डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' Tag: कविता 180 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 May 2023 · 1 min read बात आधार छंद- सूर मापनी युक्त वर्णिक सात वर्ण मापनी- गागाल गागागा ल ध्रुव शब्द-#बात पिंगल सूत्र- तमल (तगण मगण ल) कैसे मिलेगी ताल। साथी हुआ बेहाल।। बोलो न तीखी बात।... Hindi · कविता 3 417 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read दीवारें दीवारें विश्वासी ईंटों से निर्मित थी अटल दीवारों की हसरत, लेप स्वार्थ का लगा दिया व्यापी जिसके भीतर नफ़रत। भाई-भाई के बीच खड़ीं मतभेद करातीं दीवारें, अपनों का उपहास उड़ाकर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 267 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read आँसू आँसू नयनों के सागर मध्य रहा ये मुक्तक सीप समाहित सा, निष्ठुर जग मोल लगा न सका रह गया ठगा उत्साहित सा। विकल व्यथाएँ जलते उर की क्रंदन करती धधक... Poetry Writing Challenge · कविता 201 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read कलम से कलम से (कविता) ******** मैंने कलम हाथ में थामी नन्हें अक्षर लिखना सीखा। बना कलम को ताकत अपनी सुख-दुख उससे कहना सीखा। तन्हा स्वप्न सजा रातों में ख़्वाबों ने झट... Poetry Writing Challenge · कविता 212 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read प्रकृति बचाओ प्रकृति बचाओ (कविता) रक्त अश्रु बहा प्रकृति करे ये रुदन नहीं ध्वस्त करो मेरा कोमल बदन वृक्ष पवन जल तुमसे छिन जाएँगे प्रदूषित धरा पर जन क्या पाएँगे? कुपोषित नदी... Poetry Writing Challenge · कविता 214 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read रिश्ते रिश्ते (कविता) ------------------- प्रीत बरसती थी रिश्तों में अंगारे क्यों धधक रहे हैं ? बोए हमने फूल यहाँ थे काँटे फिर क्यों उपज रहे हैं? संस्कार अब विलुप्त हो गए... Poetry Writing Challenge · कविता 112 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read दुष्कर सफ़र दुष्कर सफ़र (कविता) ---------------- दुष्कर सफ़र काट जीवन में अंगारों के पार गया, नयनों से नीर बहा मेरे क्यों ना देखूँ ख्वाब नया। सुखद सलौना प्रेम खिलौना उर में मेरे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 102 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read भिखारी हूँ! भिखारी हूँ! ‘भिखारी हूँ ! भिखारी हूँ ! (कविता) भूख जब रोंदती उर को निवाला खोजता था मैं। बहुत तकलीफ़ होती थी जेब जब नोंचता था मैं। पढ़ाया गर मुझे होता न... Poetry Writing Challenge · कविता 159 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read प्यासे अधर “प्यासे अधर”(कविता) सदियों से प्यासे अधरों पर मधु मुस्कान कहाँ से लाऊँ, मूक व्यथा की पौध लगा कर सुरभित पुष्प कहाँ से पाऊँ? पीड़ा से मर्माहत मन को कोकिल गान... Poetry Writing Challenge · कविता 289 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read उदास पनघट उदास पनघट (कविता) ************ छुपा कर दर्द सीने में नदी प्यासी बहे जाती। बसा कर ख्वाब आँखों में परिंदे सी उड़े जाती। निरखते बाँह फैलाकर किनारे प्यार से इसको- समेटे... Poetry Writing Challenge · कविता 249 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read ऐ मन! कहीं ले चल ए मन! कहीं ले चल (कविता) किया उर घोंप कर छलनी मनुज ने मजहबी खंजर, बहा कर खून की नदियाँ हँसे अब पूर्ण कर मंजर। परिंदा बन उड़ूँ मैं आज... Poetry Writing Challenge · कविता 204 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read किसकी पराजय किसकी पराजय?(कविता) चली उम्मीद की आँधी जना जब पुत्र माता ने बजी शहनाइयाँ घर में दिया कुलदीप दाता ने। सजा अरमान की डोली झुलाया लाल को पलना पिता ने थाम... Poetry Writing Challenge · कविता 1 191 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read ज़िंदगी ज़िंदगी (कविता) अजब पहेली बनी ज़िंदगी उलझ गई जज़्बातों में मोती के दानों सी बिखरी फ़िसल गई हालातों में, कालचक्र सा घूम रहा है समय बीतता बातों में आहें भरती... Poetry Writing Challenge · कविता 189 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read दानवता दानवता (कविता) बना कर ज़िंदगी को जंग दानवता बढ़ाते हैं सियासी चाल शतरंजी बिछा शकुनी लड़ाते हैं बदल कर गिरगिटी सा रंग रिश्तों को मिटाते हैं बने ये कंस बहनों... Poetry Writing Challenge · कविता 162 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read आँखों में है दूध और आँखों में पानी आँचल में है दूध और आँखों में पानी* ********************************** सुला कर गोद में अपनी झुलाया पूत को पलना तड़प कर रो उठी ममता पड़ा अपमान जब सहना। बह रहे आँख... Poetry Writing Challenge · कविता 181 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read बूढ़ा बरगद बूढ़ा बरगद -------------- बूढ़ा बरगद ठूँठ बना अब याद करे बीता कल अपना, कहाँ खो गई भोर सुहानी बेबस मन अब देखे सपना। कभी घनी थीं शाखा मेरी बैठ परिंदे... Poetry Writing Challenge · कविता 116 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read मौन हो गया विश्व पटल अटल बिहारी वाजपेयी जी पर कविता "मौन हो गया विश्व पटल" ******************** अटल, अडिग, समता संवाहक जग को राह दिखाता था। हिंद देश का शिखर पुरुष बन अधिनायक कहलाता था।... Poetry Writing Challenge · कविता 79 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read रुदन "रुदन" ****** पुरानी याद के धुँधले कदम जब राह में आते कसक मन में रुदन करती उन्हें हम चाह में पाते। कहूँ कैसे ज़माने से जुबाँ पर आज पहरे हैं... Poetry Writing Challenge · कविता 195 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read जीवन पथ जीवन पथ" (कविता) ********** जीवन पथ पर भ्रमित हो मनुज उलझ गया जज़्बातों में लक्ष्य साध मंज़िल तक बढ़ता कंटक पथ आघातों में, कालचक्र सा घूम रहा है समय बीतता... Poetry Writing Challenge · कविता 180 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read कलुषित स्पर्श कलुषित स्पर्श रो रही कुदरत ज़मीं पर मृत अधर भी काँपते हैं, देश की बेटी लुटी है लोग चोटें नापते हैं। लूट तन बाँहें घसीटीं चींख सुन कोई न आया,... Poetry Writing Challenge · कविता 107 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read पुस्तक की व्यथा पुस्तक की व्यथा ----------------- आज व्यथा पुस्तक की सुन लो कैसा यह कलयुग आया है? खोज-खोज गूगल में सब हल मानव ने मान घटाया है। ज्ञान स्रोत गूगल बन बैठा... Poetry Writing Challenge · कविता 325 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read उजाला रास न आया 'उजाला रास ना आया’ ---------------------------- कहूँ किससे व्यथा अपनी यहाँ कितना सहा मैंने। दरिंदों से हुई लाचार लब को सिल लिया मैंने। कदम बढ़ते नहीं थल पर भयावित काँपती हूँ... Poetry Writing Challenge · कविता 300 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read हे केशव नव अवतार धरो हे केशव नव अवतार धरो घात लगाए बैठे दानव मानवता क्यों भूल गए? रक्त रंजित धरा पर हँसते देकर हमको शूल गए। संबंध भुला शकुनी मामा पापी दुर्योधन दाँव चले।... Poetry Writing Challenge · कविता 79 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read सिंहासन सिंहासन' ------------ आज लिखें इतिहास नया हम सत्ता के सिंहासन का, अँधियारों से लड़ने वाले सरकारी निर्वाचन का। भ्रष्टाचार हुकूमत करता मेहनतकश इंसानों पर, सुप्त व्यवस्था गूँगी-बहरी चुने इमारत लाशों... Poetry Writing Challenge · कविता 75 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read माँ "माँ" ------ नादानी में मैंने माँ को, कितना नाच नचाया था। माँ ने मुझको गोदी लेकर, ढेरों लाड़ लड़ाया था। बारिश की बूँदों में माँ तू, छतरी लेकर आती थी।... Poetry Writing Challenge · कविता 207 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 May 2023 · 1 min read शिक्षा अनुपम ज्ञान सरोवर शीर्षक-" शिक्षा अनुपम ज्ञान सरोवर " विद्यालय पहुँची जननी निज पूत लुटाती प्यार, उच्च,सुशिक्षित,अनुशासन का श्रेष्ठ समझकर द्वार। कुंभकार गुरु माटी लेकर गढ़ता शिशु आकार, सौम्य,सभ्य, गुणवान प्रणेता भरता शुद्ध... Poetry Writing Challenge · कविता 91 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 4 Jan 2023 · 1 min read सैल्फी नहीं, पर किसी का दर्द खींच सको तो कोशिश करना" विषय- "सेल्फ़ी नहीं, पर किसी का दर्द खींच सको तो कोशिश करना" ----------------------------------------------------------------------------- पर उपकार करो जीवन में बुझा क्षुधा की प्यास, सेल्फ़ी छोड़ो बनो सहारा हर लो जन संत्रास।... Hindi · कविता 1 163 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Nov 2021 · 1 min read जल संरक्षण 'जल संरक्षण' अगर बचाना जीवन है तो सदा रखो ये याद, जल संरक्षण अपना कल है करो न जल बर्बाद। सूखे खेत नहीं लहराते जल इनका आधार, बढ़ती जनसंख्या ने... Hindi · कविता 1 317 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 May 2020 · 1 min read कविता 'राधाकृष्ण' मोर पंखी मुकुट सिर पर अधर वंशी राजती है, माल वैजंती गले में पाँव पायल बाजती है। केश घुँघराले घटा सम रूप का रसपान करते, राधिका के साथ मोहन... Hindi · कविता 2 1 502 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 May 2020 · 1 min read कविता 'राधाकृष्ण' मोर पंखी मुकुट सिर पर पीतवर्णी वसन हैं, माल वैजंती सुशोभित नील नीरज नयन हैं। केश घुँघराले घटा सम रूप का रसपान करते, राधिका के साथ मोहन मग्न होकर... Hindi · कविता 1 1 536 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 May 2020 · 1 min read मुकरी छंद कह मुकरी हीरे मोती तन बिखराए बालों में जाकर लिपटाए जा कपोल पर मारे ठुमका ए सखि साजन ?ना सखि झुमका! कारी-कारी बदरी छाई देख पिया के मन को भाई... Hindi · कविता 2 2 534 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 May 2020 · 1 min read कविता 'जीवन का सच समझ न पाऊँ' ________________________ जीवन का सच समझ न पाऊँ कुसुमित इच्छाएँ मुरझातीं। सावन पतझड़ बन जाएगा ऋतुएँ आ संदेश सुनातीं।। दर्द छुपाकर संघर्षों का कंटक पथ... Hindi · कविता 6 1 473 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Apr 2020 · 1 min read मदिरा सवैया छंद छंद- मदिरा सवैया (वर्णिक) विधान-7 भगण +एक गुरु गोकुल में प्रभु रास रचा, अब मोर शिरोमणि श्याम रमे। होठ धरी मुरली हरि के, जन चैन चुरा कहुँ रूप जमे। साँवरि... Hindi · कविता 4 1 609 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 16 Apr 2020 · 1 min read सवैया छंद 'राधा-कृष्ण' (विरह-वर्णन) ---------------------------------------- हरि छोड़ गए जिस हाल हमें, यमुना तट आज रुलावत है। घट नीर लिए उर पीर उठी,अब कूल- तरंग न भावत है। अँधियारि अमावस सावन की, बिन... Hindi · कविता 1 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 16 Apr 2020 · 1 min read सवैया छंद 'राधा-कृष्ण' (विरह-वर्णन) ---------------------------------------- हरि छोड़ गए जिस हाल हमें, यमुना तट आज रुलावत है। घट नीर लिए उर पीर उठी,अब कूल- तरंग न भावत है। अँधियारि अमावस सावन की, बिन... Hindi · कविता 369 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 16 Apr 2020 · 2 min read बालगीत 'बालगीत' अंग्रेजी अल्फाबेट के क्रम में काव्य-लेखन शब्दों के चयन की सूची- A-चींटी, B-ब्रश, C-कलर, D-डॉग, E-इंजन, F-फ्लैग, G-ग्रीन, H-अश्व, I-भारत, J-जंगल, K-पतंग, L-ज्योति, M-माँ, N-अंक, O-उल्लू, P-पाइनट्री, Q-कोयल, R-कक्ष,... Hindi · कविता · बाल कविता 1 627 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Mar 2020 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया छंद 'श्रम ही जीवन है ' मजदूरी का फांवड़ा ,साहस लेकर साथ। आत्मतोष श्रम से उठा, लीना लक्कड़ हाथ।। लीना लक्कड़ हाथ लक्ष्य ले आगे बढ़ती। कभी न मानी... Hindi · कविता 2 206 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2020 · 1 min read वर्ण पिरामिड विषय--कोयल या उसके पर्याय विधा --वर्ण पिरामिड ===================== (1) ये पिक कूँ बोले मिश्री घोले गीत सुनाए मन अकुलाए साजन नहीं आए -------------------- (2) जा बैरी कोकिल वनप्रिया हरती जिया... Hindi · कविता 380 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2020 · 1 min read सवैया छंद "फाल्गुन" (किरीट सवैैया छंद) गोकुल में प्रभु रास रचावत मोर शिरोमणि रूप लुभावत। हस्त धरी मुरली मन भावत गोपिन ग्वाल धमाल मचावत।। फागुन की रुत देख सखा सब रंग-अबीर ,गुलाल... Hindi · कविता 468 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2020 · 1 min read काशी की होली 'काशी की होली' ---------------------- काशी नगरी धूम मची है, अस्सी घाटों पर किलकारी। तन-मन भीगा गंगा तीरे,रँग डालें भर-भर पिचकारी। लाल अबीर कपोल रँगे हैं, नीले-पीले अंबर छाए। हाथों में... Hindi · कविता 1 1 253 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2020 · 1 min read रिश्ते जो रिश्ते दम तोड़ रहे वो अर्थहीन हो जाते हैं, जीवन की जागीर बने ये अपनों को तड़पाते हैं। रिश्ते कई रंग में रँगे हुए ये अब तक समझ न... Hindi · कविता 322 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2020 · 2 min read छंदमुत रचना मुक्त छंद रचना "एकाकार" सुनो, तुमने क्या सोचा..... तुम्हारे जाने के बाद- मैं टूटे तारों की रागहीन वीणा बन जाऊँगी? स्पर्श करती सुरमयी तरंगों से तुम्हारा पता पूछूँगी? अब्धि की... Hindi · कविता 294 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Feb 2020 · 1 min read 'गुलाबी ठंड का मौसम' (कविता) गुलाबी ठंड गुलाबी ठंड का मौसम नेह में अगन लगाता है, ओस के मोती झरते हैं कोहरा मन लुभाता है। सजन की बाहें देती हैं नर्म शॉल की गरमी, अधर... Hindi · कविता 1 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Feb 2020 · 1 min read 'कोयल या उसके पर्याय' वर्ण पिरामिड विषय--कोयल या उसके पर्याय विधा --वर्ण पिरामिड ===================== (1) ये पिक कूँ बोले मिश्री घोले गीत सुनाए मन अकुलाए साजन नहीं आए -------------------- (2) जा बैरी कोकिल वनप्रिया हरती जिया... Hindi · कविता 1 237 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Feb 2020 · 1 min read 'ये कैसा खुमार' 'ये कैसा खुमार ये कैसा खुमार है ? भावों का ताना-बाना पहनने को आतुर शब्द कलम का मनुहार कर रहे हैं और अंतस से अभिसिंचित हो रचना का उपहार दे... Hindi · कविता 1 1 203 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Feb 2020 · 1 min read 'तुम क्या जानो' 'तुम क्या जानो?' कौन समझेगा मेरे अंतस की घुटन को तानों की चुभन को श्वास की तपन को ? भोर में जब लाली की रौनक छितराती है, दूर बगिया में... Hindi · कविता 1 217 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Feb 2020 · 1 min read 'यादें' 'यादें' सुनो! तुम्हारी यादें बंद दरवाज़े पर आकर दस्तक देती हैं, जैसे आज भी वो मेरा पता पूछ रही हों। उन्हें क्या मालूम तुम्हारे बिना ये शहर, ये गलियाँ ,... Hindi · कविता 1 1 209 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Feb 2020 · 1 min read कैसा ये मधुमास प्रिय? 'कैसा ये मधुमास प्रिय?' कैसा ये मधुमास प्रिये! जीवन की मधुरिम राहों में पाया नव अहसास प्रिये! झुलस गए आशा के पौधे यौवन झरता पातों से सूख गयीं खुशियों की... Hindi · कविता 2 1 186 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Feb 2020 · 1 min read कैसा ये मधुमास प्रिय? 'कैसा ये मधुमास प्रिय?' कैसा ये मधुमास प्रिये! जीवन की मधुरिम राहों में पाया नव अहसास प्रिये! झुलस गए आशा के पौधे यौवन झरता पातों से सूख गयीं खुशियों की... Hindi · कविता 2 1 223 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 4 Aug 2019 · 2 min read कविता विधा-गीत विषय-'वृद्धाश्रम' विधान-16, 14 (ताटंक छंद, अंत तीन गुरु से) ~~~~ "वृद्धाश्रम" ~~~~~~ मुखड़ा ~~~~ जीर्ण-शीर्ण ममता की मूरत,वृद्धाश्रम में रोती है। गीली लकड़ी सी जलकर वो,अपनी आँखें खोती है।... Hindi · कविता 1 386 Share Page 1 Next