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3 Feb 2025 · 2 min read

*लखनऊ का लुलु मॉल*

लखनऊ का लुलु मॉल
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3 फरवरी 2025 सोमवार। मॉल के सबसे बड़े आकर्षणों में लुलु मॉल का स्थान प्रथम पंक्ति में है। सादगी में भव्यता इसकी विशेषता है । प्रवेश करते ही बड़ी-सी लॉबी आगंतुकों का स्वागत करने के लिए आतुर दिखती है। फर्श के पत्थर सादगी में अपनी सुंदरता बिखेर रहे हैं। यह संरचनागत विचार-शैली को दर्शाता है। कोई तड़क-भड़क नहीं। कोई सेल्फी-प्वाइंट इस जगह नहीं है।

एक छोटी सी रिसेप्शन-टेबल लॉबी को पार करने के बाद अंत में रखी हुई है। लगता है, यह अपने मौन में लुलु मॉल की उपस्थिति का वक्तव्य देने के लिए रखी गई हो। इस रिसेप्शन-टेबल पर लिखा हुआ ‘लुलु मॉल’ अगर किसी आगंतुक ने नजरअंदाज कर दिया तो फिर आसपास ‘लुलु मॉल’ लिखी हुई कोई दूसरी जगह नहीं मिलेगी।

लुलु मॉल के फर्स्ट फ्लोर पर हमने बच्चों के मनोरंजन स्थल पर काफी समय बिताया। हमारी दोनों पोतियों को यहां बहुत आनंद आया। बच्चों के मनोरंजन-स्थल अब बहुत आम बात होने लगे हैं । लेकिन लुलु मॉल में जो खेल-खिलौनों की क्वालिटी है, उसकी चमक और गुणवत्ता निश्चित रूप से बहुत बेहतर कही जाएगी।

इसी के साथ लगा हुआ एक ‘एक्स-डी थिएटर’ है। एक्स-डी अर्थात ‘थ्री डी सिनेमा’ से कुछ ज्यादा आगे की टेक्नोलॉजी। स्पेशल चश्मा पहनकर हमने पॉंच-सात मिनट चलने वाली एक फिल्म यहां पर देखी। फिल्म देखते समय कुर्सियां हिल रही थीं । यह तकनीक का एक हिस्सा था। पटरी पर ट्रेन दौड़ रही थी और हम ट्रेन में बैठे हुए यात्री के समान यात्रा का आनंद उठा रहे थे। रास्ते में पहाड़, गहरी खाई, पर्वतीय पशु, सुरंग और बड़ी-बड़ी मूर्तियों को हमने रास्ते के दोनों तरफ देखा। स्पेशल चश्मे से यह सब संभव हुआ। फिल्म डरावनी नहीं थी लेकिन उत्सुकता और रोमांच पैदा कर रही थी।

‘सिंह कुल्फी’ की दुकान पर हमने जामुन की एक कुल्फी खाई। यह सींक वाली कुल्फी थी। पहली बार मुंह में लेते ही जामुन का स्वाद और उसके कुछ अंश मुंह के भीतर महसूस हुए ।अर्थात शुद्ध जामुन से बनी थी। मोती महल की दुकान पर हमने एक दही-भल्ला खाया। बढ़िया था।

पूरा मॉल हम नहीं देख पाए। ‘उबर’ से टैक्सी मॅंगाई और दोनों पोतियों के साथ गोमती नगर में उनकी नानी के घर पर वापस लौट आए।
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रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615 451

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