Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2024 · 1 min read

जन्मोत्सव अंजनि के लाल का

राम दास और राम दुलारे।
राम को अपने हृदय धारे।।

राम भजन जो गाते हरदम।
राम बिना ना स्वास को धारे।।

राम हैं जिनमे राम के जो हैं।
राम पे हरदम वो हैं वारे।।

कहते उनको हनुमान हैं प्यारे।
राम के वो तो सबसे दुलारे।।

राम दास और राम दुलारे।
राम को अपने हृदय धारे।।

कौशल्या माँ के राम दुलारे।
माँ सीता को राम हैं प्यारे।।

लक्ष्मण के त्रिलोकी नाथा।
हनुमंत के वो सबसे खासा।।

राम हैं ज्योति तेज हनुमंता।
राम हैं दीपक तेल हनुमंता।।

राम दास और राम दुलारे।
राम को अपने हृदय धारे।।

चिरंजीवी हैं हनुमंत प्यारे।
चिर आयु हैं राम के प्यारे।।

संवेदना जो रखते इनसे।
वेदना ये हरते उनकी।।

शिव के 11वें रुद्र अवतारी।
शनि देव पर कृपा धारी।।

राम दास और राम दुलारे।
राम को अपने हृदय धारे।।

ललकार भारद्वाज

5 Likes · 2 Comments · 19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ललकार भारद्वाज
View all
You may also like:
"नींद आने की दुआ भूल कर न दे मुझको।
*Author प्रणय प्रभात*
मुहब्बत हुयी थी
मुहब्बत हुयी थी
shabina. Naaz
*दुखड़ा कभी संसार में, अपना न रोना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*
*दुखड़ा कभी संसार में, अपना न रोना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आखिर क्या है दुनिया
आखिर क्या है दुनिया
Dr. Kishan tandon kranti
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
आर.एस. 'प्रीतम'
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏✍️🙏
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏✍️🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
" तुम से नज़र मिलीं "
Aarti sirsat
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
जय लगन कुमार हैप्पी
*मंज़िल पथिक और माध्यम*
*मंज़िल पथिक और माध्यम*
Lokesh Singh
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
मनोज कर्ण
शाम सुहानी
शाम सुहानी
लक्ष्मी सिंह
आया पर्व पुनीत....
आया पर्व पुनीत....
डॉ.सीमा अग्रवाल
हां मैं पागल हूं दोस्तों
हां मैं पागल हूं दोस्तों
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आज बाजार बन्द है
आज बाजार बन्द है
gurudeenverma198
पलक-पाँवड़े
पलक-पाँवड़े
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आभ बसंती...!!!
आभ बसंती...!!!
Neelam Sharma
ख़ुदा ने बख़्शी हैं वो ख़ूबियाँ के
ख़ुदा ने बख़्शी हैं वो ख़ूबियाँ के
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सावन का महीना है भरतार
सावन का महीना है भरतार
Ram Krishan Rastogi
राजनीति
राजनीति
Bodhisatva kastooriya
नेता जी
नेता जी
Sanjay ' शून्य'
मेरे राम
मेरे राम
Prakash Chandra
2805. *पूर्णिका*
2805. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
कविता के हर शब्द का, होता है कुछ सार
Dr Archana Gupta
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
कवि रमेशराज
पुकार
पुकार
Manu Vashistha
बस चलता गया मैं
बस चलता गया मैं
Satish Srijan
Suno
Suno
पूर्वार्थ
प्यार इस कदर है तुमसे बतायें कैसें।
प्यार इस कदर है तुमसे बतायें कैसें।
Yogendra Chaturwedi
Loading...