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27 Feb 2021 · 1 min read

मुक्तक

मैं तो मैं हूं मुझे मुझ में ही रहने दो, मुझे मुझसे चुराने की कोशिश ना करो….
तुम तो तुम हो तुम तुमसे ही रहो, मुझे तुम तुमसा बनाने की कोशिश ना करो…

मैं अकेला हूं, शुकून में हूं और करीबे मंजिल भी,
भारत उलझा के राहे उल्फत में, खत्म कर कर के जिलाने की साजिश ना करो…

भारतेन्द्र शर्मा
धौलपुर, राजस्थान

Language: Hindi
2 Likes · 296 Views
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