Ram Krishan Rastogi 1288 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next Ram Krishan Rastogi 20 Apr 2022 · 1 min read मेरे पिता मेरे पिता थे हृदय विशाल, वे मुझ पर प्यार लुटाते थे। कर संकू ना वर्णन शब्दो में, वे देव तुल्य पिता कहलाते थे।। मेरे पिता प्यार के सागर थे, उनके... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 19 33 946 Share Ram Krishan Rastogi 19 Apr 2022 · 1 min read शादीशुदा कुंवारा (हास्य व्यंग) आदमी कितनी भी शादी कर ले, थोड़ा बहुत कुंवारा रह जाता है। बच्चे जितने भी हो जाए उसके, थोड़ा बहुत बचपना रह जाता है।। शादी शुदा कुंवारा बड़ा मिलनसार होता,... Hindi · मुक्तक 2 3 703 Share Ram Krishan Rastogi 19 Apr 2022 · 1 min read किसके लिए संवर रही हो तुम किस के लिए संवर रहीं हो तुम। अपने आप में निखर रही हो तुम।। तेरा भंवरा तो आ चुका है तेरे ही पास। फिर फूल बनकर क्यों बिखर रही हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 6 282 Share Ram Krishan Rastogi 19 Apr 2022 · 1 min read कविता पर दोहे कविता ऐसी तुम लिखिए, सब को होए ज्ञान। सारे विश्व का हित हो, जग का हो कल्याण।। कविता ऐसी चांदनी, चहुं ओर हो प्रकाश। प्रंशसा करने लगे, अवनि और आकाश।।... Hindi · दोहा 4 6 978 Share Ram Krishan Rastogi 18 Apr 2022 · 1 min read चंदा मामा बाल कविता चंदा मामा पहन पायजामा, पहुंचे एक दिन वे सुसराल। बड़ी साली ने पलंग बिछाया, डाला उस पर मखमली शाल।। छोटी साली नमकीन है लाई, सलज मिठाई लेकर है आई। सासू... Hindi · कविता 9 10 708 Share Ram Krishan Rastogi 18 Apr 2022 · 1 min read एक हास्य व्यंग रचना आ लौट कर आजा मेरे हसबैंड, नही तो तेरा वही बैंड बजा दूंगी। तूने समझा मुझे होगा कमजोर, ऐसी गलती न करना कोई और नही तो वही आकर मै तेरा... Hindi · लोकगीत 2 2 373 Share Ram Krishan Rastogi 17 Apr 2022 · 1 min read हम इतने भी बुरे नही,जितना लोगो ने बताया है हम इतने भी बुरे नही,जितना लोगो ने बताया है। शायद तुझे गलत लोगो ने गलत ही समझाया है।। शायद हम उनकी नज़रों से बहुत दूर हो चुके है। लगता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 9 800 Share Ram Krishan Rastogi 16 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता बाहर कड़ी धूप में जलता है। तब कही घर में चूल्हा जलता है।। पिता एक उम्मीद है एक आस है। परिवार की हिम्मत व विश्वाश है।। पिता बाहर से... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 40 75 1k Share Ram Krishan Rastogi 16 Apr 2022 · 1 min read हनुमान जयंती पर कुछ मुक्तक हाथ में गदा रखते है हनुमान, लाल लंगोट पहनते है हनुमान। जो उनकी पूजा सदैव है करता, उनका कल्याण करते है हनुमान। अष्ट सिद्धि के दाता है हनुमान नौ निधियों... Hindi · मुक्तक 4 5 564 Share Ram Krishan Rastogi 15 Apr 2022 · 1 min read नींबू के मन की वेदना नींबू के मन के वेदना **************** कब तक तुम मुझको दरवाज़े पर लटकाओगे। मेरे भी कुछ अरमान है,कब तक मुझे सताओगे।। मैने किए बहुत उपकार बुरी नजरों से बचाया है।... Hindi · कविता 2 3 480 Share Ram Krishan Rastogi 15 Apr 2022 · 1 min read नींबू की चाह चाह नहीं मेरी,मिर्ची की साथ मै गूंथा जाऊं। चाह नहीं मेरी,दरवाजे पर लटकाया जाऊं।। चाह नहीं मेरी,नमक चीनी के साथ में घुल जाऊं। चाह नहीं मेरी,मटर की चाट का स्वाद... Hindi · कविता 4 5 712 Share Ram Krishan Rastogi 15 Apr 2022 · 1 min read मै हूं एक मिट्टी का घड़ा मै हूं एक मिट्टी का घड़ा, सड़क किनारे मै हूं पड़ा। बुझाता हूं मै सबकी प्यास, कुम्हार मुझे लिए है खड़ा।। खुदाने से खोदकर मिट्टी लाता है, तब कहीं कुम्हार... Hindi · कविता 1 4 1k Share Ram Krishan Rastogi 14 Apr 2022 · 1 min read कौन किसके बिन अधूरा है कविता बिन कवि अधूरा है, सरिता बिन सागर अधूरा है। जब तक उनका न हो संगम, काव्य व जल संचय अधूरा है।। स्वर बिन व्यंजन अधूरा है, व्यंजन बिन शब्द... Hindi · मुक्तक 2 2 1k Share Ram Krishan Rastogi 14 Apr 2022 · 1 min read झरने और कवि का वार्तालाप पर्वतो की गोद से निकल, एक झरना ये सोचने लगा। पता नही मेरे भाग्य में क्या लिखा, क्यू मै पर्वतों से अब बिछड़ने लगा।। सोचते सोचते वह आगे बढ़ा, पर्वतों... Hindi · कविता 6 2 1k Share Ram Krishan Rastogi 14 Apr 2022 · 1 min read गरीब के हालात कोई नही जाना चाहता है,गरीब के करीब। ये फितरत देखी इस जमाने की अज़ीब।। कहते हैं नेता कोई न रहेगा देश में गरीब। सच्चाई को बताओ जाकर इनके करीब।। चिनते... Hindi · कविता 4 6 1k Share Ram Krishan Rastogi 13 Apr 2022 · 1 min read चलो गांवो की ओर चलते है शहर छोड़ अपने गांवों की हम ओर। यहां न मिलेगा शहरों जैसा उच्चा हमको शोर।। मिलेगी ठंडी स्वच्छ हवा गांवों में ही हमको। कोई भी डर न होगा... Hindi · कविता 2 5 675 Share Ram Krishan Rastogi 13 Apr 2022 · 1 min read मै जलियांवाला बाग बोल रहा हूं मै जलियाँ वाला बाग बोल रहा हूँ,जालिम डायर की कहानी सुनाता हूँ | निहत्थो पर गोली चलाई थी,मरने वालो की चीखे सुनाता हूँ || चश्मदीद गवाह था मै यह सब... Hindi · कविता 3 3 822 Share Ram Krishan Rastogi 13 Apr 2022 · 1 min read मिला है जब से साथ तुम्हारा मिला है जब से साथ तुम्हारा, मन के तार झंकृत होने लगे है। जो शब्द थे अंदर दिल में मेरे, वो अब सब बाहर आने लगे हैं।। सातों स्वर अब... Hindi · कविता 3 3 345 Share Ram Krishan Rastogi 12 Apr 2022 · 1 min read आ लौट के आजा घनश्याम आ लौट के आजा घनश्याम, तुझे तेरे सखा बुलाते है। जब से तूने गोकुल है छोड़ा, खाने को मिलता माखन थोड़ा। मैया यशोदा बड़ी है उदास, आकर मिटाजा उनकी प्यास।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 606 Share Ram Krishan Rastogi 12 Apr 2022 · 1 min read कलयुग की पहचान दिखाओ कुछ करो कुछ,यही कलयुग की है पहचान। काले कारनामे करते रहे,यही नेक इंसान की पहचान।। सत्ता को हासिल करने के लिए बेचो धर्म ईमान। यही प्रजातंत्र में है,अच्छे नेता... Hindi · कविता 2 3 968 Share Ram Krishan Rastogi 11 Apr 2022 · 1 min read कविता क्या है ? कविता ऐसी तुम लिखिए,सब को होवे ज्ञान। सारे विश्व का हित हो,जग का हो कल्याण।। कविता ऐसी चांदनी, चहु ओर हो प्रकाश। प्रंशसा करने लगे, अवनि और आकाश।। कविता कवि... Hindi · दोहा 3 4 383 Share Ram Krishan Rastogi 11 Apr 2022 · 1 min read दिल से निकले हुए कुछ मुक्तक मेरे दिल में हो तुम, मेरी सांसों में हो तुम। देखती हूं मै जिधर, दिखाई देते हो तुम।। मेरी धड़कनों में हो तुम, मेरी तड़पनो में हो तुम। बन्द हो... Hindi · मुक्तक 3 2 465 Share Ram Krishan Rastogi 11 Apr 2022 · 1 min read कह न पाई,सारी रात सोचती रही कह न पाई सारी रात सोचती रही। मै अपने जज्बातों को तोलती रही।। तुमने कभी न सुना मुझको कभी। मै तुमसे अपनी बात बोलती रही। रास्ते में तुमने अकेला छोड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 536 Share Ram Krishan Rastogi 11 Apr 2022 · 1 min read जिंदगी क्या है? हर रात सुलझा कर सिरहाने रखते है ये जिंदगी। सुबह उठते ही उलझी पड़ी मिलती है ये जिंदगी।। सुलझा सुलझा कर थक जाते हैं हम ये जिंदगी। थकती नहीं ये... Hindi · कविता 2 2 352 Share Ram Krishan Rastogi 10 Apr 2022 · 1 min read मेरे दिल के करीब,आओगे कब तुम ? मेरे दिल के करीब,आओगे कब तुम ? आकर मुझे गले से लगाओ कब तुम ? चूड़ियां लाई हूं मैं अभी मीना बाज़ार से। आकर चूड़ियों को पहनाओगे कब तुम ?... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 5 912 Share Ram Krishan Rastogi 10 Apr 2022 · 1 min read राम नवमी राम नवमी ******** शुभ-अवसर है राम-जन्म का, आओ सब मिल शीश झुकाएं। हम तम को मारें, दीप जलाएं, राम जैसा हम चरित्र बनाए।। आती है हर मास में नवमी इस... Hindi · कविता 2 3 346 Share Ram Krishan Rastogi 10 Apr 2022 · 1 min read प्रेम की पींग बढ़ाओ जरा धीरे धीरे प्रेम की पींग बढ़ाओ जरा धीरे धीरे। इसका रंग चढ़ाओ जरा धीरे धीरे।। रूठ जाऊं अगर तुमसे जिंदगी में। आकर मुझे मनाओ जरा धीरे धीरे।। पढ़ाती रहती हो दिन रात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 443 Share Ram Krishan Rastogi 9 Apr 2022 · 1 min read चाय पीने पिलाने वालो पर कुछ हास्य व्यंग सुबह उठते ही,बीबी को दो चाय पिलाए। सारे दिन खुश रहे,मुंह भी बंद हो जाए।। आंखे न खोलिए,जब तक चाय मिले न तोय। सुड सुडा कर पीजिए,मूड फ्रेश तब ही... Hindi · कविता 4 275 Share Ram Krishan Rastogi 9 Apr 2022 · 1 min read तेरे दिल में कोई और है तेरे दिल में कोई और है, तुझे चाहता कोई और है। हो रहा है क्या समाज में, तेरे पास रहता कोई और है।। तेरी बात चली किसी और से, तेरी... Hindi · मुक्तक 3 3 707 Share Ram Krishan Rastogi 8 Apr 2022 · 1 min read तुम और मैं तुम और मै ********* तुम इंग्लिश पढ़ी लिखी हो, मै हिन्दी भी भूल चुका हूं। तुम बुलेट ट्रेन जापान की हो, मै मिचकु खां का ठेला हूं। तुम बेंगलोरी सिलकन... Hindi · कविता 5 4 412 Share Ram Krishan Rastogi 8 Apr 2022 · 1 min read विरह वेदना जब लगी मुझे सताने विरह वेदना जब लगी मुझे सताने। मुझे लगने लगे अपने भी बिराने।। जो लगती थी,मुझे तरु की शीतल छाया। वो अब जला रही है मेरी निर्मल काया।। खुली खिड़की से... Hindi · कविता 4 3 745 Share Ram Krishan Rastogi 7 Apr 2022 · 1 min read तन्हा हूं, मुझे तन्हा रहने दो तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो, गम में हूं, गमजदा रहने दो। मत छीनो मेरी तुम तन्हाइयां, इसमें ही मुझे तुम रहने दो। इससे मुझे शकुन मिलता है तन्हा रहकर जनून... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 499 Share Ram Krishan Rastogi 7 Apr 2022 · 1 min read तीन शिक्षाप्रद मुक्तक कुछ काम करो ऐसा,दुनिया याद करे तुमको, कौन था ये व्यक्ति,मालूम करने लगे तुमको। छोड़ जाओ दुनिया में ऐसे पदचिन्ह तुम अपने, उन पद चिन्हों से दुनिया अनुसरण करे तुमको।।... Hindi · मुक्तक 1 2 208 Share Ram Krishan Rastogi 7 Apr 2022 · 1 min read मै भी हूं तन्हा,तुम भी हो तन्हा मैं भी हूं तन्हा, तुम भी हो अब तन्हा। चले उस जगह, जहां दोनों हो तन्हा।। सूरज भी है तन्हा, चांद भी है तन्हा। करते है सफ़र आसमां में वे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 5 203 Share Ram Krishan Rastogi 6 Apr 2022 · 1 min read मत याद दिलाओ अतीत की यादें मत याद दिलाओ अतीत की यादें, जाने कितनी तड़पने छिपी हुई है। मत खोलो दिल की परते अब तुम, जाने कितनी चीखे भरी हुई है।। मत जलाओ मेरी तमन्नाओं को,... Hindi · कविता 2 3 174 Share Ram Krishan Rastogi 6 Apr 2022 · 1 min read किस्मत और जिंदगी पर मुक्तक किस्मत ने जैसा चाहा,वैसा ही ढल गए हम, संभल के चले थे,फिर भी फिसल गए हम। किसी ने दिल तोड़ा किसी ने विश्वास तोड़ा, ओर लोगो ने समझा बिल्कुल बदल... Hindi · मुक्तक 3 4 166 Share Ram Krishan Rastogi 5 Apr 2022 · 1 min read मै पैसा हूं दोस्तो मेरे रूप बने है अनेक मै पैसा हूं दोस्तो मेरे रूप बने है अनेक। हर स्थान में नाम बदलू रूप न मेरा एक। मै पैसा हूं,मेरे रूप बदलते रहते है हर दम। नेता मेरे आगे... Hindi · कविता 8 10 983 Share Ram Krishan Rastogi 5 Apr 2022 · 1 min read सब कुछ दिखावटी हो रहा सब कुछ बदल चुका है अब तो दिखावटी हो रहा। प्यार मोहब्बतअब कहां वह भी बनावटी हो रहा।। अब तो हर इंसान बनावटी बाते ही कर रहा। बिना मतलब के... Hindi · कविता 4 7 262 Share Ram Krishan Rastogi 4 Apr 2022 · 5 min read मकान का महूर्त मकान का महूर्त ************ " भैया, परसों नये मकान पे हवन है। छुट्टी का दिन है। आप सभी को सपरिवार आना है, मैं गाड़ी भेज दूँगा।" छोटे भाई श्रीकृष्ण ने... Hindi · लघु कथा 2 5 539 Share Ram Krishan Rastogi 4 Apr 2022 · 2 min read ए टू जेड हमारी माताओं के नाम आप सभी महानुभाव अंग्रेजी के 26 अक्षरों से भली भाती परिचित होगे पर इन सभी अक्षरों में हमारी 26 माताओ के नाम भी छिपे हुए है। मै इस कविता के... Hindi · कविता 4 3 335 Share Ram Krishan Rastogi 3 Apr 2022 · 2 min read आज क्या क्या बदल चुका है पहले तन ढकने को कपड़े न थे, फिर भी अपने तन को ढकते थे। अब तन ढकने के लिए कपड़े है, फिर भी तन को अर्धनग्न रखते हैं। क्योंकि आज... Hindi · कविता 4 2 490 Share Ram Krishan Rastogi 2 Apr 2022 · 1 min read हिंदी के बारह महीने अंग्रेजी महीनो के नाम सभी है जानते। हिंदी के महीनो के नाम बच्चे न जानते।। हिंदी के महीनो के नाम हम विस्तार से बताते। कर लो इनके नाम याद केवल... Hindi · कविता 1 1 225 Share Ram Krishan Rastogi 1 Apr 2022 · 1 min read नववर्ष पर प्रभु से प्रार्थना हे! प्रभु सबको इस नव वर्ष में, रिद्धि दो सिद्धि दो वंश धन में वृद्धि दो सबको मान दो, और सम्मान दो , चित्त में ध्यान दो, अभय का दान... Hindi · कविता 2 3 231 Share Ram Krishan Rastogi 1 Apr 2022 · 1 min read अप्रैल फूल को बनाए कूल बनाए ना आज किसी को अप्रैल फूल। लगाईये आज वृक्ष,हो जाए सब कूल।। हो जाए सब कूल,मिलगी सबको छाया, बैठ के इसके नीचे,आनंदित होगी काया। कह रस्तोगी कविराय,ऐसा सब कर... Hindi · कुण्डलिया 3 3 356 Share Ram Krishan Rastogi 1 Apr 2022 · 1 min read ध्यान धर खुद को तू टटोल ध्यान धर खुद को तू टटोल। मूंद नयन मन को तू टटोल।। मत समझ तूने किए सुंदर करम, यह है तेरे मन का झूठा भरम, जैसे करम तू यहां करेगा,... Hindi · कविता 1 1 144 Share Ram Krishan Rastogi 31 Mar 2022 · 1 min read तेरी यादों की खुशबू तेरी यादों की खुशबू में हम महकते रहते है, जब जब तुझको सोचते है बहकते रहते है। अगर तेरा साथ मिल जाता हमे पूरी जिंदगी, पक्षियों की तरह पूरी जिंदगी... Hindi · मुक्तक 4 7 416 Share Ram Krishan Rastogi 30 Mar 2022 · 1 min read प्यार भरा मुक्तक छिपा लिया नैनो में तुमको मैने, गिरा दिए हैं पलको के पर्दे मैने। अब तो बस जाओ दिल में मेरे, जो कहा था वो मान लिया मैने।। आर के रस्तोगी... Hindi · मुक्तक 2 2 258 Share Ram Krishan Rastogi 30 Mar 2022 · 1 min read उम्र के हर पड़ाव पर उम्र के हर पड़ाव पर, हर तरह के लोग मिले, कुछ दोस्त मिले, कुछ दुश्मन मिले, कुछ वफादार मिले, कुछ बेवफा मिले, कुछ लोग ही ऐसे थे, जो हमेशा मेरे... Hindi · कविता 4 5 381 Share Ram Krishan Rastogi 29 Mar 2022 · 1 min read पता नही मानव किस दिशा में अब जा रहा बढ़ती जा रही सुविधाएं,सुख घटता जा रहा। पता नही मानव,किस दिशा में अब जा रहा।। सामान बढ़ता जा रहा,सम्मान घटता जा रहा। पता नही समाज में,ऐसा क्यों होता जा रहा।।... Hindi · कविता 3 5 181 Share Ram Krishan Rastogi 27 Mar 2022 · 1 min read गरीब के हालात कोई नही जाना चाहता है,गरीब के करीब। ये फितरत देखी इस जमाने की अज़ीब।। कहते हैं नेता कोई न रहेगा देश में गरीब। सच्चाई को बताओ जाकर इनके करीब।। चिनते... Hindi · कविता 3 3 307 Share Previous Page 10 Next