बहुत सुंदर सुंदर रचना। सर
धन्यवाद अनामिका सिंह जी
बहुत ही खुबसूरत रचना।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढकर कृतार्थ करें।
धन्यवाद विनोद जी
बहुत सुन्दर | मेरी रचना पिता पढकर अपनी प्रतिक्रिया देने की कृपा करें|
धन्यवाद।अवश्य
बहुत ही शानदार आदरणीय। मेरी कविता वो कोई और नहीं पिता है और पिता रूप एक स्वरूप अनेक पर अपना आशीर्वाद और आशीष दें
धन्यवाद ।अवश्य
बहुत ही सुन्दर।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे
धन्यवाद।अवश्य
अमन कुमार जी धन्यवाद
आशीष कुमार जी धन्यवाद
अमन शर्मा जी धन्यवाद।
बहुत ही सुंदर पंक्तियां, सर जी
पिता विषय पर आपकी अति सुंदर हेतु बहुत बहुत बधाई! मेरी रचना ‘कर्ज भरना पिता का न आसान है’ का अवलोकन भी अवश्य करें। यदि रचना अच्छी लगे तो आशीर्वाद स्वरूप लाइक व कमेंट भी दें।
श्री डी के निवातिया जी धन्यवाद
अति सुंदर रचना आपकी मान्यवर, कृपया मेरी रचना शीर्षक ” पिता – नीम की छाँव सा ” को नजर कर अपने विचार साझा करें , धन्यवाद आपका।
अर्चना जी धन्यवाद
Amazing
साहिल जी शुक्रिया
प्यारी बिटिया जुली अग्रवाल धन्यवाद
श्रीं कंसल जी धन्यवाद
अनुराग दीक्षित जी धन्यवाद
Outstanding panktiya for father
श्री अविनाश जी धन्यवाद
वन्दनीय सृजन … भावपूर्ण … सुंदर कृति …आपका लेखन सराहनीय है । आदरणीय … उक्त शीर्षक पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें।
रचना पर पहुंच कर like & comment करें ।
धन्यवाद जी