ना लिखते तो मिट जाते।
करुण हृदय की आर्त पुकारें
हुई निमीलित शुष्क कण्ठ में,
पीर हृदय की कागज पर यदि
ना लिखते तो मिट जाते ।
द्रवित हुआ था उर कुछ इतना
बाँध सब्र का उखड़ रहा था
सागर की यदि राह न मिलती
तट के बाँध उखड़ सब जाते ।
पीर हृदय की कागज पर यदि
ना लिखते तो मिट जाते।
दुःख बन वाष्प संघनित आंसू
भला हुआ जो बरस गए।
नहीं बरसते यदि ये आंसू
तो बादल बन कर फट जाते।
पीर हृदय की कागज पर यदि
ना लिखते तो मिट जाते ।