Dr.Pratibha Prakash Tag: गीतिका 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Pratibha Prakash 3 May 2024 · 1 min read सुरभि का उजाला हृदय उषा का तुम संगीत हो , महकी सुबह का तुम ही गीत हो सदियों की तुम प्राचीन रीत हो , युगों युगों के तुम मन मीत हो.......... मेरी बगिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीतिका 2 14 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Apr 2024 · 1 min read योगी शून्य प्रसून परम योगी योगेश्वर, तुम महादेवाधि ईश्वर परमेश्वर तुमसे सुशोभित भू कुल मण्डल, तुम ही नाथ अगम्य अगोचर सकल ब्रह्माण्ड तुम्हारी माया , श्वांस श्वांस समझ यही आया काला... Hindi · कविता · गीतिका 2 1 52 Share Dr.Pratibha Prakash 6 Apr 2024 · 1 min read कैलाशा तेजोमय तेजस रूप तिहारा , ओजोमय ओजस रूप तिहरा सकल ब्रह्मांडों के तुम स्वामी , श्री चरणों में प्रणाम हमारा || समस्त लोक तोहे नित ध्याएं, तेरे ही गुणों को... Hindi · कविता · गीतिका 2 1 34 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Mar 2024 · 2 min read अकेले आए हम अकेले है जाना अकेले , बहकाते हैं ये दुनियाँ के मेले कुछ भी नहीं है सच्चा यहाँ , सारे ही रिश्ते हैं मिथ्या यहाँ बालू के ढेर पर... Hindi · गीत · गीतिका 3 180 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read अनंत का आलिंगन न जाने किसकी आँखों से बरस रहा सावन बिन सावन बूंदे अति शीतल हैं फिर भी छलनी सीना होता क्यों साजन न जाने किसकी आँखों से.................... झर-झर झर-झर बरसे नैना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 9 246 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read इक तेरे सिवा तुमसे हटकर सोचूं भी क्या, इक तेरे सिवा जगत रखा क्या पंचतत्व में तुम ही समाये , तुमसे सुन्दर जगत में और क्या ......... ये तारे, नज़ारे सब तुम्हारे इशारे,सागर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 10 2 161 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read मेरे कलाधर श्यामल शस्य भू नीला अम्बर , शोभित मध्य मेरे कलाधर शास्वत सत्य डारि बाघम्बर, गुंजित बम-बम और हर-हर स्वर शोभित मध्य मेरे कलाधर ................ अजानुबाहु आशीष को देते, मन निर्मल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 9 148 Share Dr.Pratibha Prakash 28 Jan 2024 · 1 min read मिलन की वेला सायंकाल फिर मिलन की वेला, तेरी राह निहारेगी मैं तोडूंगा धीर स्वयं का, तू वेसुध होकर आएगी ............ लाज से भरे तेरे नैनन में, प्रेम रिक्त रह जाएगा अपने हाथों... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 9 173 Share Dr.Pratibha Prakash 23 Jan 2024 · 1 min read तुम सत्य हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो, शाश्वत तुम ही शिव अर्थ हो तुमसे ही मेरे अर्थ सारे, बिन तेरे सबकुछ व्यर्थ हो तुम सत्य हो तुम नित्य हो,शाश्वत तुम ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका 13 1 588 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jun 2023 · 1 min read कहती गौरैया क्यों भूल गए मोहे मेरे भैया मैं तो तेरे आंगन की गौरैया बच्चों का मन बहलाती इधर उधर फुर्र हो जाती बनाओ इमारत चाहे ऊंची खिड़की एक रखो तो छोटी... Hindi · गीतिका 15 5 667 Share