Saraswati Bajpai 239 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Saraswati Bajpai 17 Feb 2025 · 1 min read मन की सिलवटें रोज सुबह उठते ही मन की सारी सिलवटें समेट तह लगाते हैं । मन को फिर सुला नींद मस्तिष्क को जगाते हैं । करते फिर प्रण निज से, दायित्व जो... Hindi · कविता 41 Share Saraswati Bajpai 17 Feb 2025 · 1 min read एक दिन चुक जाएगी रोज मन की पीड़ा उकेरती हूँ कागज पर । सोंचती हूँ सब लिखूंगी तो एक दिन चुक जाएगी किन्तु जितनी सतह तक उकेरती प्रयत्न से सतह की दरारों पर और... Hindi · कविता 37 Share Saraswati Bajpai 17 Feb 2025 · 1 min read ना लिखते तो मिट जाते। करुण हृदय की आर्त पुकारें हुई निमीलित शुष्क कण्ठ में, पीर हृदय की कागज पर यदि ना लिखते तो मिट जाते । द्रवित हुआ था उर कुछ इतना बाँध सब्र... Hindi · कविता 53 Share Saraswati Bajpai 3 Jan 2025 · 1 min read शिलामय हो जाना तुम जब आए, तो जाना अहिल्या का शिला हो जाना और श्रीराम के स्पर्श से शिला का पुन: जीवंत हो जाना । एक तुम्हारे आने से पहले मुझे पता भी... Hindi · कविता 80 Share Saraswati Bajpai 3 Jan 2025 · 1 min read एक श्वास पर खुद की भी अपना हक नहीं एक श्वास पर खुद की भी अपना हक नहीं चले हम बस्तियों पर हक मगर अपना जताने । उपेक्षित होते जब फिर स्वप्न हक के बिखर जाते है मन के... Hindi · कविता 95 Share Saraswati Bajpai 7 Dec 2024 · 1 min read टूट जाती हैं कगारें टूट जाती हैं कगारें बह चुका है प्यार मेरा इस समय की धार के संग और हम अब तक खड़े हो ढूंढ़ते इसकी कगारें । क्या यहाँ कब रूक सका... Quote Writer 1 107 Share Saraswati Bajpai 7 Dec 2024 · 1 min read छटपटाहट अगर मालूम होता मुझे तुम्हारे हाथ अभी इतने मजबूत नहीं तो शायद न रखते तुम्हारे कंधों पर इतना बोझ, अब ये तुम्हारे डगमगाते कदम भीतर तक तोड़ रहे मुझे कि... Hindi · कविता 115 Share Saraswati Bajpai 7 Dec 2024 · 1 min read सबकी अपनी जिन्दगी है सबकी अपनी जिन्दगी है सबके अपने दायरे है। क्यों किसी के रंग ढंग में प्रश्नवाचक चिन्ह गढ़ें ? मैं, मेरे सपने है मेरे दायित्व क्यों कोई और ले ? भार... Hindi 110 Share Saraswati Bajpai 24 Nov 2024 · 1 min read जीवन का नया पन्ना आज की सुबह के साथ खुल रहा है जीवन का एक और नया पन्ना । पन्ने का रंग, आकार पूर्व निर्धारित है किन्तु इस पन्ने के कलमकार, तुम ही हो... Hindi · कविता 2 177 Share Saraswati Bajpai 23 Nov 2024 · 1 min read मेरी डायरी के पन्नों मे मेरी डायरी के पन्नों मे तुम पूरे पाँच वर्ष के हो चुके हो वो उम्र जब बच्चा माँ की गोद से बाहर सारी दुनिया को मुट्ठी में पकड़ना चाहता है... Hindi · कविता 2 153 Share Saraswati Bajpai 7 Nov 2024 · 1 min read खो गई लय खो गई है लय मेरी कविताओं से भी आँधियाँ कुछ जोर इतनी है चलीं। रिहा होकर जिल्द से, उड़ गए पन्ने सभी एहतियातन जो किताब थी कभी मन ने लिखी।... Hindi · कविता 151 Share Saraswati Bajpai 27 Sep 2024 · 1 min read जीवन जिज्ञासा लाऊँ कौन सा कागज मैं और कौन सी स्याही लिखी जा सके जिसमें सारी इच्छाएं बिन ब्याही। ढूंढ़ों सब उन भाषाविद को जो रचे मौन की भाषा ढूंढो वो जल... Hindi · कविता 2 131 Share Saraswati Bajpai 14 Sep 2024 · 1 min read हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है निज धर्म,सभ्यता,संस्कृति की बनती ये ही प्राण है। प्रथम बार जो सुनी कान ने भाषा वो हिन्दी ही है माँ... Quote Writer 261 Share Saraswati Bajpai 5 Sep 2024 · 1 min read मैं शिक्षक हूँ साहब मैं शिक्षक हूँ साहब, मुझे शिक्षक ही रहने दो । मत गिरवी रखो मेरी आत्मा, मेरे विचार मुझे मेरे छात्रों से सीधे-सीधे जुड़ने दो। मैं हूँ शिल्पकार जिस मूर्ति को... Hindi · कविता 1 145 Share Saraswati Bajpai 26 Aug 2024 · 1 min read हे कृष्ण कई युग बीत गए तुम्हारे अवतरण हुए हे कृष्ण कई युग बीत गए तुम्हारा अवतरण हुए अब आ जाओ फिर से इस धरा पर, देखो यहाँ सर्व साधन सम्पन्न प्राणियों को भी तिल-तिल कर घुटते, निराश, अवसाद... Quote Writer 1 2 181 Share Saraswati Bajpai 24 Aug 2024 · 1 min read एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में करना प्रण स्वयं के अस्तित्व रक्षणार्थ अपने सपनों, उम्मीदों व जीवन को देना पंख ऊँची उड़ानों के। सीखना स्वयं के लिए खड़े होना... Quote Writer 130 Share Saraswati Bajpai 17 Aug 2024 · 1 min read मैंने चुना है केसरिया रंग मेरे तिरंगे का मैंने चुना है केसरिया रंग मेरे तिरंगे का प्रयास करूंगी ये फीका न पड़ पाए। ये भोर की अरुणिमा का रंग है और इसी भोर की तरह अरुणिम उदय होने... Quote Writer 240 Share Saraswati Bajpai 17 Jul 2024 · 1 min read दिए की रोशनी दिए की रोशनी हे प्रभु तूने जो दी है इस दिए को रोशनी अब इस नन्हें से दिए में प्राण यूँ ही भरते रहना । इस दिए की रोशनी में... Quote Writer 208 Share Saraswati Bajpai 12 Jul 2024 · 1 min read जाने कितनी बार गढ़ी मूर्ति तेरी जाने कितनी बार गढ़ी मूर्ति तेरी तेरी अर्चना कर तुझमें प्राण प्रतिष्ठा की किन्तु नहीं समझ पाई थी अब तक तेरी मूर्ति गढ़ना, फिर अर्चना फिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद... Quote Writer 267 Share Saraswati Bajpai 9 Jul 2024 · 1 min read इम्तिहान इम्तिहान बहुत से प्रश्न उठे थे तेरी देयता पर तेरे न्याय और व्यवस्था पर इतने संशयों से घिरे कि तेरे अस्तित्व पर भी संदेह हो उठा। फिर जब तू नहीं... Quote Writer 163 Share Saraswati Bajpai 6 Jul 2024 · 1 min read सबक दो घंटे से कक्षा कक्ष में अध्यापन में संलग्न, अचानक से संलग्नता टूटी ध्यान छत के पंखे पर गया जो विद्युत अनापूर्ति से रुक गया । आश्चर्य है दो घण्टे... Quote Writer 150 Share Saraswati Bajpai 2 Jul 2024 · 1 min read आषाढ़ के मेघ हे आषाढ़ के मेघ सुना तुम अति बलशाली कालिदास जी गा तुम्हें हुए गौरवशाली । सुना है मैंने हुए यक्ष के तुम ही साथी तुझसे ही भेजी उसने प्रियतम को... Hindi · कविता 236 Share Saraswati Bajpai 30 Jun 2024 · 1 min read नई खिड़की नई खिड़की जोर का एक तूफान आया साथ ही तेज बारिश भी फिर बन्द हो गई वो खिड़की जहाँ से जीवन के लिए जरूरी हवा, धूप, रोशनी आती थी; बहुत... Hindi · Quote Writer 201 Share Saraswati Bajpai 28 Jun 2024 · 1 min read तुम्हारे लौट जाने के बाद तुम्हारे लौट जाने के बाद झकझोरा किसी ने मुझे थोड़ी चेतना आई तो देखा चारों ओर पसरा सन्नाटा । जैसे घर खाली हो जाने पर करनी ही पड़ती है हर... Quote Writer 217 Share Saraswati Bajpai 28 Jun 2024 · 1 min read मैं वो नदिया नहीं हूँ बहुत दूर तक तो चले तेरे पीछे पलटकर ही न देखा कभी एक नजर भी तो थक हारकर हम रुक ही गए अब तुझे शायद मेरी जरूरत नहीं है। मेरे... Hindi · कविता 114 Share Saraswati Bajpai 19 Jun 2024 · 1 min read पंछी पंछी देखा है अक्सर पक्षियों को सांझ होते ही लौटना कितने ही दाने बिखेरो तब वह नहीं रुकता । कोई भी लालच उसका लौटना विस्मृत नहीं कर पाता चोंच व... Quote Writer 171 Share Saraswati Bajpai 19 Jun 2024 · 1 min read घर और जीवन घर की दीवारों में बहुत नमी है जो इसे जर्जर कर रही है। खिड़की, दरवाजों को उन्हीं में रहने वाले दीमक निरन्तर खाये जा रहे है । सदा से बन्द... Hindi · कविता 172 Share Saraswati Bajpai 18 Jun 2024 · 1 min read रोजालिण्ड बनाम डेसडिमोना होना चाहा था रोज़ालिण्ड शेक्सपियर की एक पात्र, जिसकी जिन्दगी की मशाल खुद उसने थाम रखी थी अंधेरों को उजालों मे बदलने का प्रण लिए अथक कदमों से अपनी जीवन... Hindi · कविता 131 Share Saraswati Bajpai 16 Jun 2024 · 1 min read जीवन की लो उलझी डोर ये उलझी उलझी सी डोर कहाँ कहाँ सब लगी गाँठ है मिलता कोई ओर न छोर । जीवन की लो उलझी डोर । कर प्रयत्न सब हारे हम है हाथ... Hindi · कविता 124 Share Saraswati Bajpai 14 Jun 2024 · 1 min read श्रद्धाञ्जलि चिर शांति में सोते हो तुम जग की कुटिलताओं से होके दूर, माना तुम हो गए निःशब्द इन पंचतत्वों में हो विलीन, पर इस जीव लोक में सभी जीव नीरव,... Hindi · कविता 117 Share Saraswati Bajpai 12 Jun 2024 · 1 min read मेरे सपने रोज ही रात सपनों में जिंदगी कुछ न कुछ कहानी बुनती रहती है । लगभग सारे जाने पहचाने चेहरे कुछ अनजान किरदार भी होते है। रोज अलग-अलग कहानियाँ अलग-अलग किरदार... Hindi · कविता 2 204 Share Saraswati Bajpai 6 Jun 2024 · 1 min read प्रेरणा गीत प्रेरणा गीत है अगर दुःख तो सदा हंस के सहना मगर गमों के आसरे न जिन्दगी हो तेरी । जिन्दगी में कई तूफान के मंजर मिलेंगे सहारे बैठ के तुम... Quote Writer 2 1k Share Saraswati Bajpai 5 Jun 2024 · 1 min read यह आशामय दीप यह आशामय दीप यह आशामय दीप अक्षुण्ण पवित्रता का प्रतीक इसको बस प्रतिपल जलने दो। जग की आशाओं आकांक्षाओं को स्वर्णिम सपनों सा सजने दो। चिर स्थिर हो झंझावातों में... Quote Writer 2 2 226 Share Saraswati Bajpai 4 Jun 2024 · 1 min read Friend Friend Every stone has not shining Every friend has not met in evening . Every blooms bud has no fragrance Every showing cloud has no here rains . Here many... Quote Writer 166 Share Saraswati Bajpai 3 Jun 2024 · 1 min read Inspiring Poem Inspiring Poem A chariot of time move fast and fast . Yesterday which was front Today is past . The rapid of chariot is on advisory tone . Be pathmaker... Quote Writer 1 235 Share Saraswati Bajpai 2 Jun 2024 · 1 min read प्रेरक गीत प्रेरक गीत जीवन के अनजाने पथ से पीछे हट न आना है शूलों को भी फूल बनाकर मंजिल तुमको पाना है । नहीं भ्रान्त हो नहीं श्रान्त हो जीवन में... Quote Writer 1 430 Share Saraswati Bajpai 1 Jun 2024 · 1 min read श्वेत पद्मासीना माँ शारदे श्वेत पद्मासीना माँ शारदे वीणा के स्वर आज फिर से संवार दे । जागृति हो मन की सब दिशा हो प्रकाशित जय भारती के गान से ये विश्व हो सुवासित... Hindi · कविता 1 161 Share Saraswati Bajpai 30 May 2024 · 1 min read रिश्ता बनाम प्रेम जीवन के 44 बसंत पार कर अब समझ पाई हूँ मैं, रिश्तों में प्रेम ढूंढ़ना भूल ही थी मेरी । प्रेम तो सहज भाव है । ये तो निराधार है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 138 Share Saraswati Bajpai 28 May 2024 · 1 min read तुममें मैं कहाँ हूँ ? आज भी ढूँढ़ रही हूँ खुद का अस्तित्व, तुम्हारी आँख में, तुम्हारे हृदय में, तुम्हारी हर बात में । कभी लगता है, कहीं तो में हूँ; तुममें और कभी महसूस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 124 Share Saraswati Bajpai 28 May 2024 · 1 min read मेरे जीवन सहचर मेरे मेरे जीवन सहचर मेरे, क्यों तुम दूर खड़े हो ? आओ पास हमारे कह दो मेरे हित ही बने हो । तन्द्रा व भय की रेखाएँ हैं जीवन को घेरे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 158 Share Saraswati Bajpai 27 May 2024 · 1 min read तुम बिन जीवन तुम बिन मेरा जीवन ऐसा जैसे कोई कारा काली हो । ईर्द गिर्द यू तमस का फेरा ज्यों रजनी से राका हारी हो । दिवस, मास फिर वर्षों में यदि... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 137 Share Saraswati Bajpai 27 May 2024 · 1 min read क्या यही तुम्हारा प्यार प्रिये क्या यही तुम्हारा प्यार प्रिये जिस पर मैं बलि बलि जाती हूँ ? तुमको आना है जिस पथ से, उस पथ पर नयन बिछाती हूँ । तुम भिन्न नहीं जब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 145 Share Saraswati Bajpai 25 May 2024 · 1 min read मैं और मांझी कितने शीत, ताप फिर वृष्टि ये आंखों को दिखलाएगी ? जाने विधना की गति आगे और कहाँ ले जाएगी ? जीवन की जलधारा में डगमग नैया डोल रही है। उद्विग्नता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 160 Share Saraswati Bajpai 25 May 2024 · 1 min read मेरी जिन्दगी के दस्तावेज मेरी जिन्दगी के दस्तावेज मैंने तेरे नाम कर दिए । सौंप दी तुमको विरासत में ये मेरी जिन्दगी अब तेरी राहों में ही ये कदम हमराह हो लिए । तुम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 147 Share Saraswati Bajpai 24 May 2024 · 1 min read हाँ ये सच है हाँ ये सच है, तुम मिले थे कभी गर्मी में झुलसी देह को शाम की पुरवा हवा सा जैसे हवा को बाँध नहीं सकते सदा के लिए तुम्हें भी रोक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 99 Share Saraswati Bajpai 24 May 2024 · 1 min read हाँ, बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें हाँ बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें शायद इतना कि अमाप है मन मस्तिष्क से। सब कुछ तुम पर बस वार देना चाहती हूँ यह मेरा बड़प्पन नहीं बल्कि मेरा अस्तित्व... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 108 Share Saraswati Bajpai 23 May 2024 · 1 min read अमावस का चाँद हाँ मेरे हिस्से भी आया चाँद, मैंने देखा उसे मेरे आसमां में उतरते हुए शुरू-शुरू में चाँदनी में भीगी मैं, फिर निरन्तर मद्धिम होती गई जीवन से चाँदनी । अब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 102 Share Saraswati Bajpai 23 May 2024 · 1 min read तुम्हारा साथ वो सारी शरारतें, वो अठखेलियाँ सब मेरे सजन फिर मुझे वापस दे दो मेरे तेरे अधरों की खोई मुस्कानें प्रियवर मेरे खोजकर लाके दे दो न हो कोई संग में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 99 Share Saraswati Bajpai 23 May 2024 · 1 min read तेरे बिन तेरे बिन जीवन की राहें, दुर्गम हैं आसान नहीं । श्रांत बहुत है मन ये मेरा, आ जाओ मन मीत कहीं से । बरसा दो प्रेम की वर्षा , मेरे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 104 Share Saraswati Bajpai 23 May 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम, अनिर्वचनीय भाव ईश्वर तक पहुंचने का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। क्षणिक सुख-दुख जगत मे परमानन्द अहसास है। किन्तु प्रेम की सत्ता को उसमें पूरी तरह डूबकर एकाकार होकर ही पा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 116 Share Page 1 Next