Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2018 · 1 min read

ग़ज़ल

“दास्ताने इश्क”

वक्त नासूर बन कर ठहर जायेगा।
दर्दे-ग़म आँसुओं में उतर जायेगा।

दास्ताँ हाले दिल की कभी तो सुनो
दर्द उठ-उठ के देखो सिहर जायेगा।

आप खुदगर्ज़ निकले न सोचा कभी
कैसे पतझड़ का मौसम सँवर जायेगा।

रात तन्हा उदासी रुलाने लगी
पाते -पाते सज़ा कट सफ़र जायेगा।

रंजो-ग़म पी गए ज़ख़्म भी सह लिए
इश्क मातम मनाने किधर जायेगा।

हुस्न क़ातिल बना लूट हसरत गया
दौर मुश्किल भले है गुज़र जायेगा।

ज़ुल्म कितना सतायेगा ‘रजनी’ हमें
एक दिन ज़ुल्म थक कर बिखर जायेगा।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी(उ. प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर

3 Likes · 1 Comment · 369 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
कहां  गए  वे   खद्दर  धारी  आंसू   सदा   बहाने  वाले।
कहां गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
टेसू के वो फूल कविताएं बन गये ....
टेसू के वो फूल कविताएं बन गये ....
Kshma Urmila
प्यार है,पावन भी है ।
प्यार है,पावन भी है ।
Dr. Man Mohan Krishna
मदमस्त
मदमस्त "नीरो"
*Author प्रणय प्रभात*
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
Phool gufran
सच
सच
Neeraj Agarwal
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
Er. Sanjay Shrivastava
चुल्लू भर पानी में
चुल्लू भर पानी में
Satish Srijan
प्रेम
प्रेम
Bodhisatva kastooriya
कितना भी  कर लो जतन
कितना भी कर लो जतन
Paras Nath Jha
*अध्याय 5*
*अध्याय 5*
Ravi Prakash
अधरों को अपने
अधरों को अपने
Dr. Meenakshi Sharma
मणिपुर कौन बचाए..??
मणिपुर कौन बचाए..??
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गुरु अंगद देव
गुरु अंगद देव
कवि रमेशराज
नारी सौन्दर्य ने
नारी सौन्दर्य ने
Dr. Kishan tandon kranti
औरों की उम्मीदों में
औरों की उम्मीदों में
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
अंतिम युग कलियुग मानो, इसमें अँधकार चरम पर होगा।
अंतिम युग कलियुग मानो, इसमें अँधकार चरम पर होगा।
आर.एस. 'प्रीतम'
23/167.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/167.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
"ढाई अक्षर प्रेम के"
Ekta chitrangini
"प्यार की कहानी "
Pushpraj Anant
जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। न सुख, न दुःख,न नौकरी, न रिश
जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। न सुख, न दुःख,न नौकरी, न रिश
पूर्वार्थ
तर्क-ए-उल्फ़त
तर्क-ए-उल्फ़त
Neelam Sharma
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शीर्षक – शुष्क जीवन
शीर्षक – शुष्क जीवन
Manju sagar
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
ऋचा पाठक पंत
द्रोपदी का चीरहरण करने पर भी निर्वस्त्र नहीं हुई, परंतु पूरे
द्रोपदी का चीरहरण करने पर भी निर्वस्त्र नहीं हुई, परंतु पूरे
Sanjay ' शून्य'
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Loading...