apr 2024 · 1 min read समय (कविता) समय-समय की बात है समय बड़ा ही हैं बलवान। समय के आगे सब कोई हारा चाहे दुर्बल हो या पहलवान। समय बदलता रहता सबका चाहे गरीब हो या धनवान। बदला... Hindi · कविता 8 Share Dr MusafiR BaithA 24 Apr 2024 · 1 min read मौतों से उपजी मौत वह था इतना अकिंचन क्षुधा आकुल कि काफी हद तक मर गई थीं भूख की वेदनाएं उसकी और अन्न से ज्यादा भूख से ही अचाहा अपनापा हो गया था उसका... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 16 Share Dr MusafiR BaithA 24 Apr 2024 · 1 min read सुख का मुकाबला उस अमीर का सुख मुझे बहुत विपन्न दिखा और उस गरीब का सुख बहुत सम्पन्न एक चेहरे पर सुख गर्व सजा मग़र सूजा दिखा था जबकि दूजा मुख मुझे दुख... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 15 Share नूरफातिमा खातून नूरी 24 Apr 2024 · 1 min read आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव घड़े का ठंडा पानी हो बरगद का हो छांव शाम को घर आ जाते सब चबूतरे पर हो ठांव ना रखे कभी... Hindi · कविता 20 Share Paras Nath Jha 24 Apr 2024 · 3 min read लंका दहन देखते ही ये बात सम्पूर्ण द्रुत गति से फैल गई सैनिकों ने एक बन्दर को पकड़ कर लाया है उस बन्दर का एक झलक पाने के लिए असुर बहुत संख्या... Hindi · कविता 13 Share Paras Nath Jha 24 Apr 2024 · 3 min read दुर्योधन की पीड़ा किस काल खण्ड में और किस व्योम तले किन किन गोदों में बचपन से पला बढ़ा था विधाता ने भी अपने हाथों से किस घड़ी में मेरे भाग्य में ही... Hindi · कविता 11 Share भरत कुमार सोलंकी 24 Apr 2024 · 1 min read सम्भाला था सम्भाला था वक्त की जुबान आज बन उफान तनी रही सख्त रख रवैया आज तुफान सनी रही खामोश निगाहो को खामोशी से सम्भाला था दारमदार हमने रख अपनी जुबां से... Hindi · कविता 11 Share Dr MusafiR BaithA 24 Apr 2024 · 1 min read उसका दुःख मेरी प्रतिक्रिया पाकर उसे भारी दुःख पहुँचा था इस बार वह मेरी प्रतिक्रियाओं में सुख को पाने पालने का अभ्यासी था पेड़ से गिर बिना खजूर पर अटके धरती को... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 13 Share Shriyansh Gupta 24 Apr 2024 · 1 min read वैसा न रहा जैसा था जो, अब वैसा न रहा हर बात का अब एक अर्थ न रहा। हर बात का मतलब अलग हर किसी के लिए, रिश्तों के भी मायने अलग हर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 2 21 Share Sandeep Barmaiya 24 Apr 2024 · 1 min read यही है वो संवेदना है ये धूप छांव कायाम नही संवेदनाये कोई आम नही जीवन का हर एक पहलू है उम्मीद किरण की आग है वो दिल करता है वो ही सही दिल भरता है... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · Poetry · कविता 3 22 Share Surinder blackpen 24 Apr 2024 · 1 min read इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे। इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे। मेरा भी है वादा ,भूल तुम नहीं पाओगे। हर कसम ,हर याद पांव से लिपट जायेगी इनसे तुम पीछा , आखिर कैसे छुडायोगे। मुश्किल... Hindi · कविता 10 Share भरत कुमार सोलंकी 24 Apr 2024 · 1 min read आहट बता गयी विसय आहट बता गयी विधा. मुक्तक दिनांक ८:४;२०२४ चली चलन से चाल मेरी चाहत कर चार धाम माल मेरा चकोर रख चांद चांदनी पर चश्मा चढा आज मोरनी पर चढी... Hindi · कविता 11 Share Shankar N aanjna 24 Apr 2024 · 1 min read सवेंदना सवेंदना, विश्वास की खोज, जीवन का अद्वितीय खिलवाड़, विचारों की उड़ान, भावनाओं का संगीत, सवेंदना है, नये सपनों की चाह। आँखों में छुपी बातें, दिल की कहानी, जज़्बातों का सवारा,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 20 Share Dr Meenu Poonia 24 Apr 2024 · 2 min read " एक थी बुआ भतेरी " " एक थी बुआ भतेरी " सारे जन ध्यान से मीनू की बात सुनना पहले एक बुआ भतेरी हुआ करती थी, शर्म लिहाज नहीं करती बिल्कुल भी वो पूनिया को... Hindi · कविता 1 12 Share Shankar N aanjna 24 Apr 2024 · 1 min read काला पानी आज़ादी का धान करूँ तो, केवल दिखती एक कहानी ! केवल सम्मुख शोणित की, वर्षा केवल दिखता काला पानी !! केवल वीरों की हुकार, केवल भारत की पुकार ! केवल... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 12 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 24 Apr 2024 · 1 min read बहे संवेदन रुप बयार🙏 बहे संवेदन रुप बयार🙏 ☘️❤️☘️🙏🍀❤️☘️ बहे बयार देखा है सबने आकार प्रकार बिकराल हिलते डुलते टूटते देखा रंग सलोना देखा किसने स्पर्श स्पंदनअनुभव ज्ञान गंघ सुगंध स्पर्श पहचान तमस तपी... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 22 Share नवीन जोशी 'नवल' 24 Apr 2024 · 1 min read संवेदना (वृद्धावस्था) शीर्ष थे परिवार में, ज्यों व्योम के तुम प्रथम तारे ओ विपिन के वट-विटप, अब शून्य में किसको निहारे ! जोड़कर तृण-तृण तुम्हीं ने, दिवस ना कुछ रात देखा, पर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 1 52 Share ललकार भारद्वाज 23 Apr 2024 · 1 min read जन्मोत्सव अंजनि के लाल का राम दास और राम दुलारे। राम को अपने हृदय धारे।। राम भजन जो गाते हरदम। राम बिना ना स्वास को धारे।। राम हैं जिनमे राम के जो हैं। राम पे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 2 13 Share तारकेश्वर प्रसाद तरुण 23 Apr 2024 · 1 min read मूक संवेदना🙏 मूक संवेदना रूह की वाणी🙏 ☘️🍀🍀🌹🌹🍀☘️ क्षिति जल पावक गगनसमीरा पंचतत्व रचि अधम शरीरा इंद्रिय मानसिक जागरूकता अनुभूति महसूस भाव गणिता भावना वेदना अनुभव प्रकृता स्पर्श स्वाद गंध श्रवण दृश्यता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 22 Share Indu Singh 23 Apr 2024 · 1 min read दर्दों का कारवां (कविता) दर्दों का करवां साथ चलता ही रहा आंखें नम हुई दिल थम सा गया अब इतना भी दर्द न दे ऐ ज़िन्दगी कि हिसाब भी इसका कर न सकूं कुछ... Hindi · कविता 2 1 12 Share Dr MusafiR BaithA 23 Apr 2024 · 2 min read बचपन की बारिश बचपन की बारिश में यादों का दखल अब भी जीवन में बचा बसा है इतना कि भींग जाता है जब तब उसकी गुदगुदी से सारा तनमन मेरे समय के नंग... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Apr 2024 · 1 min read संवेदनायें संवेदना किसी भी वेदना का कारण होती हैं ये संवेदनाएं ही हैं जो निवारण भी करती हैं संवेदनाओं की अपनी होती एक निजी भाषा बिना शब्दों के आँखों में परिभाषा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 11 78 Share Buddha Prakash 23 Apr 2024 · 1 min read एक छाया एकदम से याद आया, वो तो थी एक छाया, सिहर उठी मेरी काया, धीरे–धीरे भय था आया। गुमनाम-सा एक मेहमान-सा, बिच राह मे खड़ा था पाया, अँधेरे मे देख ना... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 17 Share bhandari lokesh 23 Apr 2024 · 1 min read नर्स और अध्यापक दो जिस्म नहीं, एक चाहत थे वो इक दूजे की आदत थे ना लैला मजनू, हीर रांझा वो नर्स और अध्यापक थे एक कलम से लिखता नाम उसी का एक... Hindi · कविता 12 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read अस्तित्व पत्थर पर गिरते ही शीशा चूर-चूर होता है ! और शीशे पर पत्थर पड़ते ही , शीशा चूर-चूर बिखरता है ! हर बार शीशे को तोड़कर पत्थर अपनी ह़स्ती जताता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 17 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read पत्थर की अभिलाषा राह पर पड़े पत्थर ने सोचा इक दिन यह भी क्या जीवन है ? नित प्रतिदिन ठोकरें खाता फिरता हूं ! दिशाहीन मैं इधर-उधर लुढ़कता टूटता बिखरता रहता हूं !... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 18 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read संदेश अंतर्मन तिमिर नष्ट हो , जागृत हो आशा किरण , स्पंदित हो सद्भाव , नष्ट हो व्याप्त घृणा विकिरण , प्रेम मुदित मनस बने , संचरित हो सद् विचार ,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 14 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read काव्य भावना किसलय की मुस्कान बनी , मृगनयनी का श्रृंगार बनी , चंद्र किरण चंचल किरणों का वर्णन बनी, नभ आच्छादित नक्षत्र मंडल सौंदर्य भान बनी , रवि आगम प्रकाश पुंजों का... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 11 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read प्रतिशोध क्रोध , वैमनस्य, प्रतिस्पर्धा की उत्पत्ति , विवेक भंजन नकारात्मक संहारक शक्ति , अंतस अनल उत्सर्जित दहन भावना , घृणा प्रेरित विनाशक प्रतिकार कामना , ह्रदय कंटक बनी कष्ट कारक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 14 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम एक लगन है , इसमें रहते प्रेमी मगन हैं , यह हृदय से हृदय का स्पंदन है , यह बुझाए ना बुझे वह अगन है , यह एक सतत... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 14 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2024 · 1 min read सत्याधार का अवसान सत्य क्यों इतना प्रतीत निष्ठुर है ? असत्य क्यों इतना प्रतीत मधुर है ? क्यों सत्य सबसे अलग इतना एकाकी पड़ गया है ? क्यों असत्य का साथ देने वालों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 15 Share Page 1 Next