Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 1 min read

पुस्तक की व्यथा

पुस्तक की व्यथा
—————–
आज व्यथा पुस्तक की सुन लो
कैसा यह कलयुग आया है?
खोज-खोज गूगल में सब हल
मानव ने मान घटाया है।
ज्ञान स्रोत गूगल बन बैठा
जिज्ञासा का तोड़ यहाँ है,
पल में हल जो ढूँढ निकाले
दूजा कोई जोड़ कहाँ है?
बोझ तले भारी बस्तों के
दुत्कारी जाती हैं पुस्तक,
आज पढ़े दुनिया पोथी बिन
मन में सिसक रही हैं पुस्तक।
वैज्ञानिक युग की पूछो तो
गूगल रुत्बा निगल गया है,
याद ज़हन में ज़िंदा फिर भी
वक्त हाथ से निकल गया है।
नीम तले बैठक चलती थीं
खोल पृष्ठ जुम्मन पढ़ते थे,
हास्य-व्यंग्य की कविता सुनकर
बैठे लोग हँसा करते थे।
पुस्तक अदली-बदली करके
अगनित रिश्ते नित बनते थे,
बंद किताबों के भीतर तो
कितने ही प्यार पनपते थे।
जिल्द चढ़ाकर इसके तन पर
पूरा कुनबा पढ़ लेता था,
दूजे को फिर बेच किताबें
आधे दाम झटक लेता था।
कल तक लोगों के जीवन में
सुुख-दुख साँझा ये करती थीं,
फ़ुर्सत के लम्हों में सबके
हाथों की शोभा बनती थीं।
आज नहीं है कद्र कहीं भी
बेबस लाचारी ढोती हैं,
बंद पुस्तकालय में प्रतिपल
पीड़ित सब पुस्तक रोती हैं।
पिंजरबद्ध खगों-सी हालत
बीते कल को तरस रहीं ये,
झाँक रहीं सब बंद पटों से
राह देखतीं बरस रहीं ये।

स्वरचित/मौलिक
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी (उ. प्र.)

मैं डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना” यह प्रमाणित करती हूँ कि” पुस्तक की व्यथा” कविता मेरा स्वरचित मौलिक सृजन है। इसके लिए मैं हर तरह से प्रतिबद्ध हूँ।

Language: Hindi
325 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
औरों के संग
औरों के संग
Punam Pande
प्यार का इम्तेहान
प्यार का इम्तेहान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
■ आज का क़तआ (मुक्तक)
■ आज का क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
प्रार्थना
प्रार्थना
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
होली -रमजान ,दीवाली
होली -रमजान ,दीवाली
DrLakshman Jha Parimal
बेटीयां
बेटीयां
Aman Kumar Holy
Love life
Love life
Buddha Prakash
कुछ बात कुछ ख्वाब रहने दे
कुछ बात कुछ ख्वाब रहने दे
डॉ. दीपक मेवाती
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
हुनर का नर गायब हो तो हुनर खाक हो जाये।
Vijay kumar Pandey
कातिल
कातिल
Dr. Kishan tandon kranti
गणपति स्तुति
गणपति स्तुति
Dr Archana Gupta
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
Kanchan Khanna
गुलदानों में आजकल,
गुलदानों में आजकल,
sushil sarna
भारत की है शान तिरंगा
भारत की है शान तिरंगा
surenderpal vaidya
3043.*पूर्णिका*
3043.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
बनारस का घाट
बनारस का घाट
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
एक नयी रीत
एक नयी रीत
Harish Chandra Pande
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
Gouri tiwari
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आहट
आहट
Er. Sanjay Shrivastava
बाबा साहब आम्बेडकर
बाबा साहब आम्बेडकर
Aditya Prakash
# होड़
# होड़
Dheerja Sharma
"शिलालेख "
Slok maurya "umang"
इक्कीसवीं सदी के सपने... / MUSAFIR BAITHA
इक्कीसवीं सदी के सपने... / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*मां चंद्रघंटा*
*मां चंद्रघंटा*
Shashi kala vyas
बेटियां बोझ नहीं होती
बेटियां बोझ नहीं होती
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जाना जग से कब भला , पाया कोई रोक (कुंडलिया)*
जाना जग से कब भला , पाया कोई रोक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
Never forget
Never forget
Dhriti Mishra
Loading...