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12 Feb 2024 · 1 min read

औरों के संग

औरों के सुख में,
खुश होना,
एक जादुई
अहसास है।
जो ऐसा
करते है,
उनको,
जरूर इसका
अभ्यास है,
जग रंगों
से लहराता है।
जब अपनापन
छा जाता है।
यह हलचल
ही आभास है।
मानवीय भाव
यह खास है।
यह भाव गुणों
की खान है।
खुशदिल की
यह पहचान है।
सामाजिकता
का वास है,
सौभाग्य सदा
ही पास है।

डा. पूनम पांडे

Language: Hindi
2 Likes · 56 Views
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