Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2019 · 1 min read

रोप दें एक ऐसा बीज

रोप दें एक ऐसा बीज,
जिससे फूटे एक अंकुर मानवता का।
देखते देखते लहलहा उठे पौधा ,
और बन जाए विशाल वट एकता का।
दूर तक बिखर जाएं शाखाएं इंसानियत की,
देखते देखते पुष्प ऐसे खिलें,
और बिखर जाए खुशबू महक उठे चमन भ्रातृ त्व का।
रोप दें एक ऐसा बीज,
जिससे फूटे एक अंकुर नैतिकता का,
देखते देखते लहलहा उठे पौधा,
और बन जाए विशाल वट भावनाओं का।
दूर तक जाएं शाखाएं अपनेपन की,
देखते देखते पुष्प ऐसे खिले,
और अहसास हो बिन बताए एक दूसरे के सुख दुःख का।
रोप दें एक एक ऐसा बीज,
जिससे फूटे एक अंकुर सदभाव का।
देखते देखते लहलहा उठे पौधा,
और बन जाए विशाल वट शुभकामनाओं का।
दूर तक बिखर जाएं शाखाएं आशीष वचनों की,
रेखा पुष्प ऐसे खिले जिनसे बिखर जाए खुशबू,
इतनी की नामो निशान मिट जाए नफरत का।

Language: Hindi
1 Like · 260 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
** लिख रहे हो कथा **
** लिख रहे हो कथा **
surenderpal vaidya
ईश्वर, कौआ और आदमी के कान
ईश्वर, कौआ और आदमी के कान
Dr MusafiR BaithA
धवल चाँदनी में हरित,
धवल चाँदनी में हरित,
sushil sarna
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
कवि दीपक बवेजा
एक एहसास
एक एहसास
Dr fauzia Naseem shad
मरहटा छंद
मरहटा छंद
Subhash Singhai
*खो दिया सुख चैन तेरी चाह मे*
*खो दिया सुख चैन तेरी चाह मे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
You are painter
You are painter
Vandana maurya
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*Author प्रणय प्रभात*
सोच
सोच
Dinesh Kumar Gangwar
जीवन में दिन चार मिलें है,
जीवन में दिन चार मिलें है,
Satish Srijan
"मदहोश"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
याराना
याराना
Skanda Joshi
*कुंडी पहले थी सदा, दरवाजों के साथ (कुंडलिया)*
*कुंडी पहले थी सदा, दरवाजों के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" तेरा एहसान "
Dr Meenu Poonia
"उड़ान"
Yogendra Chaturwedi
मुक्तक... हंसगति छन्द
मुक्तक... हंसगति छन्द
डॉ.सीमा अग्रवाल
खुद पर यकीन,
खुद पर यकीन,
manjula chauhan
या रब
या रब
Shekhar Chandra Mitra
3031.*पूर्णिका*
3031.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नर नारी
नर नारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वाणी से उबल रहा पाणि
वाणी से उबल रहा पाणि
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पुनर्जन्माचे सत्य
पुनर्जन्माचे सत्य
Shyam Sundar Subramanian
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
Anand Kumar
हे गर्भवती !
हे गर्भवती !
Akash Yadav
ज़िंदगी इतनी मुश्किल भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुश्किल भी नहीं
Dheerja Sharma
खेल और राजनीती
खेल और राजनीती
'अशांत' शेखर
ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପୁରୁଷୋତ୍ତମ ଶ୍ରୀରାମ
ମର୍ଯ୍ୟାଦା ପୁରୁଷୋତ୍ତମ ଶ୍ରୀରାମ
Bidyadhar Mantry
रसीले आम
रसीले आम
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...