Bhartendra Sharma Language: Hindi 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bhartendra Sharma 1 Apr 2021 · 2 min read मूर्ख दिवस मूर्ख दिवस क्यों बनाते हो हमें मूर्ख आज बस एक दिन, हम तो पीढ़ियों से अनवरत बना रहे हैं मूर्ख स्वयं को... और समझकर खुद को समझदार पालते हैं वहम... Hindi · कविता 3 635 Share Bhartendra Sharma 31 Mar 2021 · 1 min read अन्तर्मन की बातें अन्तर्मन की बातें भीतर की सीलन में सड़ती, लेकिन नहीं सुखाई जाती... अन्तर्मन की बातें अक्सर, ना सबसे बतियाई जातीं... रहते सदा भीड़ के अंदर पर अंदर से निपट अकेले...... Hindi · कविता 1 1 443 Share Bhartendra Sharma 30 Mar 2021 · 1 min read लग जा आन गले होली में होली – 2 पौर पौर जब पहले ही रंगा है कहाँ रंगे तोहि अब होली में... हर एक कली अंगिया की अलग रंग, दीखत अजब रंग चोली में... भंग को... Hindi · मुक्तक 2 333 Share Bhartendra Sharma 30 Mar 2021 · 1 min read अब तलक छला नहीं खुद लिख के जी ली जिंदगी अब जिंदगी से गिला नहीं.. पढ़ भी इस क़दर लिया कि तू घुट्टी नई पिला नहीं.. कविता में प्रेम कर लिया चाहे रूबरू मिला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 340 Share Bhartendra Sharma 26 Mar 2021 · 1 min read होली - 1 होली - 1 नव तरुणी मधु से भरी हुई, जब निकल निकट से जाती हो... नव यौवन की खुशबू बिखेर, सब तितर-बितर कर जाती हो... कृश तनु पर अति बोझिल... Hindi · गीत 518 Share Bhartendra Sharma 23 Mar 2021 · 1 min read शहीद दिवस आजादी की नींव के प्रस्तर नतमस्तक सादर वंदन है... राजगुरु सुखदेव भगत सिंह स्मृति भी पावन चंदन है... प्राणों के उत्सर्ग से पहले क्या ऐसा भारत सोचा था, कवि उर... Hindi · मुक्तक 1 341 Share Bhartendra Sharma 22 Mar 2021 · 1 min read कविता अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। इस अवसर पर मेरी एक कविता अंतर्मन के भावों का सुप्त और जागृत ख्वाबों का, अंबर की नीली स्याही से सृजित धरा पर एक... Hindi · कविता 1 2 547 Share Bhartendra Sharma 18 Mar 2021 · 1 min read शारदे के हम पुजारी शारदे के हम पुजारी शोलों सी जलती जमीं पर हम तराई रोपते हैं... है नहीं अधिकार लेकिन बेईमानी रोकते हैं... है जिन्हें अधिकार सौंपा मुंह सुरसा सा है उनका... प्रगति... Hindi · कविता 1 3 323 Share Bhartendra Sharma 17 Mar 2021 · 1 min read मिलन *शीर्षक:_मिलन* खूब दौलत मिली खूब शोहरत मिली, जहां में जो आए बहुत कुछ मिला.. तन व यौवन मिला, पुष्प जीवन खिला, गर कुछ कम मिला, कभी सब कुछ मिला.. कम... Hindi · गीत 2 355 Share Bhartendra Sharma 16 Mar 2021 · 1 min read मुक्तक युगों युगों तक चिंतन करते, तब कुछ लम्हे लिख पाते हैं... कुछ यादों को ही लिख पाते, लेकिन जीवन रह जाते हैं... कलम रेतते, स्याही भरते, लिखने की कोशिश भी... Hindi · मुक्तक 4 476 Share Bhartendra Sharma 15 Mar 2021 · 1 min read कहां जा रहा है मनुज कहां जा रहा है मनुज ना मस्ती ना हस्ती, ना राहें न मकसद... ना रिश्ते ना नाते, ना अंतर ना शरहद... दरिया है आगे पर बहे जारहे हो... होकर मनुज... Hindi · कविता 4 1 311 Share Bhartendra Sharma 14 Mar 2021 · 1 min read पहली मुलाकात पहली मुलाकात अगर उस शाम बरसात नहीं होती... पहली मुलाकात यूं खास नहीं होती... तुम्हारा लाल साइकल पर इतरा कर हवा होना.. तुम्हीं थी मर्ज कॉलेज में तुम्हारा ही दवा... Hindi · कविता 3 397 Share Bhartendra Sharma 13 Mar 2021 · 1 min read स्वप्न में यूं तुमसे मुलाकात होगई. सोया था तेरे साथ ही पर अजीब बात होगई... आज स्वप्न में यूं तुमसे मुलाकात होगई... तुम तो थीं, हां तुम ही थीं, तुम सी न थी... नेह था,अनुराग था... Hindi · कविता 1 297 Share Bhartendra Sharma 12 Mar 2021 · 1 min read शायद प्यार यही होता है शायद प्यार यही होता है... 1. दो नयन अचानक मिले और चार हो गए... जान पहिचान हुई नहीं और यार हो गए... दोपहर शाम सी लगे और अमावस में चाँदनी... Hindi · कविता 2 2 313 Share Bhartendra Sharma 12 Mar 2021 · 1 min read मुक्तक दिल जीतने की चाह में जीता चला गया... अपमान के हर जहर को पीता चला गया... सोचा यही था प्यार के बदले मिलेगा प्यार, भारत उस दर से बेकदर रीता... Hindi · मुक्तक 2 2 345 Share Bhartendra Sharma 11 Mar 2021 · 1 min read शिव मुक्तक जीवन इतना सरल नहीं है, जब बहुतों ने भरमाया... इस जीवन से मृत्यु सरल है, तरह तरह से बतलाया... दुनियां भ्रम है दीप्ति अगन है, घोर निराशा छाया तम है,... Hindi · मुक्तक 1 2 407 Share Bhartendra Sharma 10 Mar 2021 · 1 min read मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट-10 मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट-10 भीतर से हूं निरा खोखला, बाहर दिखता गदगद हूँ… मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में वरगद हूँ… मैं वरगद हूँ, मैं... Hindi · कविता 4 319 Share Bhartendra Sharma 9 Mar 2021 · 1 min read महिला दिवस महिला दिवस पर स्वरचित रचना ना तब भी कमजोर थी ना अब कमतर कौम... तब काली का रूप थी अब भी मेरीकॉम... अब भी मेरीकॉम किरण बेदी और अरुधंती... जब... Hindi · कविता 2 1 609 Share Bhartendra Sharma 9 Mar 2021 · 1 min read मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट-9 मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट-9 भीतर से हूं निरा खोखला, बाहर दिखता गदगद हूँ… मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में वरगद हूँ… मैं वरगद हूँ, मैं... Hindi · कविता 2 1 308 Share Bhartendra Sharma 6 Mar 2021 · 1 min read मुक्तक दिल लेने या देने की चीज नहीं है, ये तो बस खुद के लिए खुद को मिला होताहै.... फिर न बैचेनी न जुदाई, बेरुखी ना नफरत, महक लिए गुलशन सा... Hindi · मुक्तक 1 514 Share Bhartendra Sharma 4 Mar 2021 · 1 min read मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट-8 मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट-8 भीतर से हूं निरा खोखला, बाहर दिखता गदगद हूँ… मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में वरगद हूँ… मैं वरगद हूँ, मैं... Hindi · कविता 2 281 Share Bhartendra Sharma 3 Mar 2021 · 1 min read मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट-7 मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट-6 भीतर से हूं निरा खोखला, बाहर दिखता गदगद हूँ… मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में वरगद हूँ… मैं वरगद हूँ, मैं... Hindi · कविता 1 4 448 Share Bhartendra Sharma 2 Mar 2021 · 1 min read मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट-6 भीतर से हूं निरा खोखला, बाहर दिखता गदगद हूँ... मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में वरगद हूँ... मैं वरगद हूँ, मैं वरगद हूँ, मैं वरगद हूँ, मैं... Hindi · कविता 1 2 303 Share Bhartendra Sharma 2 Mar 2021 · 1 min read नारी *नारी* नारी क्या है जटिल पहेली खुद भी खुद को नहीं जानती.. सबला है पर जानबूझकर, खुद को सबला नहीं मानती... सृजन उसी से पोषण उससे पालन भी उसके ही... Hindi · कविता 1 570 Share Bhartendra Sharma 1 Mar 2021 · 1 min read मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट_5 भीतर से हूं निरा खोखला, बाहर दिखता गदगद हूँ... मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में वरगद हूँ... मैं वरगद हूँ, मैं वरगद हूँ, मैं वरगद हूँ, मैं... Hindi · कविता 1 301 Share Bhartendra Sharma 27 Feb 2021 · 1 min read मुक्तक मैं तो मैं हूं मुझे मुझ में ही रहने दो, मुझे मुझसे चुराने की कोशिश ना करो.... तुम तो तुम हो तुम तुमसे ही रहो, मुझे तुम तुमसा बनाने की... Hindi · मुक्तक 2 336 Share Bhartendra Sharma 26 Feb 2021 · 1 min read मैं पुरुष रूप में वरगद हूं..पार्ट_4 भीतर से हूं निरा खोखला, बाहर से दिखता गदगद हूं... मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में वरगद हूं... मैं वरगद हूं, मैं वरगद हूं, मैं वरगद हूं,... Hindi · कविता 2 9 366 Share Bhartendra Sharma 25 Feb 2021 · 1 min read मैं पुरुष रूप में वरगद हूँ पार्ट -3 भीतर से हूं निरा खोखला, बाहर दिखता गदगद हूँ... मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में वरगद हूँ... मैं वरगद हूँ, मैं वरगद हूँ, मैं वरगद हूँ, मैं... Hindi · कविता 4 280 Share Bhartendra Sharma 24 Feb 2021 · 1 min read मैं पुरुष रूप में वरगद हूँ पार्ट -2 भीतर से हूं निरा खोखला, बाहर दिखता गदगद हूँ... मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में वरगद हूँ... मैं वरगद हूँ, मैं वरगद हूँ, मैं वरगद हूँ, मैं... Hindi · कविता 1 1 304 Share Bhartendra Sharma 23 Feb 2021 · 1 min read मैं पुरुष रूप में वरगद हूं-1 शीर्षक:- मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में वरगद हूं भीतर से हूं निरा खोखला, बाहर दिखता गदगद हूं... मिथ्या कहते है सबल श्रेष्ठ, मैं पुरुष रूप में... Hindi · कविता 2 6 289 Share Bhartendra Sharma 22 Feb 2021 · 1 min read आज का युग ऐतबार की बातें प्यार वफ़ा और पाक दोस्ती सम्भव है क्या... आज का युग ऐतबार की बातें संभव है क्या... अगर किसी को दिल के भीतर चोर दिख रहा, अपने दिल को चीर... Hindi · मुक्तक 1 433 Share Bhartendra Sharma 19 Feb 2021 · 1 min read अनसुलझे प्रश्न पृष्ठ फ़ाड़ दो लोग नज़र अंदाज़ करते हैं हमें अपने हिसाब से... हम उन्हें अपना समझते थे बस अपने हिसाब से... गणित सीख पाया ही कहाँ अब तक भारत इसलिए उलझता ही रहा... Hindi · मुक्तक 1 3 318 Share Bhartendra Sharma 18 Feb 2021 · 1 min read मुक्तक अपना ही सुख अपना ही हित, बैठ गया उर अन्तर में, रघुकुल जैसा नेह और उत्सर्ग कहां से लाएंगे... काव्य लेखनी कुंठित होगी, और सृजन होगा अवरुद्ध, कैसे तुलसी वाल्मीक... Hindi · मुक्तक 2 335 Share Bhartendra Sharma 17 Feb 2021 · 1 min read नेह और उत्सर्ग कहां से लाएंगे अपना ही सुख अपना ही हित, बैठ गया उर अन्तर में, रघुकुल जैसा नेह और उत्सर्ग कहां से लाएंगे... काव्य लेखनी कुंठित होगी, और सृजन होगा अवरुद्ध, कैसे तुलसी वाल्मीक... Hindi · मुक्तक 1 356 Share Bhartendra Sharma 16 Feb 2021 · 1 min read ऐसा कुछ हम कर पाएंगे ऐसा कुछ हम कर पाएंगे शायद सच है दुनिया निष्ठुर, अपनी परवाह नहीं किसीको, पर हम ही सबकी चिंता में कैसे घुट घुट जी पाएंगे... खुद को ही अब ढंग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 331 Share Bhartendra Sharma 14 Feb 2021 · 1 min read प्रेम शहादत दोनों का दिन प्रेम शहादत दोनों का दिन प्यार प्रेम, उत्सर्ग शहादत सब अपनाओ आज दोस्तो... प्रेम - शहादत दोनों का दिन आज मनाओ खाश दोस्तो... प्रेम नहीं होगा यदि दिल में तो... Hindi · कविता 4 359 Share Bhartendra Sharma 14 Feb 2021 · 1 min read हमें ना बोलो प्रेम विरोधी हमें ना बोलो प्रेम विरोधी धरा कृष्ण की हम कान्हा के हम पहचानें गहन रास को... नमन प्रेम को, नमन नेह को, नमन चाह को नमन राग को... रक्तशिरा में... Hindi · कविता 4 4 319 Share Bhartendra Sharma 13 Feb 2021 · 1 min read Happy Hug Day Happy Hug Day बसंती पाख में जाना नामुमकिन ख्वाब है पाला... हसीं सपनों की हाला से लबालब आंख का प्याला... यदि ना तुम कल्पना होती अगर होती हकीकत में, तुम्हें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 410 Share Bhartendra Sharma 12 Feb 2021 · 1 min read चुंबन दिवस चुंबन दिवस Happy kiss day मोहब्बत की कशिश इतनी, नशे में झूम लेता हूँ... आलम बेबफाई, बेरुख़ी का है, जलेमन घूम लेता हूँ... फ़साद बेबात हैं, बेबात हैं धरने और... Hindi · मुक्तक 7 4 529 Share Bhartendra Sharma 11 Feb 2021 · 1 min read Happy Promise Day जिंदगी की कशमकश का बोझ कुछ ज्यादा रहा... इश्क तेरा इंतिहा तक, पर मेरा आधा रहा... वार दी तूने जिंदगानी देह भी और रूह भी, मेरा आलम बेवजह ही, तुम... Hindi · मुक्तक 7 4 350 Share Bhartendra Sharma 11 Feb 2021 · 1 min read अपना घर भरतपुर राजस्थान में लावारिस, शारीरिक एवं मानसिक अस्वस्थ लोगों की देखरेख हेतु संचालित "अपनाघर" का अवलोकन किया तो ये कविता लिखी:- मावस के घुप्प अंधेरे में, रोती आवाजें आती हैं...... Hindi · कविता 8 11 464 Share Bhartendra Sharma 10 Feb 2021 · 1 min read किसी टैडी वियर जैसी किसी अहसास की दुनियाँ के इक़ दिकलश नगर जैसी... बड़ी मासूम सी हो तुम मुहब्बत के असर जैसी... तुम्हें जब जब भी देखूँ तो दिल करता लिपट जाऊँ, मुझे लगती... Hindi · मुक्तक 4 3 394 Share Bhartendra Sharma 10 Feb 2021 · 1 min read वर्षों से दफन राज बता देता हूँ अपने दिल पर पड़ा पर्दा, आज उठा देता हूँ... सीने में वर्षों से दफन राज बता देता हूँ... गीत गज़ल शायरी व शृंगार मैं जानता ही नहीं, बस तुम पर... Hindi · मुक्तक 6 9 355 Share Bhartendra Sharma 9 Feb 2021 · 1 min read ऐतबार चेहरे से तो समझदार लगते हो फिर भी इकरार कर बैठे.. इस बेरंग फरेबी दुनिया में प्यार का इजहार कर बैठे.. तोड़ कर जोड़ लो भारत, हर चीज दुनिया की... Hindi · मुक्तक 4 1 460 Share Bhartendra Sharma 9 Feb 2021 · 1 min read आरक्षण आरक्षण माँ बच्चों में भेद करेगी समुचित पोषण कैसे होगा... सबसे सम व्यवहार ना होगा इकरस तोषण कैसे होगा... राष्ट्र सभी को है एक जैसा कौम भेद स्वीकार नहीं है...... Hindi · कविता 5 13 414 Share Bhartendra Sharma 8 Feb 2021 · 1 min read ये देश हमारा है ये देश हमारा है हम हिन्दुस्तानी हैं ये देश हमारा है... ये गर्व हमारा है हमें जान से प्यारा है... इतिहास बताता है हम बहुत घट चुके हैं सदियों से... Hindi · कविता 3 1 354 Share Bhartendra Sharma 8 Feb 2021 · 1 min read ऐतबार चेहरे से तो समझदार लगते हो फिर भी इकरार कर बैठे.. इस बेरंग फरेबी दुनिया में प्यार का इजहार कर बैठे.. तोड़ कर जोड़ लो भारत, हर चीज दुनिया की... Hindi · मुक्तक 4 1 326 Share Bhartendra Sharma 7 Feb 2021 · 2 min read मेरा गांव मेरा गांव (कितने हसीन थे) कच्ची दीवारों पर छप्पर पड़े थे... थे घर छोटे छोटे पर दिल के बड़े थे... वो आमों की बगीयां वो सावन के झूले.. वो कपड़े... Hindi · कविता 2 1 581 Share Bhartendra Sharma 7 Feb 2021 · 1 min read वन्दना जयतु जयतु मां शारदे, बारम्बार प्रणाम। देना मेरी कलम को नित नूतन आयाम।। सद् लिखूं सतपथ चलूं, कभी न भूलूं राह। शुचिता, धीरज, सौम्यता सदा नियंत्रित चाह।। जननी तुम पालक... Hindi · दोहा 4 4 334 Share Bhartendra Sharma 5 Feb 2021 · 1 min read मुक्तक-रोपा रिश्ता हम चाहें मिले वो जरूरी नहीं... मिलकर भी साथ दे ये जरूरी नहीं... कुछ अपना मुकद्दर कुछ उनका हिसाब, रोपा रिश्ता भी महके जरूरी नहीं... भारतेन्द्र शर्मा (भारत) धौलपुर Hindi · मुक्तक 3 4 492 Share Page 1 Next