Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2023 · 4 min read

आप और हम जीवन के सच

आप और हम और जीवन के सच में हम इस धारावाहिक में हम कई कहानियों के साथ आपके साथ रहेंगे और आशा है कि आप और हम और जीवन के सच को बहुत बढ़िया और आधुनिक युग के साथ समझेंगे और जीवन को एक दूसरे के साथ जोड़ कर देखते हैं क्योंकि जीवन के निर्णय आप और हम एक समाज के अंतर्गत आते हैं जिसको हम देश, नागरिक, शहर, जनपद के साथ और न जाने क्या-क्या शब्द कहते हैं पर हमं उन सब में कहीं ना कहीं आप और हम और हमारे साथ समाज होता हैं आज हम इस धारावाहिक के सच को समझेंगे और हम इस धारावाहिक में देश के सभी नागरिकों और अपने को और समाज को लेकर चलते हैं जहां तरह तरह के लोग तरह-तरह के व्यापार नौकरी काम धंधे और तरह-तरह के सच झूठ लोगों की मानसिकता चंचलता और धोखा प्रेम और न जाने क्या-क्या जीवन में करते और हम सभी आप और हम सब देखते हैं भला ही क्या बड़े हो बच्चे हो बूढ़े हो आप और हम हमेशा जीवन के सच को नकारते रहते हैं और जो ना करते हैं वह सफल तो नहीं हो सकते बस हम अपने मन को संतुष्ट कर लेती है कि हमने झूठ से अपने आप को बचा लिया आप और हम दिन में अपनों से अपने रिश्तेदारों से और ना जाने किन-किन सर कितने झूठा सच बोलते हैं किंतु जीवन के परिभाषा में हम कहीं ना कहीं मात खा जाती है क्योंकि आप हम को चलाने वाली एक शक्ति भी है जिसे हम कुदरत कहते हैं और उस कुदरत को हम धोखा कभी नहीं दे पाते आप और हम समाज के प्राणी हैं और प्रेम धोखा झूठ फरेब ईश्वर सभी गुण संपन्न हम मानवता के साथ होते हैं क्योंकि मानव की प्रवृत्ति है हम हमेशा अपने आप को दूसरे से चला और अकलमंद समझदार समझते ऐसा नहीं परंतु सभी के साथ सच नहीं हो सकता है क्योंकि जीवन एक सफर है और जिंदगी के रंग में आप और हम एक किरदार हैं जो जीवन के साथ इस दुनिया में रंगमंच के रूप में अपने जीवन का समय बिताते और चले जाते हैं आज हम दुनिया के रंगमंच के लिए आप और हम और जीवन के सच का धारावाहिक के रूप में पैतृक कहानियों से आपका मनोरंजन करेंगे जो जीवन की कल्पना के साथ जुड़े हुए हैं परंतु कुछ उसमें सच और दिल को छूने वाले तथ्य भी आपको मिलेंगे क्योंकि कोई भी कहानी कोई भी उपन्यास मानवता के विचारों और मानवता के जीवन को किसी न किसी पहलू को छू जाता हैं और मन के पहलू को महसूस कराता हुआ निकलता है और कोई भी लेखक कोई भी इंसान हो तब उसका कोई पत्र का कोई भी कविता शब्दों और मन के भावों पर निर्भर करती है तो आइए आज हम अपने पहले धारावाहिक मैं आप और हम जीवन के सच को एक स्कूल के माध्यम से शुरू करना चाहते हैं इस स्कूल में बहुत से बच्चे पढ़ते हैं और उन बच्चों में दो नाम है आदित्य और राज जहां आदित्य बहुत चंचल स्वभाव का एक लड़का 18 या 19 साल का और वो राज बहुत प्रेम करता है जो की उम्र में उससे काफी बड़ी थी। परंतु मन और भावनात्मक रूप में उनका कोई मेल नहीं है फिर भी आदित्य को भाता था क्योंकि आदित्य की मां और बाप बचपन में गुजर चुके थे। वह एक अनाथालय पढ़ कर बढ़ रहा था जब राज को मालूम होता है तो वह भी उसे समझाने का प्रयास करती है परंतु आदित्य तो जीवन में अकेले ही रहा उसे तो समाज और समाज के रीति रिवाजों से मतलब कहां था। बस जिंदगी में राज जोकि एक विधवा आदित्य से लगभग 10 वर्ष बड़ी परिपक्व नारी है वह आदित्य को स्कूल के बाद घर ट्यूशन भी देती है और आदित्य प्राईवेट नौकरी भी करता था और अपनी पढ़ाई के साथ रहने खाने का खर्च भी स्वयं करता था। अब राज भी आदित्य को लेकर सोचती रहती हैं एक दिन अचानक में आदित्य राज के घर पहुंच जाता है बहुत बारिश हो रही होती है राज अपने घर में घरेलू कपड़ों में एक जवान विधवा और बारिश का ठंडा मौसम आदित्य राज के घर आकर बैठ जाता है तब राज चाय और नाश्ता पकौड़े ले आती है अब बारिश तो रुकने का नाम ही न ले रही हैं राज कहती हैं कि आदित्य अब तुम भी मेरे पास रात रुको मौसम खराब है आदित्य भी मान जाता है और राज और आदित्य दोनों खाना खा कर एक ही बेड पर सो जाते हैं जब आदित्य राज का सोते समय गाऊन ऊपर उठ जाता हैं और वह राज का मादक शरीर और उभार देख अपने मन भाव को रोक नहीं पाता है और वह राज के पास चिपक जाता है राज भी तो मौसम में रोक न पाती है और उसके भी शरीर में जवां धड़कन बढ़ जाती हैं और आदित्य और राज़ रात भर हमबिस्तर होते रहते हैं जब सुबह दोनों की आंख खुलती हैं तब दोनों नग्नावस्था में एक दूसरे से लिपटे होते हैं और आदित्य सुबह फिर राज के साथ हम बिस्तर होता है और राज भी भरपूर सहयोग देती हैं। अब राज और आदित्य दोनों स्कूल जाने को तैयार ह़ोते है तब राज कहती हैं जब हम तुम दोनों साथ साथ घर से निकलेंगे तब आस पड़ोस वाले तरह तरह की बातें करेंगे तब आदित्य राज के मंदिर से सिंदूर लाकर राज की मांग भर देता है। और राज का हाथ पकड़ कर सभी के सामने स्कूल चल देता है।

Language: Hindi
86 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा निवेदन
दोहा निवेदन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
लहर तो जीवन में होती हैं
लहर तो जीवन में होती हैं
Neeraj Agarwal
मैं खुश हूँ! गौरवान्वित हूँ कि मुझे सच्चाई,अच्छाई और प्रकृति
मैं खुश हूँ! गौरवान्वित हूँ कि मुझे सच्चाई,अच्छाई और प्रकृति
विमला महरिया मौज
हर पल
हर पल
Neelam Sharma
******जय श्री खाटूश्याम जी की*******
******जय श्री खाटूश्याम जी की*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आंखों में भरी यादें है
आंखों में भरी यादें है
Rekha khichi
!! दो अश्क़ !!
!! दो अश्क़ !!
Chunnu Lal Gupta
*अज्ञानी की कलम  *शूल_पर_गीत*
*अज्ञानी की कलम *शूल_पर_गीत*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
वो चिट्ठियां
वो चिट्ठियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
#दोहा :-
#दोहा :-
*Author प्रणय प्रभात*
*उल्लू (बाल कविता)*
*उल्लू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
नर जीवन
नर जीवन
नवीन जोशी 'नवल'
Kuch nahi hai.... Mager yakin to hai  zindagi  kam hi  sahi.
Kuch nahi hai.... Mager yakin to hai zindagi kam hi sahi.
Rekha Rajput
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"धीरे-धीरे"
Dr. Kishan tandon kranti
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
श्री राम अमृतधुन भजन
श्री राम अमृतधुन भजन
Khaimsingh Saini
सफ़र
सफ़र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
2395.पूर्णिका
2395.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैं उन लोगो में से हूँ
मैं उन लोगो में से हूँ
Dr Manju Saini
मुसलसल ईमान रख
मुसलसल ईमान रख
Bodhisatva kastooriya
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
Atul "Krishn"
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Dr Archana Gupta
नेता बनाम नेताजी(व्यंग्य)
नेता बनाम नेताजी(व्यंग्य)
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मन खामोश है
मन खामोश है
Surinder blackpen
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तेरी आदत में
तेरी आदत में
Dr fauzia Naseem shad
दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर
दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर
Amit Pathak
वो राह देखती होगी
वो राह देखती होगी
Kavita Chouhan
Loading...