rekha rani Tag: कविता 50 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid rekha rani 2 Jun 2021 · 1 min read जानते हैं कि बरसात क्या होती है जानते हैं कि बरसात क्या होती है जब किसी किसान के खेत से फसल काट कर घर ले जाई जाती है। उसकी बीबी प्यार से उसको सुंगा रही होती है... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 343 Share rekha rani 2 Jun 2021 · 1 min read देखो तो बरसात है आई देखो तो बरसात है आई मेंढक राजा लेकर छाता घूम रहे तालाब में। मोर भी खुश हो नाच रहे हैं देखो कितने बाग में। बच्चे छप छप नहा रहे हैं।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 659 Share rekha rani 30 May 2021 · 1 min read बरसातें बचपन की वो बरसातें,भूले नहीं हैं हम। कागज़ की छोटी कश्ती , दिन भर चलाते हम। न छाता चहिए था, न रेन कोट कोई। छम - छम बरसता पानी,कॉपी पुरानी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 3 457 Share rekha rani 3 Feb 2021 · 1 min read प्रेम की पाती मैंने प्रेम की पाती लिखी है, तुमको जीवन साथी लिखी है। कोरा कागज़ है मन मेरा नाम लिखा है जिस पर तेरा। भावों की लेकर के स्याही, प्रीत की मैंने... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 45 677 Share rekha rani 15 Dec 2020 · 1 min read ज़रूर मेरे महकते गुलशन को किसी की नजर लगी होगी ज़रूर मेरे महकते गुलशन को किसी की नजर लगी होगी। जहां महकती थी खुशबू नन्हीं कलियों की, वहां सैनिटाइजर की दवा फिजाओं में लगी होगी। जहां बढ़ते थे कारवां स्कूल... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 56 55 4k Share rekha rani 11 Apr 2020 · 1 min read औकात हम इंसानों की वाह ! री कुदरत , तूने हम इंसानों को , हमारी असली औकात दिखा दी। छेड़ -छाड़ तेरे अस्तित्व के साथ , उसकी किस रूप में सजा दी। गुमान बहुत... Hindi · कविता 4 2 336 Share rekha rani 9 Apr 2020 · 2 min read भूख भी ख़ुद्दारी से हारी दिवस का अंतिम प्रहर , घर की दहलीज भी हार चुकी, बाट जोह कर । जाने को तैयार है रवि भी, किरण- रश्मियां भी असफल रहीं , ला न सकीं... Hindi · कविता 2 1 526 Share rekha rani 2 Apr 2020 · 1 min read पीड़ा धरती मां की( कोरो ना आधारित) भारत माता, स्वप्न में आई, आकर के मुझसे बोली। सोई नहीं हूं मैं तो तनिक भी , तू कैसे? ऐसे सो ली । किसने किया यह कृत्य घिनौना, किसने बदरंग... Hindi · कविता 1 311 Share rekha rani 23 Dec 2019 · 1 min read नागरिकता बिल पर मुझे मेरा प्यारा वतन चाहिए, चहुं ओर शांति अमन चाहिए। कोहरे की चादर पसंद है मुझे, न दिखे जो सूरज पसंद है मुझे। नफरत की मुझको ना धुंध चाहिए। नहीं... Hindi · कविता 433 Share rekha rani 16 Dec 2019 · 1 min read नमूना मां की पसंद का मैंने बचपन से देखा मां को बुनते हुए, अपनी पसंद का नमूना चुनते हुए। वह डालकर नित नए नमूने स्वेटर बनाती थी। अपनी पसंद के गुड्डे - गुड़िया उसमें सजाती... Hindi · कविता 2 524 Share rekha rani 16 Dec 2019 · 1 min read अहमियत उम्र के ढलते पड़ाव की उम्र के ढलते पड़ाव की होती है अपनी खास अहमियत। एक -एक बाल में सिमटा होता है, तजुर्बा मानो एक एक युग का जो देता है सीख तुम्हें, जुड़ने और... Hindi · कविता 2 1 454 Share rekha rani 9 Dec 2019 · 1 min read संघर्ष थकाता बहुत है ; सुना है मैंने इस संघर्ष थकाता बहुत है, मगर अंदर से बना देता है मजबूत, ए संघर्ष इतना न थका देना मुझे, कि एक दिन दोबारा उठने की हिम्मत ही... Hindi · कविता 1 274 Share rekha rani 26 Oct 2019 · 1 min read तब होगी असली धनतेरस एक बच्चे के प्यार की खातिर, उसके हक अधिकार की खातिर l मोबाइल ,कंप्यूटर ,टीवी , मित्र मंडली, महफिल त्यागे। दो मीठे बोलो से पूरित बचपन के स्वर्णिम पल झांके।... Hindi · कविता 1 294 Share rekha rani 23 Oct 2019 · 1 min read उसका बचपन झांक रहा था आज एक होटल से गुजरी, एक हकीकत से यूं रूबरु आज मैं क्योंकर हुई। मैले चीथड़े और मैला तन जैसे तिरस्कृत हो कोई । यूं तो बर्तन मांज रहा था... Hindi · कविता 1 301 Share rekha rani 20 Oct 2019 · 1 min read गणित जिंदगी का जिंदगी तो खुद ही एक सवाल है, हर तरफ सवालों का ही जाल है। भिन्न-भिन्न परिस्थिति ही तो भिन्न हैं, इनसे ही घबरा के तो हम खिन्न हैं। जिंदगी के... Hindi · कविता 2 1 564 Share rekha rani 19 Aug 2019 · 1 min read प्रेरणा एप को भी धूल चटा देंगे ??????????? हम में वो दम है कि हम प्रेरणा एप को भी धूल चटा देंगे। हम शिक्षक है सब बेसिक के, यदि अपनी जिद पर आए इस नानी याद दिला... Hindi · कविता 2 430 Share rekha rani 18 Aug 2019 · 1 min read प्रेरणा एप ??????????? भोर होना नहीं टलता , अंधेरों के डर से लहरें मंज़िल से भटकती नहीं तूफ़ान से डर के। दौर ए गर्दिशे चले तो चलता रहे,हम सफर करना नहीं छोड़ेंगे... Hindi · कविता 2 265 Share rekha rani 12 Aug 2019 · 1 min read वक़्त कोई अनछुआ सा पल रह न जाए। कोई अन कहा सा शब्द रह न जाए। बीते समय की तलाश में, खोए सुखों की आस में , कोई सुनहरा अवसर कहीं... Hindi · कविता 2 286 Share rekha rani 6 Aug 2019 · 2 min read राष्ट्र तुम्हें नमन करेगा मेरी भारत माता को पूर्ण जो तुमने किया है। अधूरे मानचित्र को भाल जो तुमने दिया है। राष्ट्र तुम्हे नमन करेगा ए मोदी नमन करेगा गर्व यह राष्ट्र करेगा।।२ मैं... Hindi · कविता 1 624 Share rekha rani 4 Aug 2019 · 1 min read मित्रता दिवस- चलो आज मिलकर नया राग छेड़ें चलो आज हम बेवजह मुस्कुरा लें। न ढूंढ़े वजह कोई खुशियों की यारां। जब भी मौका मिले दिल से खुशियां मना लें। बहुत उलझनें... Hindi · कविता 1 453 Share rekha rani 3 Aug 2019 · 1 min read कहां से लाऊं वह सावन - अमुवा की डाली में झूला डलवाना वो सखियों संग पेंग बढ़ाना। मिलजुल प्रेम से सावन गाना। वो कोयल का राग सुहाना । ढूंढ रहा है मन बेचारा, कहां से लाऊं... Hindi · कविता 1 598 Share rekha rani 29 Jul 2019 · 1 min read चलो आज चौपाल लगाएं चलो आज चौपाल लगाएं, एक ऐसी चौपाल जिसमें बातें हों जल की -थल की, नभ की -धरा की, पर्यावरण संरक्षण की, वृक्षों से सजी धरा की। जिसमें बुजुर्ग गार्गी ,विद्योत्तमा... Hindi · कविता 230 Share rekha rani 25 Jul 2019 · 1 min read चल खुलकर जी,- मत जी डर डर के यूं ज़िंदगी इस कदर मेरे दोस्त ! इसे अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बना ले , जब भी मौका मिले अहसास पिरोने का चल ए मन... Hindi · कविता 445 Share rekha rani 8 Jul 2019 · 2 min read वह भी परी है अपने पापा की- वह मां जो बड़े चाव से, बेटे को पाल पोस कर लायक बनाती है। उसकी हर कामयाबी पर , बड़े गुमान से दीपक घी का जलाती है। अपने बेटे के... Hindi · कविता 467 Share rekha rani 5 Jul 2019 · 1 min read मेरी वापसी के बाद- आंखों में लिए अश्रुओं की बरसात, दिल में समेटे सूने पन का अहसास। आती है दरवाजे तक साथ - साथ , ऐसे छुपाती है सारा गम कि, हो न पाए... Hindi · कविता 1 513 Share rekha rani 1 Jul 2019 · 1 min read हवाओं को गुनगुनाने दे - आज फिर से कोई नया गीत लिखकर, स्वछंद, उन्मुक्त हो मन खिलखिलाकर मुस्कुराने दे। छेड़ तान इस अंदाज में, नदियां साज सजाकर कहें, कि तू लय भर जीवन में, और... Hindi · कविता 1 295 Share rekha rani 30 Jun 2019 · 1 min read चलो चलें भविष्य निर्माण की ओर -: चलो चलें भविष्य निर्माण की ओर, थामे हुए उत्साह से विश्वास और उम्मीद की डोर। तुम्हारे हाथों में भारत का आने वाला कल है, वह अबोध बालक मां की तपस्या... Hindi · कविता 1 436 Share rekha rani 22 Jun 2019 · 1 min read मेरी मां उठ जाती है रोज सवेरे भोर से पहले, समेट कर खुद की ख्वाहिशें घर के काम के साथ, चल देती है दो जून की रोटी के लिए , बिना जाने... Hindi · कविता 1 521 Share rekha rani 17 Jun 2019 · 1 min read पिता - जो जीता है, एक हंसी के लिए। करता है श्र म, निरन्तर बिना थके, एक कामयाबी के लिए। बांटता फिरता है अविरल स्नेह समदर्शी बन, प्रत्येक संतान के लिए। जो... Hindi · कविता 1 480 Share rekha rani 17 Jun 2019 · 1 min read चलता चल - चलता चल ए मन ! तू अपनी ही रज़ा से, बहने दे जिधर बह रही है , तेरा क्या सरोकार है मनमौजी फिज़ा से। सोच अगर कोई ख्वाब जिसे तूने... Hindi · कविता 1 416 Share rekha rani 14 Jun 2019 · 1 min read आज का आदमी - आज का आदमी कितना व्यस्त, कितना एकाकी, कितना अकेला। तल्लीन है फाइलों में, एक अजीब सी हलचल है दिमाग़ में, पता नहीं क्या खोज़ रहा था ,और क्या मिल गया।... Hindi · कविता 2 385 Share rekha rani 13 Jun 2019 · 1 min read ग्राम्य जीवन इन गांवों में मिलती है जीवन की परिभाषा। आशाओं को घेरे बैठी मन की घोर निराशा। मरता हुआ हर इंसान रखता जीने की अभिलाषा। संध्या समय ग्राम प्रांत। कितना नीरव... Hindi · कविता 2 511 Share rekha rani 11 Jun 2019 · 1 min read चांद से बातें - चांद से बातें हुईं अपनी तो बस रात भर। चांद भी सोया नहीं मेरी तरह से रात भर। चांद था खामोश लेकिन मैने उससे किया सवाल। क्यों उदास आज हो... Hindi · कविता 1 360 Share rekha rani 6 Jun 2019 · 1 min read रोप दें एक ऐसा बीज रोप दें एक ऐसा बीज, जिससे फूटे एक अंकुर मानवता का। देखते देखते लहलहा उठे पौधा , और बन जाए विशाल वट एकता का। दूर तक बिखर जाएं शाखाएं इंसानियत... Hindi · कविता 1 261 Share rekha rani 5 Jun 2019 · 1 min read अनजानों से पहचान बना रही हूं मैं - यूं ही नहीं जाता है कोई अनजानों के पास, छोड़ कर अपनों का फैलाआंगन, बनाने लग जाता है अपने हिस्से का सिर्फ एक अंगुल भर खुला आसमान। वो आसमान जिसमें... Hindi · कविता 1 276 Share rekha rani 4 Jun 2019 · 1 min read मत काटो मुझे(पर्यावरण संरक्षण पर विशेष) ए मानव ! थोड़ा तरस तो खा । मत काट मुझे तू ,अब न सता। समझ नहीं आता तू कैसे इतना निर्मोही हो जाता है। मेरी ये रंगीन शाखाएं सजी... Hindi · कविता 2 512 Share rekha rani 3 Jun 2019 · 1 min read जो चला गया वो - जो चला गया इस दुनिया से वापस नहीं आएगा। यही रीत है इस जग की तू बदल न पाएगा। माना कि वह तुझको जान से प्यारा था। उससे घर रोशन... Hindi · कविता 1 404 Share rekha rani 31 May 2019 · 1 min read प्यारा बचपन काश !मुझे मेरा प्यारा कोई बचपन दे जाए। बदले में सारी मेरी धन दौलत लेे जाए। वो बचपन जिसमें पापा के कंधे पे बैठी थी, बाहों के पलने में निर्भय... Hindi · कविता 2 1 391 Share rekha rani 30 May 2019 · 1 min read मेरा गांव एक छोटी सी पगडंडी जाती है मेरे गांव को । जीवन का हर मोड़ देखती और संजोती ख्वाब को । छोटा सा प्यारा सा गांव था मेरा। हर दिन लगता... Hindi · कविता 2 286 Share rekha rani 29 May 2019 · 1 min read चिंता ना करें:- चिंता ना करें चिंता नहीं करें हर ग्रन्थ संदेशा देता है। चिंता खा जाती है तन को ,पर चिंतन संबल देता है । मानव जब दौड़ लगाता है खाकर ठोकर... Hindi · कविता 2 406 Share rekha rani 28 May 2019 · 1 min read बिना प्रेरणा के बिना मे प्रेरणा के मेरी जिंदगी में जैसे कोई उमंग ही नही है । इंद्रधनुष के सात रंग बने मगर ,कोई अनोखा रंग नहीं है। संग साथ तेरे काम करके... Hindi · कविता 1 364 Share rekha rani 27 May 2019 · 1 min read दुखों से समझौता करलो दुखों से समझौता कर लो ,तभी दुख सह सकोगे तुम । जो समझौता ना कर पाए न जीवित रह सकोगे तुम। यह धीमी हवाएं भी बन जाती हैं आंधी। तूफान... Hindi · कविता 1 238 Share rekha rani 27 May 2019 · 1 min read बादल बादलों का नृप है अंबर । डरता रहता बादल अक्सर । पर कभी पवन के सहारे । बिना पूछे नभ से बिना ही विचारे यूं ही मौज मस्ती में पंख... Hindi · कविता 1 227 Share rekha rani 26 May 2019 · 1 min read अभियान गीत साक्षरता आंधी या कोई तूफान चले मंजिल तक बढ़ते जाना है। भारत के घर-घर में हमको अब शिक्षा दीप जलाना है। संकल्प आज यह हमारा है कहते हैं सब सौगंध खाकर।... Hindi · कविता 1 5k Share rekha rani 1 Jan 2019 · 1 min read मिलन नव वर्ष ??????????❣❣❣❣❣ भोर हुई तो कलैंडर की तिथि बदल गई।?????????? देखते -देखते खूबसूरत सांझ बीते कल में ढल गई। ??????????? क्या तुमने देखा वह अनूठा दृश्य , जब सांझ जा रही... Hindi · कविता 2 1 301 Share rekha rani 8 Sep 2018 · 2 min read साक्षरता नफ़रत ,गुरवत और अशिक्षा शत्रु हैं इंसान के।??? चलो आज सब दीप जलाएं प्रेम और सद्ज्ञान के।???? बिन शिक्षा जीवन अंधियारा, ज्ञान दीप से हो उजियारा।??? कहते आए बुजुर्ग यह... Hindi · कविता 3 431 Share rekha rani 28 May 2017 · 1 min read चाँद की रजाई आज यह बादल क्यों फट गया गरीब की रजाई की तरह। या फिर किसी पांव में फटी बिबाई की तरह। इस फटी रजाई में तन छुपाता है शशि। इस में... Hindi · कविता 1 303 Share rekha rani 14 May 2017 · 1 min read गृहस्थ मंदिर की पुजारिन आँ खों की उदासी न दिखा किसी को क्योंकि यह कमजोरी को बयां करती है। तेरी आँ खों की चमक में कामयाबी झलकती है । माना मैंने कि बचपन खू... Hindi · कविता 1 341 Share rekha rani 1 Feb 2017 · 1 min read बसंत पञ्चमी नू तन वस्त्र धरा ने धारे सज गईं सभी दिशाएं धुंधली दिशाएं ओझल हुई अब विकसा रवि मुस्काए। आज प्रफुल्लित हो सारे मिलकर बसंत मनाएं। मन में भरें उल्लास बसन्ती... Hindi · कविता 1 496 Share rekha rani 18 Jan 2017 · 1 min read लिंकन के पत्र का काव्यरूपांतरण सब जन जग मे न्यायी नहीं हैं और नही सब सच्चे होते। किन्तु उसे है यह सिखलाना मार्ग सत्य का है दिखलाना। दुष्टों के प्रतिरोध की ख़ातिर कुछ शूरों ने... Hindi · कविता 1 316 Share