Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2021 · 1 min read

ऐसा कुछ हम कर पाएंगे

ऐसा कुछ हम कर पाएंगे

शायद सच है दुनिया निष्ठुर, अपनी परवाह नहीं किसीको,
पर हम ही सबकी चिंता में कैसे घुट घुट जी पाएंगे…

खुद को ही अब ढंग से पढ़ लें दुनिया रंगों में रंग लें,
अंतर की आवाज को ढक लें होगा जो देखे जाएंगे…

ख़ुद ही खुद से प्यार करेंगे इतर नहीं सोचेंगे ज्यादा,
स्वार्थ भरे दुनिया के सांचे, हम भी उसमें ढल जाएंगे…

बहुत दिनों से सोच रहा हूँ, कर लूँ ख़ुद को अब परिवर्तित,
पर “भारत” विश्वास नहीं है ऐसा कुछ हम कर पाएंगे…

भारतेन्द्र शर्मा “भारत”
धौलपुर, राजस्थान

4 Likes · 2 Comments · 297 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आचार संहिता
आचार संहिता
Seema gupta,Alwar
#आलेख-
#आलेख-
*Author प्रणय प्रभात*
अधूरा ज्ञान
अधूरा ज्ञान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"सुहागन की अर्थी"
Ekta chitrangini
माँ का अबोला / मुसाफ़िर बैठा
माँ का अबोला / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
जय अम्बे
जय अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
विश्व पर्यावरण दिवस
विश्व पर्यावरण दिवस
Ram Krishan Rastogi
⚜️गुरु और शिक्षक⚜️
⚜️गुरु और शिक्षक⚜️
SPK Sachin Lodhi
विनती सुन लो हे ! राधे
विनती सुन लो हे ! राधे
Pooja Singh
आश्रम
आश्रम
Er. Sanjay Shrivastava
तेवर
तेवर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यह जीवन अनमोल रे
यह जीवन अनमोल रे
विजय कुमार अग्रवाल
हमें क़िस्मत ने
हमें क़िस्मत ने
Dr fauzia Naseem shad
तुझसे मिलते हुए यूँ तो एक जमाना गुजरा
तुझसे मिलते हुए यूँ तो एक जमाना गुजरा
Rashmi Ranjan
"शब्दों का सफ़र"
Dr. Kishan tandon kranti
ये पल आएंगे
ये पल आएंगे
Srishty Bansal
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
हम हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान है
हम हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान है
Pratibha Pandey
तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
💐प्रेम कौतुक-405💐
💐प्रेम कौतुक-405💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पग मेरे नित चलते जाते।
पग मेरे नित चलते जाते।
Anil Mishra Prahari
ठिठुरन
ठिठुरन
Mahender Singh
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
तकलीफ ना होगी मरने मे
तकलीफ ना होगी मरने मे
Anil chobisa
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आज मैं एक नया गीत लिखता हूँ।
आज मैं एक नया गीत लिखता हूँ।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक
भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक
Shekhar Chandra Mitra
कुदरत
कुदरत
Neeraj Agarwal
अजब तमाशा जिन्दगी,
अजब तमाशा जिन्दगी,
sushil sarna
Loading...