Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2022 · 1 min read

कविता क्या है ?

कविता ऐसी तुम लिखिए,सब को होवे ज्ञान।
सारे विश्व का हित हो,जग का हो कल्याण।।

कविता ऐसी चांदनी, चहु ओर हो प्रकाश।
प्रंशसा करने लगे, अवनि और आकाश।।

कविता कवि की शान है,डालत उसमे जान।
सुंदर स्वर्ण कविता की,यही होत पहचान।।

मन में जब हो वेदना, नयन बहे चुपचाप।
निर्मल मनवा से शब्द,कविता बनती आप।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 348 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
Pakhi Jain
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
बीते लम़्हे
बीते लम़्हे
Shyam Sundar Subramanian
हा मैं हारता नहीं, तो जीतता भी नहीं,
हा मैं हारता नहीं, तो जीतता भी नहीं,
Sandeep Mishra
आप तो गुलाब है,कभी बबूल न बनिए
आप तो गुलाब है,कभी बबूल न बनिए
Ram Krishan Rastogi
कृष्ण काव्य धारा एव हिंदी साहित्य
कृष्ण काव्य धारा एव हिंदी साहित्य
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
महापुरुषों की सीख
महापुरुषों की सीख
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फितरत
फितरत
Sidhartha Mishra
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
Kshma Urmila
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
Shakil Alam
सच तो कुछ भी न,
सच तो कुछ भी न,
Neeraj Agarwal
दुनिया  की बातों में न उलझा  कीजिए,
दुनिया की बातों में न उलझा कीजिए,
करन ''केसरा''
बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज)
बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
हिन्दी पर हाइकू .....
हिन्दी पर हाइकू .....
sushil sarna
किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर
किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर
आर.एस. 'प्रीतम'
■ #मुक्तक
■ #मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
वाक़िफ नहीं है कोई
वाक़िफ नहीं है कोई
Dr fauzia Naseem shad
भुनेश्वर सिन्हा कांग्रेस के युवा नेता जिसने संघर्ष से बनाया अपना नाम जानिए?
भुनेश्वर सिन्हा कांग्रेस के युवा नेता जिसने संघर्ष से बनाया अपना नाम जानिए?
Jansamavad
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
Vishal babu (vishu)
खेत -खलिहान
खेत -खलिहान
नाथ सोनांचली
*कहां किसी को मुकम्मल जहां मिलता है*
*कहां किसी को मुकम्मल जहां मिलता है*
Harminder Kaur
"इस रोड के जैसे ही _
Rajesh vyas
ताप
ताप
नन्दलाल सुथार "राही"
शिवा कहे,
शिवा कहे, "शिव" की वाणी, जन, दुनिया थर्राए।
SPK Sachin Lodhi
नानखटाई( बाल कविता )
नानखटाई( बाल कविता )
Ravi Prakash
आंखन तिमिर बढ़ा,
आंखन तिमिर बढ़ा,
Mahender Singh Manu
93. ये खत मोहब्बत के
93. ये खत मोहब्बत के
Dr. Man Mohan Krishna
धोखा
धोखा
Paras Nath Jha
*सांच को आंच नहीं*
*सांच को आंच नहीं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
Phool gufran
Loading...