Comments (7)
5 Apr 2022 10:34 AM
Very correct observation
Ram Krishan Rastogi
Author
5 Apr 2022 11:02 AM
धन्यवाद जी
5 Apr 2022 10:04 AM
दुनिया का बनावटी चेहरा उजागर करता एक शानदार ,यथार्थवादी गीत ।इसके लिए आदरणीय कवि श्रेष्ठ रस्तोगी जी को लाख- लाख बधाईयां – साधुवाद ।
Ram Krishan Rastogi
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5 Apr 2022 10:22 AM
धन्यवाद श्री त्रिपाठी जी
Ram Krishan Rastogi
Author
5 Apr 2022 09:12 AM
क्या आप यह महसूस नही कर रहे कि आजकल जो कुछ हो रहा है वह कुछ दिखावटी बनावटी और मिलावटी हो रहा है।
सत्य वचन सब कुछ दिखावटी होता जा रहा है यहाँ तक कि संबंध भी जय हो कविराज शानदार कवित्व
धन्यवाद श्री शशि जी