डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 119 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Nov 2021 · 1 min read गंगा गीतिका 'गंगा' मात्रा भार-16, 11 1. भगीरथ अवनि से जा पहुँचे, स्वर्गलोक के द्वार। देवभूमि से गंगा लाए, तारन को परिवार। 2. देख कठिन प्रण सुत दिलीप का, देव हुए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 264 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Nov 2021 · 1 min read संस्कार (गीतिका) गीतिका "संस्कार" संस्कार जीवन में देते, अनुशासन, सम्मान, सशक्त औषधि ये जीवन की, सुख की सच्ची खान। ममता की घुट्टी हैं समझो, ये शिशु का श्रृंगार, शुभ लक्षण, शुभ ध्येय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 336 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Jun 2020 · 30 min read गजल तिरही ग़ज़ल मापनी-२१२२ २१२२ २१२ काफिया-आना रदीफ़- चाहिए दर्द को दिल में छिपाना चाहिए। अश्क आँखों में न आना चाहिए। ज़ख्म उल्फ़त में मिले उपहार से हर सितम को आजमाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Jun 2020 · 7 min read गजल "बेबसी" दिलदार की मुहब्बत बेज़ार लग रही थी। हर हार आशिक़ी में स्वीकार लग रही थी। उजड़े हुए चमन की काँटों भरी कहानी हालात से मुझे भी लाचार लग रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 330 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल मचलती हसरतें 1222 1222 1222 1222 करें कातिल ज़माने को नज़र में धार होती है। अदावट ही मुहब्बत का यहाँ आधार होती है। सुनाने जब लगे जलसे में आकर वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 262 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'इश्क की होली' किनारा कर लिया जग से मगर मन पीर रखते हैं। जलाकर इश्क की होली जख़्म गंभीर रखते हैं। हवा का तेज़ झोंका ले उड़ा यादें जवानी की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 242 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'खुदाया कभी भी रिहाई न दे' उड़ें पर लगाकर सुझाई न दे। उन्हें सर ज़मीं पर खुदाई न दे। वफ़ा जो निभाते दिलों में बसे उन्हें भूलकर भी जुदाई न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 517 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'ज़िंदगी' वक्त का दस्तूर कैसा ज़िंदगी। चल बता अपना इरादा ज़िंदगी। व्याप्त नफ़रत है दिलों में इस कदर टूटता घर-बार पाया ज़िंदगी। बेरहम रिश्ते यहाँ पलते रहे पेट ने पापी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 387 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'ज़िंदगी' वक्त का दस्तूर कैसा ज़िंदगी। चल बता अपना इरादा ज़िंदगी। व्याप्त नफ़रत है दिलों में इस कदर टूटता घर-बार पाया ज़िंदगी। बेरहम रिश्ते यहाँ पलते रहे पेट ने पापी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 323 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 31 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'उड़ती खबर' आज उड़ती ख़बर सुनी सी है। वक्त रफ़्तार कुछ थमी सी है। दिल करे देखती रहूँ जी भर बेकरारी ज़रा बढ़ा सी है। याद में धूप सी तपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 252 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 31 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'बुलंद हौसले' किसी-किसी की नज़र आसमान होती है। हसीन ख्वाब ज़मीं शादमान होती है। जिन्हें है खौफ़ नहीं रास्तों की मुश्किल का बला का जोश इरादों में जान होती है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 276 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 17 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल लुटेरे रहनुमा इतरा शहर से गुज़रे हैं। ज़रा सँभल के चलें दिल जिगर से गुज़रे हैं। चुराके चैन हँसी आज हमसे छीनी है करीब आके दगा दे उधर से गुज़रे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 327 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'बेरहम वक्त' याद मन को आज बहलाती नहीं दर्द की ग़ज़लें सनम भाती नहीं। बेरहम था वक्त छीना शहर भी लापता पहचान मुस्काती नहीं। प्रीत की मैं वेदना कैसे सहूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 396 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'उड़ती खबर' आज उड़ती ख़बर सुनी सी है। वक्त रफ़्तार कुछ थमी सी है। दिल करे देखती रहूँ जी भर बेकरारी ज़रा बढ़ा सी है। याद में धूप सी तपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 392 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Feb 2020 · 1 min read 'बेरहम वक्त' (ग़ज़ल) 'बेरहम वक्त' याद मन को आज बहलाती नहीं दर्द की ग़ज़लें सनम भाती नहीं। बेरहम था वक्त छीना शहर भी लापता पहचान मुस्काती नहीं। प्रीत की मैं वेदना कैसे सहूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 242 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 3 Aug 2019 · 3 min read ग़ज़ल मुकद्दर में मेरे मुहब्बत नहीं है। मुझे कोई शिकवा, शिकायत नहीं है। तराजू में तोली मुहब्बत हमारी उन्हें दिल लगाने की आदत नहीं है। ख़ता जो न की थी सज़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 296 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 6 Jun 2019 · 1 min read ग़ज़ल बेवफ़ाई आशिक़ी में बेवफ़ाई ने रुलाया है बहुत। मुस्कुराके दर्द होठों ने छुपाया है बहुत। हो रही बारिश सुलगती हैं यहाँ तन्हाइयाँ बेवफ़ाई की मशालों ने जलाया है बहुत। धूप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 213 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 1 May 2019 · 1 min read ग़जल "मज़दूर" सुखों का त्याग कर निर्धन श्रमिक जीवन बिताते हैं। लिए छाले हथेली पर नयन सपने सजाते हैं। चला गुरु फावडा भू पर उठाकर शीश पर बोझा प्रहारों का वसन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 381 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 18 Apr 2019 · 1 min read ग़ज़ल "आदमी" 2122 2122 212 ऐब दुनिया के गिनाता आदमी। आपसी रंजिश बढ़ाता आदमी। चंद सिक्कों में बिकी इंसानियत भूल गैरत आजमाता आदमी। चाल चल शतरंज की हैवान बन भान सत्ता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 259 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल ख्वाब में आए हमारे यूँ हक़ीक़त की तरह। हो गए शामिल दुआ में आप बरकत की तरह। आरजू है उम्रभर का साथ मिल जाए हमें हसरतें दिल की कहें रखलूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 306 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल गिरगिटों सी आदमी की आज फ़ितरत हो गई। बेइमानों की जहाँ में रोज़ इज़्ज़त हो गई। दे दग़ा महबूब ने जागीर समझा है मुझे आज तोड़ा मौन तो मानो क़यामत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 285 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल किसी-किसी की नज़र आसमान होती है। हसीन ख्वाब जमीं शादमान होती है। जिन्हें है खौफ़ नहीं रास्तों की मुश्किल का बला का जोश इरादों में जान होती है। यहाँ जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 247 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल 221 2122 221 2122 "बेबसी" दिलदार की मुहब्बत बेज़ार लग रही थी। हर हार आशिक़ी में स्वीकार लग रही थी। उजड़े हुए चमन की काँटों भरी कहानी हालात से मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 538 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल एक प्रयास 122 122 122 122 कभी झूठ जग से छुपाया न जाए। छुपा कर दिलों में दबाया न जाए। लगी चोट दिल पे किसी के सितम से उसे पीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 248 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल *फ़रेबी* फ़रेबी जात का आशिक वफ़ा को आजमाता है। जिसे कल फ़िक्र थी मेरी वही दिल को सताता है। सनम की याद के अहसास मेरे चाँद, तारे हैं ज़माने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 235 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल *धोखा* 2122 1212 22/112 बस इसी बात का गिला मुझको। हर कदम पर मिला दग़ा मुझको। बेवफ़ा यार गैर सा निकला दाग़ मेरे दिखा रहा मुझको। खा गई प्यार में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 514 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल *बारिश* कँटीले तीर के खंजर चलाने आ गई बारिश। तबाही का हमें मंज़र दिखाने आ गई बारिश। लिपट कर ख़्वाहिशें दिल से फ़फ़क कर रो न पाईं थीं तुम्हारी प्रीत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 273 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल 1222 1222 1222 1222 बारिश हमारी माँग मोती से सजाने आ गई बारिश। तुम्हारे नाम की चुनरी उड़ाने आ गई बारिश। धरा बेचैन होकर देखती थी रास्ता घन का हरित... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 245 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल 2122 1212 22/112 सिर्फ़ इस बात का गिला मुझको। खुद-ब-खुद वो डुबा रहा मुझको। बेवफ़ा यार गैर सा निकला दाग़ मेरे दिखा रहा मुझको। भूल जाती भुला नहीं पाई अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 227 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Feb 2019 · 1 min read ग़ज़ल नहीं हो बाजुओं में दम वही कायर निकलते हैं। जिन्हें परवाज़ पर हो नाज़ वो बे-पर निकलते हैं। रहे भूखे नहीं दो जून की रोटी जुटा पाए बचा ईमान को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 318 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Feb 2019 · 1 min read ग़जल नज़र के तीर से घायल यहाँ हर दिल धड़कता है। बना गिरगिट जहां में आदमी फ़ितरत बदलता है। समंदर आँख में गहरा मगर है तिश्नगी बाकी बसा शैतान को घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 309 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल "रस्म-उल्फ़त" रूँठना भी है अदा उनको मनाना चाहिए। फ़ासलों को दूर कर नज़दीक आना चाहिए। मानकर अधिकार अपना की शिकायत आपसे माफ़ कर उनकी ख़ता को मुस्कुराना चाहिए। तार वीणा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 288 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल "लाज़मी है" ज़िंदगी बोझिल हुई है गुनगुनाना लाज़मी है। रिस रहे रिश्ते यहाँ मरहम बनाना लाज़मी है। गेसुओं से अब झरे शबनम नहीं रुख़सार पर मोतियों से माँग धरती की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 241 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल 'शायरी अपनी जगह' आशिकी अपनी जगह है बेकशी अपनी जगह। मुफ़लिसी अपनी जगह है बेबसी अपनी जगह। था मुकम्मल प्यार उनका बेवफ़ाई कर गए ख़त जला यादें दफ़न कीं शायरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 275 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल "सुनाता हाले दिल अपना" सुनाता हाले दिल अपना मगर सबसे छुपाना था। तुझे मालूम है ए दिल बड़ा दिलकश फ़साना था। छिड़ी है बात उल्फ़त की दबे अहसास जागे हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 281 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल "लिखूँ ए दिल बता क्या मैं" लिखूँ ए दिल बता क्या मैं बड़ा दिलकश फ़साना था। नहीं मैं भूलता उसको वही मेरा खज़ाना था। बहुत खुशियाँ मिलीं मुझको सनम मासूम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 253 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल 'नसीहत' अजब नादान उल्फ़त ने गढ़ी अपनी कहानी है। लिखा हर हर्फ़ आँसू से ग़ज़ल ही तरजुमानी है। अभी हर ज़ख्म गहरा है यहाँ ख़ूने तमन्ना का जुनूने इश्क में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 313 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल *आप हमें भूल गए* गैर के साथ गए मेरी कमी भूल गए। जो हमें याद रहे आज वही भूल गए। घूमते आप फिरे रोज़ नई महफ़िल में दी सज़ा आपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 262 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल 212 212 212 212 "देखते-देखते जल रहा है मकाँ देखते-देखते। मिट गया आशियाँ देखते-देखते। फ़ासले हो गए दूर हम से गए हो गया दिल धुआँ देखते-देखते। था भरोसा दगा वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 320 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल "दिलकश यौवन" 1222 1222 1222 1222 नज़ाकत शोखियों ने रूप यौवन का सँवारा है। तुम्हारी सादगी के हुस्न ने चंदा नकारा है। खिली मुस्कान अधरों पर छटा जैसे बहारों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 249 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल 212 1222 212 1222 "भूल नहीं पाते हैं" दर्द को छुपा जग से होंठ मुस्कुराते हैं। बेवफ़ा सनम हमको नींद में सताते हैं। याद जब करूँ लम्हे टूट कर बिखर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 210 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल 1222 1222 1222 1222 काफ़िया- आर रदीफ़- हो जाना बहुत महँगा पड़ा मुुझको सनम से प्यार हो जाना। मुहब्बत में खुला व्यापार -औ-अख़बार हो जाना। निगाहें जब मिलीं उनसे नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 310 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल "दास्ताने इश्क" इश्क नासूर बन कर उभर जायेगा। दर्दे-ग़म आँसुओं में उतर जायेगा। दास्ताँ हाले दिल की कभी तो सुनो दर्द उठ-उठ के देखो सिहर जायेगा। आप खुदगर्ज़ निकले न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 265 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल 1222 1222 1222 1222 काफ़िया- आर रदीफ़- हो जाना बहुत महँगा पड़ा मुुझको सनम से प्यार हो जाना। मुहब्बत में खुला व्यापार -औ-अख़बार हो जाना। निगाहें जब मिलीं उनसे नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 310 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल "दास्ताने इश्क" वक्त नासूर बन कर ठहर जायेगा। दर्दे-ग़म आँसुओं में उतर जायेगा। दास्ताँ हाले दिल की कभी तो सुनो दर्द उठ-उठ के देखो सिहर जायेगा। आप खुदगर्ज़ निकले न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 411 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 12 Nov 2018 · 4 min read ग़ज़ल ग़ज़ल काफ़िया-आर रदीफ़-बिकते हैं अजब मालिक की दुनिया है यहाँ किरदार बिकते हैं। कहीं सत्ता कहीं ईमान औ व्यापार बिकते हैं। पड़ी हैं बेचनी सांसें कभी खुशियाँ नहीं देखीं निवाले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 307 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Nov 2018 · 1 min read ग़जल "आप गली भूल गए" --------------------------- गैर के साथ चले राह कई भूल गए। जो हमें याद रहे आज वही भूल गए। आपकी याद उदासी बनी इन आँखों की प्रेम का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 450 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल "आज़मा कर देखना" याद में मेरी कभी ख़ुद को भुलाकर देखना। ख़्वाब आँखों ने बुने उनको चुराकर देखना। गीत होठों के सभी क्यों आज बेगाने हुए रख भरम में आप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 412 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल *ज़माने बीत जाते हैं* कभी उल्फ़त निभाने में ज़माने बीत जाते हैं। कभी मिलने मिलाने में ज़माने बीत जाते हैं। कभी वो दर्द देते हैं कभी नासूर बनते हैं कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 296 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल "तुम्हारे बिन" तुम्हारी याद के साए सताते हैं चले आओ हमें जीने नहीं देते रुलाते हैं चले आओ। तुम्हारे गेसुओं में पा पनाह हर शाम गुज़री थी फ़लक से चाँद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 241 Share Page 1 Next