Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Dec 2023 · 1 min read

बंधन में रहेंगे तो संवर जायेंगे

बंधन में रहेंगे तो संवर जायेंगे
टूटा अनुशासन तो बिखर जायेंगे।
न भाए ये बात तो हमसे न रूठो
बस जा के ये बात किसी झाड़ू से पूछो!
***धीरजा शर्मा*****

1 Like · 197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dheerja Sharma
View all
You may also like:
चंद्रयान-थ्री
चंद्रयान-थ्री
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
यादें
यादें
Tarkeshwari 'sudhi'
फुटपाथ
फुटपाथ
Prakash Chandra
मोबाइल है हाथ में,
मोबाइल है हाथ में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आस
आस
Shyam Sundar Subramanian
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" मिलन की चाह "
DrLakshman Jha Parimal
उर्वशी कविता से...
उर्वशी कविता से...
Satish Srijan
"टेंशन को टा-टा"
Dr. Kishan tandon kranti
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* लोकार्पण *
* लोकार्पण *
surenderpal vaidya
💐प्रेम कौतुक-549💐
💐प्रेम कौतुक-549💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ज़िंदगी का सफ़र
ज़िंदगी का सफ़र
Dr fauzia Naseem shad
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर  में  व्यापार में ।
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर में व्यापार में ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
2383.पूर्णिका
2383.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हमारा प्रदेश
हमारा प्रदेश
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
जिस्मानी इश्क
जिस्मानी इश्क
Sanjay ' शून्य'
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
Johnny Ahmed 'क़ैस'
हम फर्श पर गुमान करते,
हम फर्श पर गुमान करते,
Neeraj Agarwal
तुम्हारा दीद हो जाए,तो मेरी ईद हो जाए
तुम्हारा दीद हो जाए,तो मेरी ईद हो जाए
Ram Krishan Rastogi
#विषय:- पुरूषोत्तम राम
#विषय:- पुरूषोत्तम राम
Pratibha Pandey
रोजाना आने लगे , बादल अब घनघोर (कुंडलिया)
रोजाना आने लगे , बादल अब घनघोर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
जिन स्वप्नों में जीना चाही
जिन स्वप्नों में जीना चाही
Indu Singh
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
सत्य कुमार प्रेमी
फीसों का शूल : उमेश शुक्ल के हाइकु
फीसों का शूल : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कितना कोलाहल
कितना कोलाहल
Bodhisatva kastooriya
।। सुविचार ।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
जाति बनाने वालों काहे बनाई तुमने जाति ?
जाति बनाने वालों काहे बनाई तुमने जाति ?
शेखर सिंह
Loading...